बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- मूल्यों के विकास में संस्कृति एवं सभ्यता में अंतर को बताइए।
उत्तर -
संस्कृति तथा सभ्यता में अंतर - संस्कृति मनुष्य की उन क्रियाओं, व्यापारों एवं अभिव्यक्तियों का नाम है जिन्हें वह साधन रूप में देखता है, जबकि 'सभ्यता' मनुष्य की क्रियाओं क्रियाओं से उत्पन्न होने वाली वस्तुओं का नाम है, जिन्हें वह साधन के रूप में प्रयोग करता है। इन दोनों शब्दों के अंतर को तुलनात्मक रूप से निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।
संस्कृति | सभ्यता |
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1. मानव का साक्षात् स्वरूप ही उसकी संस्कृति है। | 1. मानव सभ्यता वह है जिसका सामाजिक जीवन में उपयोग करता है। |
2. संस्कृति मानव की आंतरिक प्रकृति को व्यक्त करती है। | 2. सभ्यता मानव की बाह्य व्यवस्था है, जो साधनों को नियंत्रित करती है। |
3. संस्कृति प्रायः अप्राणीय उपादानों को स्थान देती है। | 3. जबकि सभ्यता भौतिक उपादानों को महत्व देती है। |
4. संस्कृति का संबंध मानव मूल्यों से होता है। | 4. जबकि सभ्यता का संबंध उपयोगिता से लिया जाता है। |
5. संस्कृति का निरंतर, उत्पत्ति एवं प्रवर्तन निरंतर प्रवाहमान होता है। | 5. सभ्यता का निरंतर, उत्पत्ति एवं प्रवर्तन नष्ट होता है, वह कभी भी नष्ट हो सकता है। |
6. संस्कृति समूहों के साथ प्रवाहित होती है। | 6. सभ्यता सम्पूर्ण मानव जाति में परिणत होती है। |
7. संस्कृति अपने दो स्वरूपों में भौतिक एवं अभौतिक रूप में दृष्टिगोचर होती है। | 7. सभ्यता का प्रचार एवं प्रसार एक ही स्वरूप में परिणत होती है, जो नए होकर भी नये कल्चर में परिणत हो सकती है। |
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