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बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- लड़कियों की शिक्षा के प्रति अभिभावकों की अभिवृत्ति के विषय में बताइए।
उत्तर -
प्राचीन काल में भारत में लड़कियों की शिक्षा के प्रति अभिभावकों व समाज की अभिवृत्ति अत्यंत ही उदासीनता को दर्शाती रही है। कारण कुछ भी क्यों न हो, किंतु बालिका शिक्षा व साक्षरता की दर आज भी बालकों की तुलना में कमजोर ही पाई जाती है। समय-समय पर विभिन्न सरकारों द्वारा बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु विभिन्न आयोगों का गठन, सर्व शिक्षा अभियान, तथा सरकार की महिला साक्षरता कार्यक्रम नीति को पर्याप्त महत्व प्रदान किया गया, किंतु समाज व अभिभावकों की अभिवृत्ति में वह विशेष परिवर्तन नहीं दिखा। ग्रामीण क्षेत्रों तथा मुस्लिम समुदाय में यह स्थिति हो और भी दयनीय रही, आज भी महिला साक्षरता प्रतिशत 70% के लगभग ही होगा।
आज अधिकांश अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए स्कूल तो भेजते हैं, किंतु आजादी नहीं देते। शिक्षा में शहरी परिवारों में अनेक प्रकार की बाधाएँ लाई जाती हैं। अभिभावकों को यह सोचना होगा कि बेटियों को भी पढ़ने की मानसिक स्वतंत्रता मिले एवं उन्हें अवसर उपलब्ध हो। उन्हें अच्छे व बड़े स्तर की शिक्षा मानसिकता के साथ कराना चाहिए ताकि अभिभावकों के मन में व्याप्त भय दूर हो सके तथा बालिकाएँ भी स्वस्थ मानसिकता के साथ समाज में आगे बढ़ने व पढ़ने के अवसर प्राप्त कर सकें।
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