बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- शिक्षक के रूप से आप धीमी गति वाले छात्रों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम की व्यवस्था कैसे करेंगे? उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
यदि धीमी गति से सीखने वाले बच्चों की ओर विशेष ध्यान दिया जाए, तो इनका उपलब्धि स्तर बढ़ाया जा सकता है। यद्यपि इन्हें समाज में प्रतिभाशाली व्यवसायिक क्षेत्रों के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता, किन्तु इनको बौद्धिक क्षमतानुसार शिक्षा दी जा सकती है। तत्पश्चात उनकी रुचि के अनुसार व्यवसाय करने के लिए मार्ग दर्शन दिया जा सकता है।
शिक्षण व्यवस्था- धीमी गति से सीखने वाले बच्चों के लिए शाला में विशेष वर्ग बनाकर इन्हें अलग से पढ़ाया जाए देकर इनकी कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है। ऐसे बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को बहुत धैर्यवान होना चाहिए तथा बच्चों की कमजोरियों एवं कठिनाइयों को गहरे से समझकर आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
विशेष पाठ्यक्रम का निर्माण ऐसे बच्चों के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें उनकी बौद्धिक स्तर रुचि एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। बौद्धिक स्तर की तुलना में इनकी रुचि खेलों में अधिक होती है। इसलिए इन्हें हस्तशिल्प कला, संगीत, नृत्य, चित्रकला की शिक्षा दी जानी चाहिए अर्थात् इनकी शिक्षा क्रिया प्रधान होनी चाहिए।
विशिष्ट शिक्षण पद्धतियां-
ऐसे बच्चे ध्यान एकत्र नहीं कर पाते हैं। इनकी स्मरण शक्ति कम होती है कई बार समझने पर समझ नहीं पाते हैं। कई बार अनुपस्थित रहते हैं। कई बार फेल होते हैं। अतः इनके लिए विशेष शिक्षण विधियों का प्रयोग करना चाहिए जो इस प्रकार हो सकती है।
(i) धीमी गति से पढ़ाया जाए।
(ii) एक ही चीज को बार-बार दोहराया जाए।
(iii) विषय सामग्री को जड़ मॉडल इत्यादि की सहायता से पढ़ाया जाए, क्योंकि सुनने से सीखने की अपेक्षा देखने से सीखा हुआ देर तक रहता है।
(iv) धीमी गति से सीखने वाले बच्चों को स्वयं करके सीखने का अवसर देना चाहिए, जैसे— उन्हें प्रश्न हल करने को बुलाया जाए।
(v) पाठ से सम्बंधित बातों को व्यावहारिक उदाहरणों से जोड़कर बताया जाए।
|