बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
अध्याय - 7
खनिज लवण
(Minerals)
प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
अथवा
खनिज लवण के कार्य बताइये।
उत्तर -
खनिज तत्व
शरीर के लिए आवश्यक पाँच पोषक तत्वों अर्थात् कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा, जल एवं विटामिन्स की भाँति खनिज लवण भी आवश्यक एवं अनिवार्य पोषक तत्व हैं। खनिज लवण शरीर की निर्माणी, स्वास्थ्य सम्बन्धी व अन्य जीवनदायिनी क्रियाओं के संचालन में आवश्यक होते हैं। शरीर के लिए अनिवार्य मुख्य 24 खनिज लवणों में कैल्सियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, सल्फर, मैग्नीशियम, लोहा, मैंगनीज, ताँबा, आयोडीन, कोबाल्ट, जिंक, ऐलुमिनियम, सिलिकन, मॉलिब्डेनम, क्लोराइड्स हैं।
कैल्सियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, क्लोरीन, सोडियम व मैग्नीशियम आदि खनिज तत्वों की शरीर को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। इसलिए इन्हें प्रमुख या मेजर तत्व कहा जाता है। कुछ खनिज तत्व जैसे- फ्लुओरीन, लोहा, ताँबा, मैंगनीज, आयोडीन आदि शरीर के लिए अत्यन्त कम मात्रा में आवश्यक होते हैं। ये तत्व ट्रेस तत्व कहलाते हैं। ये तत्व भले ही न्यून मात्रा में आवश्यक होते हैं परन्तु शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए इनका महत्व काफी अधिक है। खनिज तत्व हमारे शरीर में लवण या यौगिक के रूप में रहते हैं जैसे सोडियम क्लोराइड (NaCl) तथा मैग्नीशियम सल्फेट (MgSO4) आदि। कुछ खनिज तत्व शरीर की कोशिकाओं में स्वतन्त्र रूप से भी विद्यमान रहते हैं, परन्तु अधिकांश खनिज तत्व कार्बनिक यौगिकों के साथ मिलकर ही शरीर में उपस्थित रहते हैं; जैसे- हीमोग्लोबिन, फॉस्फोप्रोटीन, फॉस्फोलिपिड, थायरॉक्सिन आदि।
प्रायः यही होता है कि हमारा आहार यदि प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, कैल्सियम व लौह तत्वों से परिपूर्ण है, तो अन्य खनिज लवणों की पूर्ति भी इनके साथ ही होती रहती है और उनकी कमी की सम्भावना कम रह जाती है। प्रत्येक प्राकृतिक भोज्य पदार्थ में अन्य पोषक तत्वों के साथ ही खनिज तत्व भी थोड़ी-बहुत मात्रा में उपस्थित रहते हैं। दूध में प्रोटीन, वसा, शर्करा, विटामिन 'D' के अलावा कैल्सियम व फॉस्फोरस भी विद्यमान रहते हैं। विभिन्न अनाजों व दालों में प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट्स के साथ ही लौह तत्व भी विद्यमान रहता है। आहार में विभिन्नता लाते रहने से विभिन्न खनिज तत्वों की पूर्ति होती रहती है।
खनिज तत्वों के कार्य
खनिज लवण हमारे शरीर में यौगिकों के रूप में रहते हैं। तत्व, लवण व यौगिकों के रूप में खनिज पदार्थ हमारे शरीर में विभिन्न कार्य करते हैं; जैसे-विभिन्न अंगों का निर्माण करना तथा शरीर की जैविक क्रियाओं को चलाना। अतः खनिजों के द्वारा सम्पन्न होने वाले समस्त कार्यों को दो वर्गों में बाँटा जाता है। ये वर्ग हैं-खनिज तत्वों के निर्माणक कार्य तथा खनिज तत्वों के नियामक कार्य।
खनिज तत्वों के निर्माणक कार्य
(1) कैल्सियम, मैग्नीशियम व फॉस्फोरस दाँतों व अस्थियों को सुदृढ़ बनाने व उनके निर्माण का कार्य करते हैं। (2) शरीर के कोमल ऊतकों के निर्माण में फॉस्फोरस तथा सल्फर सहायक होते हैं। (3) रक्त में उपस्थिति हीमोग्लोबिन का निर्माण लोहा (आयरन) के द्वारा होता है। ताँबा भी इस क्रिया में सहयोग देता है। कैल्सियम भी रक्त के संघटन में सहायक होता है। (4) आयोडीन थायरॉक्सिन हॉर्मोन का निर्माण करती है।
खनिज तत्वों के शरीर नियामक कार्य
