बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- सहायक उपकरणों की सूची बनाईए। सहायक उपकरण निर्धन्य बालकों के लिये किस प्रकार सहायक होते हैं?
अथवा
सहायक उपकरण निर्धन्य बालकों के लिए किस प्रकार सहायक होते हैं? विचारण कीजिए।
उत्तर -
सहायक उपकरण
(Assistance Devices)
निर्धन्य बालकों के लिये सहायक उपकरणों की सूची निम्नलिखित है -
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दैनिक जीवन के लिये सहायक उपकरण- दैनिक जीवन में इस्तेमाल किये जाने वाले यंत्रों में खाने, स्नान करने, खाना पकाने, ड्रेसिंग, टॉयलेटिंग, घर के रखरखाव आदि गतिविधियों में स्वतंत्रता प्रदान करने वाले स्वचालित सहायता यंत्रों को शामिल किया गया है। इन उपकरणों में संवेदनशील खाना बर्तन, अनुकूलित किताबें, पेंसिल होल्डर, ड्रेसिंग उपकरण और व्यक्तिगत स्वच्छता अनुकूलित उपकरण शामिल हैं।
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गतिशीलता उपकरण- निर्धन्य बालकों को अपने आस-पास के स्थानों पर जाने के लिये सहायक उपकरण जैसे - व्हीलचेयर या मैनुअल व्हीलचेयर, यात्रा के लिये वाहनों में संशोधन, स्कूटर, बैसाखी, और बड़े वॉकर शामिल हैं।
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घर/कार्यस्थल के लिये संरेखण उपकरण- भौतिक बाधाओं को कम करने के लिये संरचनात्मक परिवर्तन जैसे - लिफ्ट रैंप, संशोधित बाथरूम, स्वचालित दरवाजा खोलने का उपकरण और बड़े दरवाजे आदि।
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सोने और बैठने की सुविधा के लिये उपकरण- अनुकूलित सीटिंग, तकिया, स्टैंडिंग टेबल, व्यायाम टेबल, निर्धन्य बालकों की अवस्था को नियंत्रित करने के लिये ब्रेसेस, बौरे बैड, दैनिक कार्यों के लिये शरीर की सहायता प्रदान करने वाले उपकरणों की श्रृंखला।
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बैकलिंक और आगमन संचार उपकरण (AAC)- ये उपकरण ग्राफ या ऐसे निर्धन्य बालकों के लिये बनाए जाते हैं जिनकी बातचीत करने की क्षमता मानक स्तर पर नहीं होती। इन उपकरणों में आवाज उत्पन्न करने वाले उपकरण और आवाज प्रवर्धन उपकरण शामिल हैं। नेत्रहीन व्यक्तियों के लिये आवश्यक के रूप में उपकरण, ब्रेल या आवाज आउटपुट डिवाइसेस, लार्ज प्रिंट स्क्रीन और आवश्यक दस्तावेजों के लिये क्लोज सर्किट टेलीविजन आदि इस्तेमाल किये जाते हैं।
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प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स- कृत्रिम अंग या स्प्लिंट्स या ब्रेसेस जैसे ऑर्थोटिक उपकरण जो शरीर के अंगों को रिस्पॉन्स या बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा मानसिक विचलय या कमी में सहायता के लिये बायोफीड टेप या पेपर (एस ए अनुकरणात्मक के रूप में सहायता करते हैं) जैसे प्रमुख उपकरण भी उपलब्ध हैं।
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दृष्टि अक्षम/कमजोर बालकों के लिये सहायक उपकरण- लेखन उपकरण जैसे रेड लाइन चेक बुक, सिग्नेचर गाइड, गणितीय उपकरण जैसे - एबेकस, टॉकिंग कैलकुलेटर, उभरी हुई घड़ियां, ब्रेलर, मोबाइल उपकरण जैसे - ब्रेल टाइपराइटर, मोबाइल प्लास्टिक शीट्स, ब्रेल स्कैनर, अनुकूलित सॉफ्टवेयर के साधन जैसे - लेजर छड़ी, मैग्निफायर गाइड, ऑटोस्कैन, बोलने वाला रीडिंग मशीन, माइक्रो कंप्यूटर और कंप्यूटर ब्रेल अनुवादक, बड़े आकार वाली पुस्तकें, उभरे हुए अक्षर, अंक, आकार, टाइपराइटर्स आदि।
