बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन
प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छता केवल हमारे घर, सड़क तक के लिये ही जरूरी नहीं होती है। यह देश और राष्ट्र की आवश्यकता होती है। इससे न केवल हमारा घर आँगन ही स्वच्छ रहेगा बल्कि पूरा देश भी स्वच्छ रहेगा। इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान जोकि हमारे देश के प्रत्येक गाँव और शहर में प्रारम्भ किया गया है।
देश के प्रत्येक गली, गाँव की प्रत्येक सड़कों से लेकर शौचालय का निर्माण कराना और देश के बुनियादी ढाँचे को बदलना ही इस अभियान का उद्देश्य है।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने महात्मा गाँधी की जयन्ती पर 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान को भारत मिशन और स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है।
माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने महात्मा गाँधी जी की 145वीं जयन्ती के अवसर पर इस अभियान की शुरुआत की। 2 अक्टूबर 2014 को उन्होंने राजपथ पर जनसमूहों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रवादियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने को कहा। साफ-सफाई के सन्दर्भ में यह सबसे बड़ा अभियान है। साफ-सफाई को लेकर भारत की छवि को बदलने के लिये श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को एक मुहिम से जोड़ने के लिये जन आन्दोलन बनाकर इसकी शुरुआत की।
स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य
यह निम्नलिखित है -
(1) खुले में शौच बन्द करवाना जिसके तहत हर साल हजारों बच्चों की मौत हो जाती
(2) लगभग 11 करोड़ 11 लाख व्यक्तिगत, सामूहिक शौचालयों का निर्माण करवाना जिसमें 1 लाख 34 हजार करोड़ रु. खर्च होंगे।
(3) लोगों की मानसिकता को बदलना उचित स्वच्छता का उपयोग करके।
(4) शौचालय उपयोग को बढ़ावा देना और सार्वजनिक जागरूकता को शुरू करना।
(5) गाँवों को साफ रखना।
(6) 2019 तक सभी घरों में पानी की पूर्ति सुनिश्चित करके गाँव में पाइप लाइन लगवाना जिससे स्वच्छता बनी रहे।
स्वच्छता का सीधा सम्बन्ध हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि एक स्वच्छ शरीर में ही एक स्वस्थ मन का निवास होता है। आज से सौ वर्ष पहले महात्मा गाँधी ने एक स्वच्छ भारत का सपना देखा, जो आज साकार हो रहा है।
हमें ये तो पता है कि स्वच्छता का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है परन्तु इसका अर्थ सिर्फ स्वयं के शरीर की सफाई से लगा लिया है, ये गलत है। स्वच्छता को सिर्फ शरीर की सफाई तक सीमित करके हमने उसके अर्थ को संकीर्ण बना दिया है। स्वच्छता भक्ति के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज है। गाँधी जी के अनुसार, "जब तक आप झाडू और बाल्टी अपने हाथों में नहीं लेते तब तक अपने गाँव एवं कस्बे को स्वस्थ नहीं कर सकते। "
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत स्वयं हमारे प्रधानमंत्री ने झाडू लगा के की थी। स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ करना और कूड़ा साफ रखना है।
यह अभियान 02 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, परन्तु 'स्वच्छ भारत' का उनका सपना पूरा नहीं हुआ।
महात्मा गाँधी ने स्वतंत्रता से पहले स्वच्छ रहना और इसके तहत स्वच्छता को उन्होंने ईश्वर भक्ति के बराबर माना। स्वच्छता की शिक्षा को उन्होंने सभी को प्रदान किया। उनका सपना था कि ( स्वच्छ भारत ) इसके तहत सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को साफ रखने के बारे में सोचें।
गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपनों को पूरा करने के लिये श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की।
स्वच्छता की जागरूकता की मशाल सभी में पैदा होने चाहिए। इसके तहत स्कूलों में भी स्वच्छ भारत अभियान के कार्य होने लगे हैं। स्वच्छता से न केवल हमारा तन साफ रहता है। हमारा मन भी साफ रहता है। स्वच्छ भारत अभियान की मशाल आज हमारे पूरे भारत के लिये आवश्यक है जिसके तहत कई कार्य किये जा रहे हैं।
अभी हाल में ही हमारे प्रधानमंत्री जी को अमरीका में "गोलकीपर ग्लोबर गोव्स"नामक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें स्वच्छ भारत अभियान के उनके सफलतम क्रियान्वयन के लिये दिया गया।
स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत मध्यप्रदेश के इन्दौर शहर को लगातार तीन वर्षों से भारत के सबसे स्वच्छ शहर के लिये पुरस्कृत किया जा रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान ने भारत की जनता में वैचारिक क्रान्ति उत्पन्न कर दी है। अब लोग न सिर्फ स्वयं को स्वच्छ रखने की बात करते हैं और इस दिशा में अपना भरसक योगदान भी दे रहे हैं।
भारत में बहुत सी ऐसी सामाजिक संस्थाएँ भी हैं जो स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत अपना योगदान दे रही हैं। इन संस्थाओं के लोग गाँव, कस्बों एवं शहरों में जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें स्वच्छता से होने वाले फायदों से अवगत कराते हैं।
सवा सौ करोड़ वाले भारत देश में इस मुहिम को चलाना एवं भलीभाँति इसका सम्पादन करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। हमें इस बात का गर्व है कि भारत सरकार इसे करने में सफल हुई क्योंकि इस अभियान ने जन-भावना का रूप ले लिया है। स्वच्छ भारत अभियान एक ऐसी पहल है जिसमें हर जाति, वर्ग और धर्म के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और इसे सफल भी बनाया है।
हालांकि इस अभियान की कार्यावधि अब समाप्त हो गयी है फिर भी इस अभियान ने लोगों के दिलों में स्वच्छता की वो मशाल जला दी है जो अब बुझने वाली नहीं है। यदि हम सब स्वच्छ भारत अभियान को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लें तो वह दिन दूर नहीं जब भारत का सिर्फ एक शहर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत स्वच्छ हो जायेगा। इस प्रकार स्वच्छ भारत का सपना भी सच हो जायेगा।
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