बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
कैल्शियम के कार्य एवं कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
समस्त खनिज तत्वों में कैल्शियम की मात्रा सर्वाधिक होती है। शरीर भार का कुल 2% भाग कैल्शियम का बना होता है। सभी खनिज तत्वों की कुल मात्रा का आधा भाग अकेला कैल्शियम ही होता है। एक प्रौढ़ व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम 1200 ग्राम तक होता है। कैल्शियम का 99% भाग शरीर के दाँत व अस्थियों को सुदृढ़ता प्रदान करने में तथा 1% भाग शरीर के तरल व कोमल ऊतकों को बनाने में व्यय होता है। इसके अतिरिक्त कैल्शियम की कुछ मात्रा पसीने द्वारा भी उत्सर्जित कर दी जाती है।
(Functions of Calcium)
कैल्शियम शरीर में निम्नलिखित प्रमुख कार्य करता है-
1. अस्थियों के निर्माण में सहायक - जब भ्रूण का विकास होना शुरू हो जाता है उसी समय भ्रूण में एक मजबूत परन्तु लचीला (flexible) प्रोटीन मैट्रिक्स बनना प्रारम्भ होता है जो हड्डियों के निर्माण में सहायक कार्य करता है। भ्रूण के जन्म के पश्चात् से यह मैट्रिक्स दृढ़ होने लगता है। कैल्सिफिकेशन या ओसीफिकेशन (Calcification or Ossification) की प्रक्रिया खनिज लवणों के मैट्रिक्स में जमने की क्रिया है जिससे कैल्शियम- कैल्शियम फॉस्फेट और कैल्शियम हाइड्रोक्साइड के संयोजन से बने पदार्थ हाइड्रोक्सीएपीटाइड के क्रिस्टल के रूप में जमा कर लिया जाता है जो मुख्य रूप से हड्डी निर्माण में सहायक होता है।
2. दाँतों के निर्माण में सहायक - हाइड्रोक्सीएपीटाइड पदार्थ हड्डियों के निर्माण के अतिरिक्त दाँतों के डेन्टीन व इनेमिल का भी निर्माण करता है। दाँतों में इसके क्रिस्टल अधिक सघन होते हैं तथा जल की मात्रा भी कम रहती है। इनेमिल की प्रोटीन केरेटिन (Keratin) तथा डेन्टीन की प्रोटीन कॉलेजन (Collagen) कहलाती है। कैल्शियम की आवश्यकता दाँतों के निर्माण के लिए केवल एक बार होती है। एक बार दाँत निकलने पर यदि टूट भी जायें तो उनका पुनर्निर्माण नहीं हो सकता।
3. रक्त का जमना - कैल्शियम का कार्य रक्त जमाने में भी सहायता करना है। चोट इत्यादि लगने की स्थिति में रक्त का आयनीकृत कैल्शियम रक्त प्लेटलेट्स (blood Platelets) को थ्रोम्बोप्लास्टिन स्रावित करने के लिए उत्तेजित करता है। थ्रोम्बोप्लास्टिन की यह विशेषता है कि यह रक्त में उपस्थित प्रोथ्रोम्बिन प्रोटीन को थ्रोम्बिन में परिवर्तित कर देता है। थ्रोम्बिन बहुलीकृत होकर फाइब्रिनोजन को फाइब्रिन में परिवर्तित कर देता है जो फाइब्रिन रक्त का थक्का जमाने में सहायक है।
4. वृद्धि में सहायक - यद्यपि कैल्शियम की कमी का शारीरिक वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, परन्तु विभिन्न अध्ययन से पाया गया है कि वे व्यक्ति जो अपने आहार में कम कैल्शियम की मात्रा लेते हैं वे सामान्य व्यक्तियों की अपेक्षा नाटे व छोटे रह जाते हैं। वस्तुतः जिनके आहार में कैल्शियम की कमी होती है वे प्रोटीन की कमी से भी ग्रसित हो जाते हैं और चूँकि प्रोटीन शारीरिक वृद्धि व विकास के लिए प्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी है इसी कारण लम्बाई व वृद्धि में कमी कैल्शियम की कमी के फलस्वरूप आयी प्रतीत होती है। वैसे कैल्शियम वृद्धि में सहायक कारण की भाँति कार्य करता है।
5. कार्बोहाइड्रेट - वसा व प्रोटीन के पाचन में प्रयुक्त क्रियाओं में उत्प्रेरक की भाँति कार्य-कार्बोहाइड्रेट, वसा व प्रोटीन के पाचन में जो मुख्य एन्जाइम कार्य करते हैं उन्हें कैल्शियम की क्रियात्मक अवस्था में लाने के लिए उत्तरदायी भूमिका निभाता है। यह अनेक क्रियाओं में उत्प्रेरक की भाँति कार्य करता है; जैसे- वसा पाचन में प्रयुक्त एन्जाइम पेन्क्रियेटिक लायपेज (Pancreatic Lipase) कैल्शियम द्वारा ही सक्रिय अवस्था में लाया जाता है। इसी प्रकार अग्नाशय की कोशिकाओं में उत्पन्न इन्सुलिन हॉर्मोन को स्त्रावित होने के लिए अन्तःकोशीय द्रव में कैल्शियम की उपस्थिति अनिवार्य है।
6. संवेदना प्रेषण में सहायक - कैल्शियम के विखण्डन से पदार्थ ऐसीटाइलकोलीन (Acetylcholine) का निर्माण होता है। यह पदार्थ तन्त्रिका संवेदनाओं को एक तन्त्रिका से दूसरी तन्त्रिका के संवेदन में सहायक है।
7. कोशिका भित्ति की पारगम्य क्षमता को नियन्त्रित करना - कैल्शियम कोशिका भित्ति फॉस्फोलिपिड लैसिथिन के साथ संयुक्त हो जाता है और कोशिका भित्ति की पारगम्य क्षमता को नियन्त्रित करता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण नियन्त्रित रहता है।
8. हृदय स्पन्दन व माँसपेशियों की क्रियाओं के नियन्त्रण में सहायक - कैल्शियम हृदय स्पन्दन व स्नायु संस्थान की उद्दीपन के संचालन व नियन्त्रण में भी सहायता करता है।
कैल्शियम की कमी से होने वाली हानियाँ
