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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :232
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2701
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

प्रश्न- भारतीय संस्कृति को परिभाषित कीजिए एवं इसके वर्गीकरण को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

भारतीय संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा - संस्कृति शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है - सम एवं कृति जिसका अर्थ है अच्छी प्रकार करना।

अतः अच्छी प्रकार से किए गए कार्य को ही संस्कृति कहते हैं। विभिन्न विद्वानों ने संस्कृति के अर्थ में भिन्नता में अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।

के.एम. मुंशी के अनुसार - "संस्कृति जीवन की विशेषता है जो समाज में रहने वाले व्यक्तियों के आधारभूत मूल्यों से प्रभावित होती है। यह कला, धर्म, साहित्य संस्थाओं एवं व्यवहार द्वारा अवबोधित किए गए मूल्यों का कुल योग है जिससे व्यक्ति सामाजिक आवश्यकताओं द्वारा प्रेरित कार्यों एवं सामाजिक आवश्यकताओं द्वारा प्रेरित कार्यों की अभिव्यक्ति की जाती है।"

ब्लूमफील्ड के शब्दों में - "संस्कृति मानव द्वारा सामायोजन के लिए सीखे गए प्रयासों का परिणाम है।"

"Culture consists of all results (products) of human learned efforts at adjustment."

डॉसन के शब्दों में - "संस्कृति जीवन का एक सामान्य तरीका है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक वातावरण एवं आर्थिक आवश्यकताओं के साथ सामायोजन करता है।"

"A culture is a common way of life, particular adjustment of man to his natural surrounding and his economic needs."

आटोले के अनुसार - "किसी समाज की संस्कृति से तात्पर्य है उस समाज की सम्पूर्ण जीवन-पद्धति।"

"The Culture of society means the total way of life of a society."

सर्वेस्व एवं बुक्कन के अनुसार - "संस्कृति में प्रमुख वस्तुएं सम्मिलित होती हैं, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित की जा सकती हैं। किसी जन समुदाय की संस्कृति उसकी सामाजिक विरासत होती है।"

"Culture includes anything that can be communicated from one generation to another, the culture of people is their social heritage."

श्री अरविंद के अनुसार- "संस्कृति मानव की जीवन के प्रति चेतना की अभिव्यक्ति है।"
"Culture of the people may be described as the expression of a consciousness of life."

भारतीय संस्कृति का वर्गीकरण - शिक्षाशास्त्रियों ने संस्कृति को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया है-

जन्मजात संस्कृति एवं अर्जित संस्कृति - जन्मजात संस्कृति वह है, जो मानव की आधारभूत इच्छाओं पर आधारित होती है, जैसे- भोजन, सुरक्षा, किंतु अर्जित संस्कृति में खेल, जाति, प्रजाति, समुदाय, परिवार एवं धर्म से प्राप्त चीजें निहित हुआ करती हैं।

भौतिक एवं अभौतिक संस्कृति - भौतिक संस्कृति में मूर्त वस्तुएं सम्मिलित हो जाती हैं, जैसे- भवन, आवासीय साधन, यंत्र, उपकरण आदि जबकि अभौतिक संस्कृति अमूर्त होती है। इसमें आस्था, मूल्य, परंपरा-परिवार परम्पराएं आदि को सम्मिलित किया जाता है।

सार्वभौमिक एवं विशेष संस्कृति - प्रोलैत्जकी एवं लिंटन वर्गीकरण के विषय में एकमत हैं। इनके अनुसार सार्वभौमिक संस्कृति में समाज की सभी नवीन प्रवृत्तियां होती हैं जिन्हें सभी स्वीकार करते हैं, इसके अतिरिक्त विशेष संस्कृति वह है जो विशिष्टकरण की प्रक्रिया पर आधारित है।

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