बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- समावेशी शिक्षा की अवधारणा का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
समावेशी शिक्षा की मुख्य धारणा का श्रेय सैमुअल ग्रिडले होवे एक अमेरिकी विद्वान को जाता है, जिन्होंने अपनी कक्षा में दृष्टि एवं श्रवण रूप से बाधित बालकों के शिक्षण में अनुसंधान दिया।
उन्होंने अपने बालकों की शिक्षा सामान्य विद्यालयों में देना बेहतर समझा क्योंकि इसमें सामाजिक समायोजन के अवसर प्रस्तुत हो सकते थे। उन्होंने अपने और शारीरिक रूप से बाधित बालकों की शिक्षा सामान्य बालकों के संपर्क में रखकर देने की भी वकालत की। 1975 में अमेरिका ने शिक्षा को मुख्य धारा में समाविष्ट करने के प्रयास किए और समावेशी शिक्षा की अवधारणा शुरू की।
समावेशी शिक्षा के मुख्य बिंदु:
- असमर्थ बालकों की शिक्षा सामान्य बालकों के साथ-साथ होनी चाहिए।
- असमर्थ बालकों को विशेष शिक्षा की आवश्यकताएँ अधिक प्रभावी व दीर्घकालिक होती हैं।
- सामान्य कक्षाएँ, सामान्य स्कूल तथा अन्य आवश्यकताएँ असमर्थ बालकों के लिए सामान्य बालकों से अलग केवल विशेष परिस्थितियों में होनी चाहिए। ऐसी परिस्थितियों में जब बालकों की विशिष्ट आवश्यकताएँ नियमित स्कूल में उपलब्ध कराना संभव न हो, तब इन्हें अन्य विशेष संस्थानों में रखा जाना चाहिए।
- असमर्थ बालकों को विशेष क्षेत्र में विशेष शिक्षा की जरूरत होती है।
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