बच्चों में कैल्शियम की कमी से रिकेट्स (Rickets) नामक रोग हो जाता है। इसमें बच्चों की टाँगें कमजोर और टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। पैर धनुषाकार (bow legs) हो जाते हैं। छाती की हड्डियाँ पोली (Hollow) हो जाती हैं।
प्रौढ़ावस्था में कैल्शियम हीनता से अस्थि दौर्बल्य आ जाता है। यह स्थिति औस्टोमलेशिया (Osteomalacia) की कहलाती है। पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में यह स्थिति अधिक दिखाई देती है। प्रायः गर्भावस्था व दुग्धपान अवस्था में स्त्रियों की भ्रूण की बढ़ी हुयी कैल्शियम की आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पाती। फलतः विकार आ जाता है। निरन्तर कैल्शियम की कमी बने रहने से हड्डियों में से कैल्शियम निरन्तर खिंचता रहता है जिससे हड्डियों में छोटे-छोटे छिद्र हो जाते हैं। यह स्थिति ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) की होती है।
कैल्शियम की कमी से होने वाली हानियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) अस्थियों व दाँतों की कैल्सीफिकेशन की क्रिया अधूरी रह जाती है। (2) बाल्यावस्था में बच्चों में रिकेट्स (Rickets) नामक रोग हो जाता है जिससे बच्चों की टाँगों की अस्थियाँ टेढ़ी हो जाती हैं। शारीरिक वृद्धि भी प्रभावित होती है। (3) प्रौढ़ों में कैल्शियम की कमी से औटोमलेशिया तथा निरन्तर कमी रहने से ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग हो जाता है। (4) लगातार काफी समय तक कमी बने रहने से कैल्शियम तत्व अस्थियों से बाहर निकलने लगता है जिससे अस्थियों में छिद्र हो जाते हैं। यह क्रिया डी-कैल्सीफिकेशन (De-calcification) होती है। (5) श्रोणि मेखला (Pelvic girdle) संकुचित हो जाती है फलस्वरूप गर्भिणी स्त्री को शिशु जन्म के समय बहुत तकलीफ होती है। कभी-कभी गर्भपात भी हो जाता है। (6) मनुष्य चिड़चिड़ा व अन्यमनस्क - सा रहता है। (7) रक्त में कैल्शियम की कमी बनी रहने से माँसपेशियों के संकुचन की गति अनियन्त्रित हो जाती है जिससे हाथ-पैर काँपने लगते हैं। उनमें ऐंठन सी होती है। यह स्थिति टिटैनी (Tetany) कहलाती है।
कैल्शियम की अधिकता (Hyper Calcemia) - जहाँ कैल्शियम की कमी से विभिन्न रोगों की सम्भावना रहती है, वहीं इसकी अधिकता भी हानिप्रद है। अधिकतर प्रौढ़ और बच्चों दोनों को ही हो सकती है। ऐसी स्थिति में भूख कम लगती है, कब्ज हो जाता है, वमन होता है, माँसपेशियाँ ढीली पड़ जाती हैं। रक्त में कैल्शियम की मात्रा बढ़ने के साथ-साथ यूरिया, प्लाज्मा कोलोस्ट्रोल भी बढ़ जाते हैं। गुर्दों में कैल्शियम एकत्र होने लगता है।
तालिका- कैल्शियम की प्रस्तावित मात्रा
पुरुष | बैठक वाला कार्य साधारण कार्य भारी कार्य | 400 (मिली. ग्रा.) |
महिला | बैठक वाला कार्य साधारण कार्य भारी कार्य | 400 (मिली. ग्रा.) |
गर्भावस्था | (चौथे माह से) | 1000 (मिली. ग्रा.) |
स्तनपान | 0-6 माह, 7-12 माह | 1000 (मिली. ग्रा.) |
शिशु | 0-6 माह, 7-12 माह | 500 (मिली. ग्रा.) |
बच्चे | 1 से 3 वर्ष | 400 (मिली. ग्रा.) |
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
- प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
- प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- भोजन क्या है?
- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
- प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
- प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
- प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
- प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
- प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
- प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
- प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
- प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
- प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
- प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
- प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
- प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
- प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
- प्रश्न-
- प्रश्न-
- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
- प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
- प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
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- प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
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- प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
- प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
- प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
- प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
- प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।