बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
फॉस्फोरस
कैल्शियम के बाद महत्वपूर्ण मात्रा में फॉस्फोरस आता है। यह कैल्शियम के साथ मिलकर दाँतों और अस्थियों के निर्माण में हिस्सा लेता है। एक व्यक्ति में लगभग 500-570 ग्राम तक फॉस्फोरस होता है, जो अस्थियों और दाँतों में रहता है। इसके साथ-साथ यह शरीर के विकास के लिए भी आवश्यक तत्व है।
फॉस्फोरस के प्राप्ति स्रोत - जन्तु भोज्य में फॉस्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है; उदाहरणार्थ- दूध, मक्खन, सुअर का मांस, झींगा मछली, मांस, कलेजी, तीतर, अण्डे की जर्दी, कॉड लिवर ऑयल इत्यादि में। वनस्पति भोज्य में फॉस्फोरस कम पाया जाता है; उदाहरणार्थ- हरी पत्तेदार सब्जियाँ, साबुत अनाज, दालें, फली, सूखे मेवे, चोकर, चना, चावल इत्यादि में।
फॉस्फोरस के कार्य - हमारे शरीर में फॉस्फोरस की मात्रा कैल्शियम के संग संयुक्त अवस्था में होती है। अतः फॉस्फोरस के अधिकतर कार्यों में कैल्शियम सहयोगी तत्व की भूमिका निभाता है। फॉस्फोरस द्वारा निम्न काम किये जाते हैं-
(a) यह कैल्शियम के साथ मिलकर अस्थियों और दाँतों के निर्माण में हिस्सा लेता है और टूटी-फूटी अस्थियों को जोड़ने में सहायता करता है। (b) शरीर में ऊर्जा के परिवर्तन में मदद करता है।. (c) शरीर के विकास के लिए आवश्यक तत्व है। (d) विभिन्न क्रियाओं में प्रेरक तत्वों के समान काम करता है। (e) रक्त की क्षारीयता को सन्तुलित बनाये रखता है।
फॉस्फोरस की कमी से हानियाँ - किसी शिशु में उसके पोषण में फॉस्फोरस की कमी हो जाती है तो उसकी अस्थियों का विकास थम जाता है, शारीरिक वृद्धि मन्द हो जाती है और दाँत निकलने में देरी होती है साथ ही बहुत परेशानी के बाद दाँत निकलते हैं।
खाद्य पदार्थों में फॉस्फोरस की मात्रा
(1) अनाज- | (a) मोटा अनाज | .29 ग्राम |
(b) जौ | .28 ग्राम | |
(c) बाजरा | .35 ग्राम | |
(d) ज्वार | .28 ग्राम | |
(e) गेहूँ | .32 ग्राम | |
(f) मैदा | .09 ग्राम | |
(g) कच्चा चावल | .11 ग्राम | |
(h) भूसी बिना कच्चा चावल | . 23 ग्राम | |
(2) दालें- |
(a) चना | .31 ग्राम |
(b) उड़द | .37 ग्राम | |
(c) मसूर | .25 ग्राम. | |
(d) अरहर | .26 ग्राम | |
(e) सोयाबीन | .69 ग्राम | |
(f) सफेद काबुली चना | .49 ग्राम | |
(g) सूखी मटर | .30 ग्राम | |
(h) लोबिया दाल | .39 ग्राम | |
(3) पशुओं से प्राप्त पदार्थों में | (a) दूध-गाय | .09 ग्राम |
(b) दूध-भैंस | .13 ग्राम | |
(c) पनीर | .52 ग्राम | |
(d) भैंस का खोया | .42 ग्राम | |
(e) अण्डा | .22 ग्राम | |
(f) बत्तख का अण्डा | .26 ग्राम | |
(g) मछली | .41 ग्राम |
फॉस्फोरस की दैनिक जरूरत - शरीर में फॉस्फोरस की कमी नहीं हुआ करती; क्योंकि साधारण खाद्य-सामग्री में यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। वैसे इसकी कमी का प्रतिकूल प्रभाव शरीर की हड्डियों तथा दाँतों पर पड़ता है। इसके अतिरिक्त फॉस्फोरस की कमी की स्थिति में शरीर में कैल्शियम का सुचारु रूप से अवशोषण भी नहीं हो पाता; अतः शरीर को कैल्शियम की कमी के परिणामस्वरूप होने वाली समस्याओं का भी सामना करना पड़ जाता है। अतः शरीर को इसकी नितान्त आवश्यकता होती है।
लौह (Iron)
लौह का महत्व मानव शरीर में बहुत है। यह रक्त के निर्माण में भाग लेता है। इसलिए लोहे की कुल उपस्थित मात्रा का लगभग 75-80% भाग रक्त में पाया जाता है। रक्त में यह हीमोग्लोबिन में विशेष रूप से पाया जाता है। लोहे की शेष मात्रा सूक्ष्म रूप में मांसपेशियों, अस्थिमज्जा और यकृत में पायी जाती है। औसतन एक स्वस्थ व्यक्ति में लगभग 5-7 ग्राम तक लोहे की मात्रा होती है।
