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बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- समावेशी शिक्षा में शिक्षण क्षमताओं के उपयोग का महत्व बताइए।
उत्तर -
शिक्षण क्षमताओं का स्वरूप व्यापक है। इसमें शिक्षक की योग्यताएँ, ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण तथा अनुभव सम्मिलित होते हैं। समावेशी शिक्षा में भी इन सभी शिक्षण क्षमताओं के उपयोग की आवश्यकता होती है।
समावेशी शिक्षा में विशेष आवश्यकता रखने वाले अधिक निशक्त छात्र तथा सामान्य छात्र दोनों सम्मिलित रूप से शिक्षा प्राप्त करते हैं। शिक्षण क्षमताओं का दोनों प्रकार के छात्रों के अनुरूप होना आवश्यक है। इन शिक्षण क्षमताओं का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट है—
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समावेशी शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति - गुणात्मक रूप से समावेशी शिक्षा में उत्तम और अनुकूल शिक्षण विधियों, शिक्षण सूत्रों, शिक्षण तकनीकों, सहायक शिक्षण सामग्री, विशेष शिक्षण रणनीतियों का उपयोग आवश्यक है। ये सभी शिक्षण क्षमताएँ इस प्रकार समावेशी शिक्षा के सभी बालकों के शैक्षिक विकास के उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं।
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विशेष बालकों की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षण - निशक्त बालकों की शारीरिक तथा मानसिक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षण की विधियाँ चयनित की जाती हैं। इससे इन बालकों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रभावी शिक्षण आवश्यक होता है।
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सामान्य बालकों की शिक्षा में महत्व - प्रभावशाली शिक्षण क्षमताओं के उपयोग का लाभ सामान्य बालकों को सहज ही मिल जाता है। वे शिक्षण क्षमताओं से लाभान्वित होकर अधिगम प्रक्रिया में सफल होते हैं।
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शिक्षकों के लिए महत्व - आदर्श शिक्षक समावेशी शिक्षा में सभी विशेष तथा सामान्य छात्रों को साथ लेकर अध्यापन करता है तथा शिक्षण नवाचार शिक्षण विधियों, शिक्षण सूत्रों, सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग/प्रयोग उसे अपने शिक्षण में सफल बनाता है।
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विषय सामग्री को सुबोध बनाना - प्रभावशाली तथा अनुकूल शिक्षण क्षमताएँ कक्षा शिक्षण में उपयोग से कठिन विषय भी बोधगम्य हो जाते हैं। शिक्षण क्षमताएँ विषय को शिक्षण तकनीकों के उपयोग द्वारा रोचक व मनोरंजक भी बना देती हैं जिससे छात्र विषय के प्रति उत्साहित होकर उसे शीघ्र समझते हैं।
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कक्षा प्रबंधन हेतु सहायक - बाधित बालकों तथा सामान्य बालकों दोनों के लिए अच्छा कक्षा प्रबंधन अधिगम में सहायक होता है। शिक्षक की नेतृत्व क्षमता उसके अच्छे कक्षा प्रबंधन तथा शिक्षण क्षमताओं से आँकी जा सकती है।
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पाठ्य सहगामी क्रियाओं के आयोजन में सहायक - उत्तम शिक्षण क्षमताएँ शिक्षक को अध्यापन विशेषत: समूह, छात्रों के स्तर, अधिगम, स्थिति के अनुसार विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं के संचालन में सहायक होती हैं।
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निर्देशन व परामर्श में सहायक - शिक्षण क्षमताएँ कक्षा शिक्षण के साथ शिक्षण में निर्देशन व परामर्श की क्षमता भी उत्पन्न करती हैं। छात्रों के मूल्यांकन के बाद शिक्षक छात्रों के मार्गदर्शन में भी सहायक होते हैं।
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छात्रों के शैक्षिक मूल्यांकन में सहायक - शिक्षण क्षमताएँ शिक्षक में वह अनुभव व कौशल उत्पन्न करती हैं जिससे शिक्षण प्रत्येक छात्र के स्तर मूल्यांकन में, कक्षा मूल्यांकन तथा विविधतापूर्ण मूल्यांकन में सफल होता है।
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