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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2694
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र

प्रश्न- फैशन चक्र से आप क्या समझते हैं? फैशन के सिद्धान्त समझाइये।

अथवा

फैशन चक्र समझाइये।

उत्तर-

फैशन चक्र (फैशन के सिद्धान्त)
(Fashion Cycle)

समाज में फैशन की स्वीकृति साधारणतया एक फैशन चक्र के रूप में वर्णित है। फैशन चक्र सामान्यतः निम्न 5 चरणों के साथ एक घण्टी के आकार के वक्र के रूप में दर्शाया जाता है-

(1) अभिनव परिवर्तन ( नवाचार ) इसके अतंर्गत सर्वप्रथम एक नई शैली को उच्च स्तर पर प्रस्तुत किया जाता है। डिजाइनर कच्चे माल से या ठीक कारीगरी की दृष्टि से एक सामग्री जो कि कम राशि की हो तथा जिसमें रचनात्मक गुणवत्ता हो, पर कुछ सीमाओं के साथ डिजाइन तैयार करता है। लाइन, आकार, रंग आदि जैसे तत्वों को बदलकर नए परिधान और एक नवीन शैली बनाने का प्रयास किया जाता है। इस प्रयास में उत्पाद लागत अधिक होती है और केवल कुछ लोग ही इसे अपना सकते हैं। आगे चलकर छोटी मात्रा में प्रोडक्शन डिजाइनर सामग्री अधिक स्वतंत्रता तथा लचीलापन देती है और सामग्री बाजार में चल पड़ती है। नए उत्पादों को खुदरा खरीदारों और प्रचार हेतु मीडिया को दिखाया जाता है। चक्र के पहले चरण में बड़ी फैशन शैली और नवीनता सामने आती है। बड़ी हस्तियाँ, टीवी स्टार, मॉडल इन कपड़ों को खरीदने के लिए सामने आते हैं।

(2) अभ्युदय - फैशन चक्र में अभ्युदय के अंतर्गत जब नई शैली की सामग्री या वस्त्र का प्रचलन लोग टीवी या पत्र-पत्रिकाओं में देखते हैं तथा इन्हें समाज की बड़ी हस्तियाँ प्रयोग कर रही होती हैं तब सामान्य जनता का ध्यान इस ओर जाता है। लोग इस नई फैशन सामग्री को खरीदने के लिए उतावले हो उठते हैं, लेकिन यह सामग्री महंगी होती है।तब विनिर्माण में लगे लोग सस्ती सामग्री से इसी डिजाइन की नकल कर बाजार में यह वस्त्र या वस्तु उपलब्ध करा देते हैं। इस प्रकार फैशन का अभ्युदय हो जाता है।

(3) चरम सीमा अथवा लोकप्रियता का शिखर - जब फैशन लोकप्रियता के शिखर पर होता है तो वस्तु की मांग बढ़ जाती है, कम्पनियों में अधिक उत्पाद होने लगता है, वस्तु का मूल्य गिर जाता है और यह सामान्य लोगों की क्रय सीमा में आ जाती है। इससे अनेक रूपान्तर भी सामने आने लगते हैं।

(4) विघटन अथवा लोकप्रियता में गिरावट - कुछ समय बाद इन लोकप्रिय वस्तुओं का उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगता है। नई शैली की सामग्री या वस्त्र या वस्तु खरीदने या अपनाने के लिए जो आपाधापी मची होती है वह धीरे-धीरे शान्त होने लगती है। उपभोक्ता अभी भी यह सामग्री खरीदता है किन्तु उसमें जिज्ञासा या रुचि कम होती है। ऐसी स्थिति में खुदरा बिक्री के केन्द्र इस सामग्री को और अधिक सस्ते में बेचने लगते हैं। यहाँ फैशन का विघटन प्रारंभ हो जाता है।

(5) लुप्त हो जाना अथवा एक शैली की अस्वीकृति - जिस नए फैशन का अभ्युदय हुआ था उसमें लोगों को अरुचि होने लगी। पिछले फैशन चक्र में भी परिवर्तन होना प्रारंभ हुआ। नई रचनाओं और विचारों का जन्म हुआ। जो कल तक नई वस्तु थी वह फैशन से बाहर की वस्तु मानी जाने लगी। लोग इसी शैली को अस्वीकार करने लगे। इस प्रकार एक फ़ैशन चक्र पूर्ण होता है।