लौह प्राप्ति के स्रोत- लौह जन्तु और वानस्पतिक दोनों प्रकार की वसाओं में नाममात्र को ही होता है। इसकी प्राप्ति के लिए जन्तु भोज्य, फल और हरी पत्तेदार सब्जियाँ उपयुक्त हैं।
अनेक खाद्य-पदार्थों में लौह की मात्रा-
(1) अनाज- | (a) ज्वार | 6.2 ग्राम |
(b) बाजरा | 8.8 ग्राम | |
(c) कच्चा चावल | 2.6 ग्राम | |
(d) गेहूँ | 5.3 ग्राम | |
(e) सेला | 3.2 ग्राम | |
(2) दालें- | (a) चना | 8.9 ग्राम |
(b) उड़द | 9.8 ग्राम | |
(c) मूँग | 8.4 ग्राम | |
(d) अरहर | 8.8 ग्राम | |
(e) मटर | 4.4 ग्राम | |
(f) लोबिया | 7.6 ग्राम | |
(g) सोयाबीन | 11.3 ग्राम | |
(3) सब्जियाँ- | (a) हरा धनिया | 10 ग्राम |
(b) मैथी साग | 16.9 ग्राम | |
(c) पालक | 5.0 ग्राम | |
(d) पोदीना | 15.6 ग्राम | |
(e) करेला | 9.3 ग्राम | |
(f) सेम | 5.8 ग्राम | |
(g) पान | 5.7 ग्राम | |
(h) हरा टमाटर | 2.4 ग्राम | |
(4) जीवों द्वारा- | (a) मछली | 2.3 ग्राम |
(b) अण्डा | 2. 1 ग्राम | |
(c) भेड़ का जिगर | 6.3 ग्राम |
लौह के कार्य - लौह खनिज का मुख्य काम रक्त के हीमोग्लोबिन का निर्माण करना है। लौह खनिज; प्रोटीन से मिलकर हीमोग्लोबिन को बनाता है। हीमोग्लोबिन के निर्माण के अलावा लौह खनिज शरीर के लिए आवश्यक कुछ किण्वों के निर्माण में भी योगदान देता है। लौह खनिज; इन निर्माण सम्बन्धी कार्यों के अतिरिक्त कुछ नियामक कार्यों की दृष्टि से भी उपयोगी है। यह शरीर में वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय की प्रक्रिया में भी सहायता प्रदान करता है। लौह खनिज का एक अन्य काम शरीर की पेशी कोशिकाओं में मायोग्लोबिन के रूप में ऑक्सीजन को संचित करना भी है। मायोग्लोबिन के रूप में संचित ऑक्सीजन मांसपेशियों की गत्यात्मक क्रियाओं में सहायक होती है।
लौह खनिज की कमी के परिणाम - लौह खनिज की कमी के परिणामस्वरूप रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा घटने लगती है। इस कमी के परिणामस्वरूप 'एनीमिया' नाम का रोग हो जाता है। इस रोग की स्थिति में व्यक्ति दुर्बल हो जाता है तथा हर समय थकान महसूस करता है। इस रोग के बढ़ जाने पर हृदय की धड़कन बढ़ जाती है और सीने में दर्द भी होने लगता है। कभी-कभी चक्कर आने लगते हैं। पाँवों में सूजन आ जाती है तथा हाथ, पाँव और चेहरे का रंग पीला पड़ने लगता है।
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
- प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
- प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- भोजन क्या है?
- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
- प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
- प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
- प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
- प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
- प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
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- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
- प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
- प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
- प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
- प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
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- प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
- प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
- प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
- प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
- प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।