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श्रवण बाधितों के लिये संवेदन उपकरण- कान की मशीन, संचार आउटपुट उपकरण आदि।
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निर्धन्य बालकों को सामाजिक/सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलों में भाग लेने के लिये मनोरंजनात्मक उपकरण- निर्धन्य बच्चों को सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलों में भाग लेने में सक्षम करने के लिये उपकरण, फिल्मों के लिये ऑडियो डिवाइस, वीडियो गेम के लिये अनुकूल नियंत्रण जैसे उपकरण आदि।
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वातावरण पर नियंत्रण- निर्धन्य बालकों को विभिन्न उपकरणों को नियंत्रित करने में मदद करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियाँ, टेलीविजन के लिये रिमोट, टी.वी. या अन्य उपकरण जिसे दबाव, ध्वनि या स्पर्श द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
सहायक उपकरण निर्धन्य बालकों को गतिशीलता, संचार और उनकी दैनिक गतिविधियों में स्वतंत्रता प्रदान करने के जीवन की गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने वाले उपकरण हैं। निर्धन्य बालकों की जरूरतों को पूरा करने के सहायक उपकरण अत्यंत उपयोगी होते हैं। इन सहायक उपकरणों के उपयोग से निर्धन्य बालक किसी पर आश्रित नहीं रहता है और समाज में उसकी भागीदारी बढ़ती है। दृष्टिहीनों के लिये सहायक उपकरण निम्न प्रकार सहायक हैं -
(i) आटोस्कैन- इसमें एक कैमरा होता है जो प्रतिवादियों के अक्षरों के रूप में रूपांतरित करता है और अंगुलियों के स्पर्श से अध्ययन कर सकते हैं। यह मशीन प्रति मिनट 5 से 11 अक्षरों को रूपांतरित करने की क्षमता रखती है। इसके प्रशिक्षण से चक्षुहीन समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि का अध्ययन कर सकते हैं।
(ii) कुजवेल अध्ययन मशीन- यह एक छोटा कम्प्यूटर होता है जो छपे अंश को ध्वनि के रूप में सुनापठनीय बनाता है। इस मशीन पर प्रशिक्षण से दृष्टिहीन कम्प्यूटर जैसी मशीनों का उपयोग सरलता से कर सकते हैं।
(iii) लघु ब्रेल टाइपराइटर- इस प्रणाली के अध्ययन में टेप कैसेट (श्रवण कैसेट) का अनुप्रयोग किया जाता है। इससे एक साथ अनेक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। गणित के अध्ययन में इस प्रशिक्षण का विशेष लाभ देखने को मिलता है।
(iv) लेजर छड़ी- यह लम्बी छड़ी जैसी ही साधन है। इससे इन्फ्रारेड प्रकाश की तीन किरणें निकलती हैं। एक कर्ण, एक नाले और एक सीधी दिशा में निकलती हैं। प्रकाश की किरणें जब किसी वस्तु से टकराती हैं तो वह ध्यान में बदल जाती हैं और इसी ध्यान की आवाज से दृष्टिहीन बालकों तक संकेत भेजा जाता है।
(v) मैनिन गाइड- यह एक अल्ट्रासोनिक साधन है जिसकी सहायता से दृष्टि विकलांग बच्चे को स्थान सम्बन्धी वातावरण और उसकी परिधि में आने वाली चीजों का बोध कराया जाता है। इससे अल्ट्रासाउंड निकलता है जो किसी वस्तु से परावर्तित होकर सुनाई देने योग्य ध्वनि में परिवर्तित हो जाती है। ध्वनि को स्पष्टता, दिशा आदि के आधार पर ये बच्चे दूरी और दिशा के ज्ञान से अवगत हो जाते हैं।
