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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :215
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2700
आईएसबीएन :0

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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा

प्रश्न- समावेशी शिक्षा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

समावेशी शिक्षा के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है—

(i) मूल्यांकन प्रक्रिया में भी विशेष रूप से यह ध्यान दिया जाता है कि अशक्त छात्रों की भावनाओं को मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से किसी प्रकार की ठेस न पहुंचे क्योंकि एक बार अक्षमता से ग्रस्त बालक का मन शिक्षण अधिगम प्रक्रिया से हट जाता है तो उसको पुनः क्रियाशील करने में कठिनाई होती है। अतः मूल्यांकन प्रक्रिया मितव्ययी एवं सकारात्मक होनी चाहिए।

(ii) समावेशी शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य पाठ्यक्रम में सुधार करना है क्योंकि इसके अंतर्गत पाठ्यक्रम का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि पाठ्यक्रम के द्वारा सामान्य एवं अक्षमता से ग्रस्त बालकों की शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।

(iii) इस शिक्षा व्यवस्था का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष के आयु के बालकों के लिए विद्यालयी शिक्षा के माध्यम से सर्वोत्तम विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाता है। इसमें छात्रों के लिए विशेष उपकरणों की व्यवस्था कर अधिगम स्तर को उच्च बनाने का कार्य किया जाता है।

(iv) समावेशी शिक्षा का उद्देश्य बालकों में विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं का विकास करना है क्योंकि अनेक अशक्त बालकों में विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं का समावेश पाया जाता है। इन प्रतिभाओं के विकास हेतु समावेशी शिक्षा में उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।

(v) इसमें 0 से 6 वर्ष की आयु के बालकों की विशेष आवश्यकताओं को सम्मिलित किया जा सकता है। अर्थात् जो बालक 0 से 6 वर्ष की आयु के हैं तथा उनमें किसी प्रकार की अक्षमता पायी जाती है, जो उसको शिक्षा करने के उपरांत इस प्रकार के बालकों की शिक्षा की व्यवस्था की जाती है।

(vi) समावेशी शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली प्रमुख बाधाओं का निवारण करना है। ये बाधाएँ पाठ्यक्रम, शिक्षण, प्रशिक्षण विधि एवं समुच्चय आदि से सम्बन्धित हो सकती हैं। समावेशी शिक्षा में इन समस्याओं का समाधान अनिवार्य रूप से किया जाता है।

(vii) समावेशी शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य अशक्तता से युक्त बालकों के लिए शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है, जिससे कि प्रत्येक छात्र शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग ले सके तथा अधिगम स्तर को उच्च बना सके।

(viii) समावेशी शिक्षा व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य विविध शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का विकास करना है। इसके लिए छात्रों को उनकी योग्यता एवं रुचि के अनुसार पाठ्यक्रम प्रदान करते हुए शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रयोग करते हुए शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जाता है, जिससे संवाद की प्रक्रिया में तीव्रता आती है।

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