बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-A - समावेशी शिक्षा
प्रश्न- समावेशी शिक्षा के इतिहास एवं विकास पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर -
हम सभी यह मानते हैं कि शिक्षा किसी भी देश के विकास की आधारशिला होती है, जिससे समाज व राष्ट्र की उन्नति, एकता व अखंडता निर्भर करती है। शिक्षा केवल व्यवसाय व जीवनयापन के लिए ही नहीं दी जाती, बल्कि यह बच्चों में विभिन्न प्रकार के ज्ञानात्मक, सृजनात्मक, नैतिक, सहयोग, समानता, भावनात्मक आदि गुणों के विकास करती है।
वर्तमान में सर्व शिक्षा अभियान व शिक्षा का अधिकार जैसे कार्यक्रम शिक्षा प्राप्त करने प्रत्येक बालक का अधिकार मान चुके हैं। इन कार्यक्रमों को तभी सफलता मिल सकती है जब हम शिक्षा को मुख्य धारा में उन सभी को सम्मिलित करें जो शारीरिक, मानसिक, संवेदनात्मक रूप से निम्न हैं। इन दृष्टिकोणों के तहत अब तक केवल विशेष विद्यालयों का ही विकास हुआ था। लेकिन बाद में बालकों को विशिष्ट शिक्षा देने के लिए विशिष्ट विद्यालय खोलने प्रारंभ हुए। इन विद्यालयों को पृथक दृष्टि से देखा जाता था।
लेकिन समाज में समान अवसर की भावना लाने के लिए आधुनिक शिक्षा वैज्ञानिकों ने विचार दिया कि—समावेशी शिक्षा विद्यालयों में ही इस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि सभी को समान रूप से शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिल सकें।
इस विचार के अनुसार शिक्षा का उद्देश्य केवल विशिष्ट विद्यालयों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सामान्य विद्यालयों में भी इसे लागू करना चाहिए।
हालांकि, यह सामान्य विद्यालयों में सभी के लिए लागू करना कठिन अवश्य है, लेकिन असंभव नहीं है।
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