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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :215
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2700
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा

प्रश्न- मानसिक मंद बालकों की पहचान बताइए।

उत्तर-

मंदबुद्धि बालकों की पहचान के लिए तीन प्रकार का परीक्षण किया जाता है। ये परीक्षण हैं-

(1) सामान्य बौद्धिक परीक्षण
(2) अनुकूल व्यवहार की जाँच और
(3) व्यक्तिगत क्षमताओं की जाँच

(1) मानसिक मंदता से सामान्य बुद्धि के निर्धारण के लिए परीक्षण- आमतौर पे प्रायः परीक्षण निम्नलिखित तीन प्रकार से किया जाता है।

(i) शिशुओं और प्रारंभिक बालकों से किया जा सकता है।

(ii) बौद्धिक परीक्षण

(iii) गैर-मौखिक और निष्पादन परीक्षण

(i) विकास अनुसूचियाँ- ये शिशुओं और प्राथमिक विद्यालय के बच्चों में संवेदनात्मक क्रियाकलाप के विकास के प्रश्नों पर आधारित होती हैं। प्राप्त की गई विकासात्मक बुद्धिलब्धि भविष्य में मापी गई बुद्धिलब्धि से बहुत कम रूप से सह-संबंधित होती है। यह पांच वर्षों की आयु तक के बच्चों के विकास स्तर के निर्धारण के लिए परिक्षणात्मक साधन के रूप में बहुत उपयोगी होती है।

उदाहरणार्थ - गेस्सेल विकासात्मक अनुसूची यह अनुसूची बौद्धिक विकास को चार क्षेत्रों को प्रकट करती है-

(a) प्रेरक व्यवहार

(b) अनुकूलन व्यवहार

(c) भाषा

(d) व्यक्तिगत तथा सामाजिक व्यवहार

हाल ही में विकासात्मक परिक्षणात्मक अनुसूची (डी.एस.पी.यू.) और विकासात्मक निर्धारण अनुसूची का विकास राष्ट्रीय मानसिक विकलांग संस्थान में किया गया है।

(ii) बौद्धिक परीक्षण- इसमें भाषा प्रयोग का प्रमुख स्थान है और इसमें बौद्धिक माप होते हैं। बौद्धिक परीक्षणों में बुद्धि मापन को बुद्धि लब्धि के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है और निष्पादन परीक्षणों में निष्पादन लब्धि के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है।

स्टैनफोर्ड बिने परिक्षण सर्वाधिक प्रचलित बौद्धिक परीक्षण है।

(iii) गैर-मौखिक और निष्पादन परीक्षण- निष्पादन परीक्षण में समस्यात्मक व्यवहार को अपना उत्तर ढूंढने, संकेत कार्यकलापों द्वारा देना होता है। जैसे - ब्लॉकों के परिपथों को व्यवस्थित करना, डिजाइनों को मिलाना और चित्रों का सार्थक रूप रखना। निष्पादन परीक्षण के पूर्व अनुभव और मौखिक अनुशासन की अत्यंत मात्रा में आवश्यकता होती है। इन्हें संस्कृतिक रूप से स्वतंत्र कहा जाता है।

रेवेन प्रोग्रेसिव मैट्रिक्स परीक्षण (आर.पी.एम.) सामान्य प्रयोग्य निष्पादन परीक्षण है। यह सामान्य बुद्धि मापन को सीख ही कर देते हैं। अलेक्जेंडर पैसकाला परीक्षण और कुछ ब्लॉक डिजाइन परीक्षण अल्प मानसिक मंदन व्यक्तियों पर लागू हो सकते हैं। यदि निष्पादन परीक्षण में एक बच्चा उत्कृष्ट कार्य नहीं कर पाता है तो बुद्धि के विश्लेषणात्मक प्रयोग या दृश्य देहिक उपयोग का मापन करता है। अतः सामान्य बुद्धि के निर्धारण के लिए उपयोगी मौखिक परीक्षण (रेवेन प्रोग्रेसिव मैट्रिक्स) के साथ संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए।

