|
बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
||||||
बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- समकक्षी शिक्षण (Peer tutoring) किसे कहते हैं? समकक्षी शिक्षण के उद्देश्य बताइए।
उत्तर -
समकक्षी शिक्षण (Peer tutoring) को सहपाठी ट्यूटरिंग या अनुशिक्षण भी कहते हैं। शिक्षण के अनुसार समकक्षी शिक्षण थोड़ा अलग होता है। शिक्षण में जहाँ एक अध्यापक पूरी कक्षा को पढ़ाता है वहीं सहपाठी शिक्षण में एक या साथी एक को पढ़ाता या सहयोग करता है। समकक्षी शिक्षण में एक के एक का शिक्षण होता है। यहाँ एक विद्यार्थी दूसरे को पढ़ाता है, जोकि एक ही कक्षा में पढ़ते हैं। इसमें एक विद्यार्थी भी हो सकता है जो बड़ी कक्षा में पढ़ता हो। सहपाठी अनुशिक्षण समावेशी शिक्षा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सहपाठी शिक्षण दो प्रकार का हो सकता है—
-
आयु विभेद सहपाठी शिक्षण - जहाँ एक छात्र अपने से छोटी कक्षा के छात्र को पढ़ाता है तथा सहायता करता है।
-
सम आयु सहपाठी शिक्षण - एक ही कक्षा का छात्र जब अपनी कक्षा के ही छात्र (असमर्थ या सक्षम) को पढ़ाता है, तो उसे सम आयु सहपाठी शिक्षण कहते हैं।
सहपाठी शिक्षण के उद्देश्य
-
ज्ञानात्मक उद्देश्य - यह छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करता है साथ ही उन्हें वस्तुओं या तथ्यों को याद रखने, तुलना, समानता, विश्लेषण, संरचनण में सहायता करता है।
-
व्यवहार में सुधार - सहपाठी शिक्षण छात्र के सामाजिक व्यवहार में सुधार लाता है। इसके माध्यम से सहयोग, मित्रता, परस्पर आदर की भावना, स्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालने की भावना में वृद्धि होती है।
-
मनोवैज्ञानिक उद्देश्य - सहपाठी शिक्षण छात्रों को मानसिक सबलता देने का कार्य करता है। छात्र कक्षा में अपनी स्थिति कमजोर पाकर हतोत्साहित हो जाता है तथा वह पढ़ने से भी भय अनुभव करता है। यह विधि उसे उस स्थिति से उबार देती है।
-
शैक्षिक उद्देश्य - सहपाठी शिक्षण छात्रों की शैक्षिक स्थिति में सुधार लाता है। वह अन्य सहपाठी या वरिष्ठ छात्र से कठिन विषय या प्रयत्न सीख लेता है तथा उसका उपयोग भी करता है।
|
|||||