(vi) एकवर्स- इसमें एक लकड़ी या धातु के फ्रेम में मोटे तार तथा सींग में लगे होते हैं, जिसमें प्लास्टिक की मोटी लंबी गोलियाँ डाली जाती हैं। इनके सहारे पूर्ण अंकों छात्र गिनती एवं जोड़, घटाव सीख सकते हैं।
(vii) टॉकिंग कैलकुलेटर- इसकी सहायता से पूर्ण अंधे बच्चे गणित सम्बन्धी कार्य आसानी से कर सकते हैं। इसमें जो बटन दबाये जाते हैं वही अंक सुनाई पड़ता है। उभरी हुई आकृति, ब्रेल रूलर भी गणित सम्बन्धी कार्यों को आसान बनाते हैं।
(viii) भौगोलिक उपकरण- जैसे - ब्रेल एटलस, मोल्डेड प्लास्टिक रिलीफ मैप, ग्लोब आदि भौगोलिक स्थिति का पता लगाने के लिये उपयोगी कहे जाते हैं। इनके उपयोग से दृष्टिहीन बालक भौगोलिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
(ix) लेखन उपकरण- जैसे रेडलाइन चेक बुक, सिग्नेचर गाइड आदि का उपयोग कर नेत्रहीन व्यक्ति लिखने का पूर्ण कार्य कर सकते हैं।
(x) माइक्रो कंप्यूटर और कंप्यूटर ब्रेल अनुवादक- ये लेखन साधन दृष्टिबाधित बच्चों के लिये काफी लाभदायक हैं।
(xi) बड़े आकार वाली पुस्तकें- कम दृष्टि वाले बच्चों को ऐसी पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराई जानी चाहिए जिसमें अक्षर, अंक, चित्र इत्यादि सामान्य से बड़े होते हैं, जिसे बच्चे आसानी से देखकर पढ़ाई कर सकते हैं।
(xii) टेपरिकॉर्डर का उपयोग कर- दृष्टि अक्षमाचार्य बच्चे रिकॉर्डेड नोट्स या व्याख्यान सुनते हैं जो उनकी पढ़ाई को सुगम बनाते हैं।
(xiii) उभरे हुए नक्शे- अक्षर, अंक आकृतियाँ आदि उपकरण प्लास्टिक शीट अथवा लकड़ी आदि से तैयार किये जाते हैं। इनका उपयोग किसी भी प्रकार की आकृति की जानकारी देने में किया जाता है। अंधे बालक छूकर उसे पहचान सकते हैं एवं इनके बारे में बता सकते हैं। ये उपकरण भूगोल एवं ज्यामिति पढ़ाने के लिए उपयोगी किये जाते हैं।
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अस्थि विकलांगों के लिये सहायक उपकरण अत्यंत उपयोगी होते हैं क्योंकि विकलांगों को अपने दैनिक कार्य करने व एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है लेकिन सहायक उपकरणों के प्रयोग से इनके जीवन में गतिशीलता आयी है। अस्थि विकलांगों के लिये सहायक उपकरण जैसे - बैसाखी, कैलिपर्स, विशेष जूते, व्हील चेयर, स्कूटर, साइकिल जैसे सहायक उपकरण उन्हें चलने-फिरने में मदद करते हैं। अंग-भंग से पीड़ित लोगों के लिये अब व्यावसायिक पैर काफी कारगर साबित हो रहे हैं। इन उपकरणों के उपयोग से अस्थि विकलांग बालक सामान्य जीवन सुगमतापूर्वक व्यतीत कर सकते हैं।
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श्रवण बाधितों के सहायक उपकरण जैसे - कान की मशीन, संवेदी उपकरण, संचार आउटपुट उपकरण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन उपकरणों के उपयोग कर श्रवण बाधित बालक अपने कार्य आसानी से कर सकता है और सामान्य जीवनयापन कर सकता है।
वर्तमान समय में निर्धन्य बच्चों के लिये अनेक प्रकार के उपकरणों का आविष्कार हो गया है जिनके उपयोग से निर्धन्य बच्चे सामान्य बच्चों की तरह रह सकते हैं और समाज में अपना उच्च स्थान भी प्राप्त कर सकते हैं। इन उपकरणों का उपयोग कर निर्धन्य बच्चे केवल बाधक नहीं बन सकते हैं। इसलिए सहायक उपकरण निर्धन्य बच्चों के लिये अति उपयोगी हैं। इनके बिना उनका विकास संभव नहीं है।
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