सिग्मन फॉर्म बोर्ड परीक्षण एक व्यापक रूप से प्रयुक्त निष्पादन परीक्षण है जिसका उपयोग चार से आठ वर्ष की आयु के बच्चों द्वारा मनोविज्ञान व दृष्टि प्रत्याक्षण योग्यताओं के मापन के लिए किया जाता है। इसका अनुप्रयोग 3 से 11 वर्ष तक के बच्चों तथा मानसिक मंद व्यक्तियों के सामान्य बुद्धि के शीघ्र मापन के लिए भी किया जाता है। विकास प्रश्नावली परीक्षण जन्म से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों के मानसिक विकास का मापन करता है।

(2) अनुकूलन व्यवहार मापनी- अनुकूलन व्यवहार व्यक्ति की वैयक्तिक स्वतंत्रता और सामाजिक उत्तरदायित्व के अभाव की क्रियात्मक योग्यता से क्रियात्मक योग्यता का निर्धारण करता है। सामाजिक अनुकूलनीयता से व्यक्ति अपने परिवार के सहमंद व्यक्तियों के अनुकूल व्यवहार का निर्धारण करता है। लिवर-विनलैंड सामाजिक परिपक्वता (मापनी 1953) और एम.आर. (डाल लोबेर, 1981) प्रचलित हैं।

वी.एस.एस.एस का भारतीय संस्करण गंभीर मंद से मानसिक मंद स्तर व्यक्तियों के निर्धारण के लिए उपयोगी है, जो औपचारिक परीक्षण प्रणाली का सामना नहीं कर सकते। इसके तहत स्वयं अथवा उसके अभिभावक और संबंधित साधनों द्वारा आंकड़े प्राप्त किये जाते हैं।बी.एस.एस.एस. से आठ क्षेत्रों के विकास की रेखा का पता चलता है। सामान्य कार्य में आत्मनिर्भरता, खाना खाने में आत्मनिर्भरता, कपड़े पहनने में आत्मनिर्भरता, आत्मनिरीक्षण, सामाजिककरण, व्यवसाय, समुच्चय और चलना। जबकि अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ मेंटल रिटार्डेशन (ए.ए.एम.आर.) की अनुकूल व्याख्या मापनी से मानसिक मंद व्यक्तियों के समायोजी व्यवहार का मात्रात्मक वर्णन प्राप्त होता है। मापनी के पहले भाग में क्रियाशीलता के स्तर क्षेत्रों (भाषा सामाजिककरण, स्वतंत्रता आदि) के विकास स्तर का मापन होता है। वहीं दूसरा भाग सामाजिक और अनुकूलनशील व्यवहार से सम्बंधित है। उदाहरणार्थ- हिंसा अनुकूल व्यवहार आदि।

(3) व्यावसायिक क्षमताओं की जांच- मानसिक मंद व्यक्तियों की विशेष योग्यताओं का निर्धारण समग्र और सूक्ष्म स्तर पर कराना, दृष्टि दर्शक क्षमताएं, भाषा योग्यताएं, सांकेतिक व गैर-सांकेतिक सम्प्रेषण तथा अनुकरण द्विविकल्प/अधिविकल्प परीक्षण नामक धन-अनुकरण परीक्षण, अंकिक विश्लेषण व परीक्षण नाम धन अनुकरण परीक्षण, अंकिक विश्लेषण व निरसन परीक्षण द्वारा किया जा सकता है। ऐसे व्यक्तियों में दृष्टि प्राथमिकता, दैनिक और दृष्टिगत योग्यताओं की कमी पाई जाती है। उनके लिए निम्नलिखित परीक्षण किये जाते हैं-

(a) बेंडर गेस्टाल्ट परीक्षण,
(b) बिने दृष्टि धारणा परीक्षण,
(c) व्यक्ति आकलन परीक्षण (डी.ए.एम.)

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