(1) शरीर के द्रवों में पाए जाने वाले खनिज तत्व सोडियम, पोटैशियम, क्लोरीन आदि शरीर में पानी का सन्तुलन बनाए रखते हैं। (2) खनिज तत्व अम्लीय व क्षारीय गुणों वाले होने के कारण शरीर में अम्ल व क्षार का सन्तुलन बनाए रखते हैं। केवल कैल्सियम, पोटैशियम, सोडियम व मैग्नीशियम क्षारीय प्रवृत्ति के तत्व होते हैं, अन्य सभी तत्व अम्लीय प्रवृत्ति के होते हैं। (3) कुछ खनिज तत्व मांसपेशियों की संकुचन क्रिया में सहायता करते हैं। (4) खनिज तत्व नाड़ियों की संवेदनशीलता को बनाए रखने का कार्य भी करते हैं। (5) विभिन्न भोज्य पदार्थों की चयापचयी क्रियाओं को चलाने के लिए खनिज तत्व आवश्यक भूमिका का निर्वाह करते हैं।
विभिन्न खनिज तत्व कार्यों की दृष्टि से आपस में सम्बन्धित होते हैं। उदाहरण के लिए सोडियम, पोटैशियम, कैल्सियम, फॉस्फोरस तथा क्लोरीन हमारे शरीर के विभिन्न द्रव्यों में उपस्थित रहकर मांसपेशीय तन्तुओं की संवेदन शक्ति को बनाए रखने का कार्य करते हैं। इसी तरह कैल्सियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम आदि तत्व अस्थियों का निर्माण करते हैं। इसी तरह कैल्सियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम आदि तत्व अस्थियों का निर्माण करते हैं। इस प्रकार एक तत्व की कमी से दूसरे तत्व की क्रियाशीलता प्रभावित होती है। लोहा, ताँबा व कोबाल्ट प्रोटीन तथा विटामिन B12 के साथ मिलकर हीमोग्लोबिनं व लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होते हैं।
वैसे तो उत्तम पोषण के लिए सभी तत्वों का होना आवश्यक होता है, परन्तु यदि आहार से किसी व्यक्ति को कैल्सियम, लोहा व आयोडीन की पर्याप्त मात्रा मिल रही है, तो अन्य खनिज तत्वों की कमी की शरीर को बहुत कम सम्भावना रहती है। अतः मनुष्य को अपने आहार में इन तत्वों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
खनिज तत्व हमारे भोजन में दूध व दूध से बने भोज्य पदार्थ अण्डा, अनाज, दालें, फल, सब्जियाँ, सूखे मेवे, नट्स व तिलहन आदि से प्राप्त होते हैं। किसी भोज्य पदार्थ में उपस्थित खनिज तत्व की मात्रा में विभिन्नता हो सकती है। यह विभिन्नता कारकों से प्रभावित होती है; जैसे- भूमि का उपजाऊपन, खाद, मिट्टी, पानी में उपस्थित आयोडीन की मात्रा आदि।
शरीर का निर्माणक तत्व प्रमुख रूप से प्रोटीन है तथा प्रोटीन के बाद दूसरा निर्माणक भोज्य-तत्व खनिज ही है। निर्माणक तत्व शरीर के आकार, भार व डील-डौल को प्रभावित करते हैं। रक्त परिवहन, हृदय की धड़कन तथा रक्त का थक्का जमना आदि जैसी क्रियाओं को नियन्त्रित करना खनिज लवणों का ही कार्य है। खनिज तत्वों से हमारे शरीर की जैविक क्रियाएँ प्रभावित और नियन्त्रित रहती हैं, जिससे अंग प्राकृतिक रूप से कार्य करने में समर्थ रहते हैं।
मुख्य खनिजों का सामान्य - परिचय
1. कैल्सियम - इस खनिज की प्राप्ति का मुख्य स्रोत दूध है। मछली भी कैल्सियम प्राप्ति का एक अच्छा प्राणिज स्रोत है। यह अस्थियों एवं दाँतों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है। आहार में ग्रहण किए गए कैल्सियम का अवशोषण छोटी आँत के ऊपरी भाग में होता है। आहार में कैल्सियम की कमी से रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया तथा ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग हो जाते हैं। इस खनिज की अधिकता से हाइपर कैल्सिमिया नामक विकार उत्पन्न हो जाता है।
2. फॉस्फोरस - यह खनिज सरलता से उपलब्ध हो जाता है। यह शरीर की अस्थियों एवं दाँतों के निर्माण में सहायक होता है। फॉस्फोरस शरीर में अम्ल एवं क्षार के सन्तुलन में सहायक होता है तथा शरीर में अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण तथा परिवहन को सरल बनाता है।