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फैशन चक्र की लम्बाई

(i) फैशन हमेशा एक ही चक्रीय पैटर्न का अनुसरण करता है।
(ii) एक फैशन चक्र के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है।
(iii) फैशन को चोटी पर पहुँचने और लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए कम समय लगता है और कुछ अधिक समय लेते हैं।
(iv) कुछ फैशनों में धीरे-धीरे तथा कुछ में बहुत तेजी से गिरावट होती है।
(v) कुछ शैलियाँ एक ही मौसम में बिक जाती हैं। कुछ कई सत्रों में बेचनी पड़ती है।
(vi) कुछ फैशन शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं और दूसरों को भी समाप्त कर देते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- डिजाइन के तत्वों से आप क्या समझते हैं? ड्रेस डिजाइनिंग में इसका महत्व बताएँ।
  2. प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्तों से क्या तात्पर्य है? गारमेण्ट निर्माण में ये कैसे सहायक हैं? चित्रों सहित समझाइए।
  3. प्रश्न- परिधान को डिजाइन करते समय डिजाइन के सिद्धान्तों को किस प्रकार प्रयोग में लाना चाहिए? उदाहरण देकर समझाइए।
  4. प्रश्न- "वस्त्र तथा वस्त्र-विज्ञान के अध्ययन का दैनिक जीवन में महत्व" इस विषय पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
  5. प्रश्न- वस्त्रों का मानव जीवन में क्या महत्व है? इसके सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व की विवेचना कीजिए।
  6. प्रश्न- गृहोपयोगी वस्त्र कौन-कौन से हैं? सभी का विवरण दीजिए।
  7. प्रश्न- अच्छे डिजायन की विशेषताएँ क्या हैं ?
  8. प्रश्न- डिजाइन का अर्थ बताते हुए संरचनात्मक, सजावटी और सार डिजाइन का उल्लेख कीजिए।
  9. प्रश्न- डिजाइन के तत्व बताइए।
  10. प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्त बताइए।
  11. प्रश्न- अनुपात से आप क्या समझते हैं?
  12. प्रश्न- आकर्षण का केन्द्र पर टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- अनुरूपता से आप क्या समझते हैं?
  14. प्रश्न- परिधान कला में संतुलन क्या हैं?
  15. प्रश्न- संरचनात्मक और सजावटी डिजाइन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- फैशन क्या है? इसकी प्रकृति या विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- फैशन के प्रेरक एवं बाधक तत्वों पर प्रकाश डालिये।
  18. प्रश्न- फैशन चक्र से आप क्या समझते हैं? फैशन के सिद्धान्त समझाइये।
  19. प्रश्न- परिधान सम्बन्धी निर्णयों को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं?
  20. प्रश्न- फैशन के परिप्रेक्ष्य में कला के सिद्धान्तों की चर्चा कीजिए।
  21. प्रश्न- ट्रेंड और स्टाइल को परिभाषित कीजिए।
  22. प्रश्न- फैशन शब्दावली को विस्तृत रूप में वर्णित कीजिए।
  23. प्रश्न- फैशन का अर्थ, विशेषताएँ तथा रीति-रिवाजों के विपरीत आधुनिक समाज में भूमिका बताइए।
  24. प्रश्न- फैशन अपनाने के सिद्धान्त बताइए।
  25. प्रश्न- फैशन को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं ?
  26. प्रश्न- वस्त्रों के चयन को प्रभावित करने वाला कारक फैशन भी है। स्पष्ट कीजिए।
  27. प्रश्न- प्रोत / सतही प्रभाव का फैशन डिजाइनिंग में क्या महत्व है ?
  28. प्रश्न- फैशन साइकिल क्या है ?
  29. प्रश्न- फैड और क्लासिक को परिभाषित कीजिए।
  30. प्रश्न- "भारत में सुन्दर वस्त्रों का निर्माण प्राचीनकाल से होता रहा है। " विवेचना कीजिए।
  31. प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- मलमल किस प्रकार का वस्त्र है? इसके इतिहास तथा बुनाई प्रक्रिया को समझाइए।
  33. प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
  34. प्रश्न- कश्मीरी शॉल की क्या विशेषताएँ हैं? इसको बनाने की तकनीक का वर्णन कीजिए।.
  35. प्रश्न- कश्मीरी शॉल के विभिन्न प्रकार बताइए। इनका क्या उपयोग है?
  36. प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- ब्रोकेड के अन्तर्गत 'बनारसी साड़ी' पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
  39. प्रश्न- बाँधनी के प्रमुख प्रकारों को बताइए।
  40. प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए।
  41. प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  42. प्रश्न- राजस्थान के परम्परागत वस्त्रों और कढ़ाइयों को विस्तार से समझाइये।
  43. प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- पटोला वस्त्र से आप क्या समझते हैं ?
  45. प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- बांधनी से आप क्या समझते हैं ?
  47. प्रश्न- ढाका की साड़ियों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  48. प्रश्न- चंदेरी की साड़ियाँ क्यों प्रसिद्ध हैं?
  49. प्रश्न- उड़ीसा के बंधास वस्त्र के बारे में लिखिए।
  50. प्रश्न- ढाका की मलमल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  51. प्रश्न- उड़ीसा के इकत वस्त्र पर टिप्पणी लिखें।
  52. प्रश्न- भारत में वस्त्रों की भारतीय पारंपरिक या मुद्रित वस्त्र छपाई का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- भारत के पारम्परिक चित्रित वस्त्रों का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- गर्म एवं ठण्डे रंग समझाइए।
  55. प्रश्न- प्रांग रंग चक्र को समझाइए।
  56. प्रश्न- परिधानों में बल उत्पन्न करने की विधियाँ लिखिए।
  57. प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  58. प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  62. प्रश्न- टिप्पणी लिखिए: (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
  63. प्रश्न- कश्मीर की कशीदाकारी के अन्तर्गत शॉल, ढाका की मलमल व साड़ी और चंदेरी की साड़ी पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
  65. प्रश्न- "मणिपुर का कशीदा" पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  66. प्रश्न- हिमाचल प्रदेश की चम्बा कढ़ाई का वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- भारतवर्ष की प्रसिद्ध परम्परागत कढ़ाइयाँ कौन-सी हैं?
  68. प्रश्न- सुजानी कढ़ाई के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  69. प्रश्न- बिहार की खटवा कढ़ाई पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  70. प्रश्न- फुलकारी किसे कहते हैं?
  71. प्रश्न- शीशेदार फुलकारी क्या हैं?
  72. प्रश्न- कांथा कढ़ाई के विषय में आप क्या जानते हैं?
  73. प्रश्न- कढ़ाई में प्रयुक्त होने वाले टाँकों का महत्व लिखिए।
  74. प्रश्न- कढ़ाई हेतु ध्यान रखने योग्य पाँच तथ्य लिखिए।
  75. प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- जरदोजी पर टिप्पणी लिखिये।
  77. प्रश्न- बिहार की सुजानी कढ़ाई पर प्रकाश डालिये।
  78. प्रश्न- सुजानी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  79. प्रश्न- खटवा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

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