3. सोडियम - सोडियम को हम मुख्य रूप से साधारण नमक के रूप में ग्रहण करते हैं। यह हमारे शरीर में मूत्र, ऊतकों तथा प्लाज्मा में विद्यमान रहता है। यह शरीर के ऊतक द्रव्यों व प्लाज्मा में रसाकर्षण दबाव को नियन्त्रित रखता है। यह शरीर में अम्लीय व क्षारीय स्थिति में सन्तुलन बनाए रखने में सहायक होता है। इस खनिज के प्रभाव से मांसपेशियों में संकुचन तथा नाड़ी संस्थान की संवदेन शक्ति बनी रहती है। इसकी अधिकता से उच्च रक्तचाप की आशंका रहती है।
4. लौह खनिज - शरीर में लौह खनिज की अल्प मात्रा ही आवश्यक होती है। यह खनिज रक्त-निर्माण में योगदान देता है। रक्त का हीमोग्लोबिन इस पर निर्भर करता है। लौह खनिज शरीर में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के संवहन में सहायक होता है। शरीर में लौह- खनिज की कमी के परिणामस्वरूप रक्ताल्पता या एनीमिया नामक रोग हो जाता है।
5. आयोडीन - आयोडीन का सरल तथा सर्वसुलभ स्रोत है-आयोडीनयुक्त नमक। प्रकृति में यह समुद्री भोज्य पदार्थों में भी पाया जाता है। यह खनिज शरीर में थायरॉक्सिन तथा अन्य आयोडीन यौगिकों का निर्माण करता है। यह शारीरिक वृद्धि एवं विकास में योगदान देता है. तथा शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीकरण की दर को नियन्त्रित रखता है। इसकी कमी से घेंघ नामक रोग हो जाता है। इस रोग में थाइरॉइड ग्रन्थि बढ़ जाती है।
6. ताँबा - यह खनिज शरीर में लौह के अवशोषण तथा चयापचय में सहायक होता है। यह वसीय अम्लों के शोषण में सहायक होता है तथा एस्कर्बिक अम्ल के ऑक्सीकरण में सहायक होता है।
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
- प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
- प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- भोजन क्या है?
- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
- प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
- प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
- प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
- प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
- प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
- प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
- प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
- प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
- प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
- प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
- प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
- प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
- प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
- प्रश्न-
- प्रश्न-
- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
- प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
- प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
- प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
- प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
- प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
- प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
- प्रश्न- Menu से आप क्या समझते हैं? विभिन्न प्रकार के Menu को समझाइये।
- प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कैन्टीन का लेखा-जोखा कैसे रखा जाता है? समझाइए।
- प्रश्न- बड़े समूह को खाना परोसते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखेंगे तथा अपने संस्थान में एक लड़कियों के लिये कैंटीन की योजना कैसे बनाएंगे? विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
- प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
- प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
- प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
- प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।