बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य
प्रश्न- 'मैला आँचल' की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
उत्तर -
फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा लिखित मैला आँचल ग्रामीण जीवन की महागाथा है। इस उपन्यास के माध्यम से रेणु ने बिहार प्रान्त के पूर्णिया जिले के मेरीगंज नामक गाँव की सामाजिक राजनीतिक, धार्मिक व आर्थिक परिस्थितियों का चित्रांकन किया है तथा साथ ही इसमें ग्रामीण अंचल की सभ्यता, संस्कृति परिवर्तित वातावरण का चित्रण सूक्ष्मतापूर्वक व मनोमुग्धकारी शैली में किया है।
'मैला आँचल उपन्यास की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. उपन्यास में कथावस्तु ठोस और श्रृंखलाबद्ध होनी चाहिए अथवा कथा में अस्वाभाविकता का समावेश हो जाता है। श्रृंखलाबद्ध का तात्पर्य है एक प्रसंग का दूसरे प्रसंग से सम्बन्ध। मूलभाव या प्रयोग का विस्तार से वर्णन करने का अवसर उपन्यास में रहता है। अतः रचनाकार बड़े कौशल के साथ इसका वर्णन कर सकता है।
मैला आँचल की कथावस्तु में निम्नलिखित प्रसंगों की अवतारणा हुई है जिससे मैला आँचल उपन्यास की कथावस्तु निर्मित हुई है -
(1) महन्त सेवादास और लक्ष्मी का प्रसंग
(2) लक्ष्मी और रामदास का प्रसंग
(3) डॉ. प्रशान्त और कमला का प्रसंग
(4) बालदेव और लक्ष्मी का प्रसंग
(5) विश्वनाथ प्रसाद का प्रसंग
(6) कालीचरण और मंगल का प्रसंग
(7) खेलावन यादव का प्रसंग
(8) फुलिया और खलासी का प्रंसग
(9) बावनदास का प्रसंग
(10) रामप्यारी और रामदास का प्रसंग
(11) मिसेज मेरी का प्रसंग
(12) पारवती की माँ और मौसी का प्रसंग।
2. मैला आँचल उपन्यास में रेणु ने वर्णनात्मक पद्धति का प्रयोग करते हुए विविध घटनाओं का वर्णन व विवरण प्रस्तुत किया है। इन्होंने अपने इस उपन्यास में संवादात्मक पद्धति का भरपूर प्रयोग किया है, यथा- निम्नलिखित उद्धरण में उन्होंने पात्रों के वार्तालाप से उपन्यास के महत्वपूर्ण पात्र बालदेव के बारे में सम्पूर्ण रचनाएँ सम्प्रेषित कर दी "हजूर, यह सुराजी बालदेव गोप हैं। दो साल जेहल खटकर आया है, इस गांव का नहीं चन्ननपटी का है। यहाँ मौसी के यहाँ आया है। सद्धड़ पहनता है जैहिल बोलता है।"
तो इसे बाँधा है काहे?
अरे बालदेव ! साहब के किरानी ने बालदेव को पहचान लिया। 'अरे यह तो बालदेव है। सर, यह रामकृष्ण कांग्रेस आश्रम का कार्यकर्ता है। बड़ा बहादुर है।
3. रेणु ने 'मैला आँचल' उपन्यास में 18 प्रमुख कथाओं से सम्बन्धित प्रसंग और 78 गौण कथाओं से सम्बन्धित प्रसंगों का समावेश किया है। लेकिन कथाओं का आपसी जुड़ाव नहीं है, विभिन्न कथाएँ परस्पर सम्बन्धित हैं और प्रस्तुत उपन्यास की कथावस्तु वास्तव में विशृंखलित है, कथानक बिखरा हुआ सा दृष्टिगोचर होता है। उपन्यासकार ने बिहार प्रान्त के पूर्णिया जिले में मेरीगंज नामक गाँव को कथावस्तु के साथ जोड़ा है और वहाँ के अंचल निवासियों की रीति- रिवाज, अन्धविश्वास, मान्यताओं, परम्पराओं व रूढ़ियों का चित्रांकन किया है। प्रमुख व गौण कथाओं की संख्या अधिक है, परन्तु वे सभी मेरीगंज से सम्बन्धित हैं। इसलिए घटनास्थल के आधार पर एकसूत्रता या सम्बद्धता का गुण आ गया है। उपन्यासकार ने एक ओर तो गाँववासियों में व्याप्त अशिक्षा, अन्धविश्वास, रूढिप्रियता और पाखंडों का चित्रांकन किया है तो दूसरी ओर मठों में व्याप्त भ्रष्टाचार का भी चित्रांकन किया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि उपन्यास की सारी कथाएँ मेरीगंज के चारों ओर चक्कर काटती हैं।
4. रेणु द्वारा रचित मैला आँचल में सभी गुण परिलक्षित होते हैं। प्रस्तुत उपन्यास में मौलिकता का गुण प्रचुर मात्रा में दृष्टिगोचर होता है। प्रस्तुत उपन्यास में बिहार प्रान्त के पूर्णिया जिले के अन्तर्गत मेरीगंज नामक गाँव व उसके अंचल का चित्रांकन किया हैं। गाँव में रहने वाली विभिन्न जातियों का संघर्ष, रूढ़िवादिता, परम्पराओं और रीति-रिवाज तथा संस्कृति का चित्रण एवं मठों में व्याप्त अनैतिकता, अनाचार का चित्रण आदि विषय सर्वथा अछूते हैं। लेखक ने गाँव के प्रति अपने लगाव और ग्रामीण संस्कृति सम्बन्धी अपने संस्कारों का 'मैला आँचल' में खूब प्रयोग किया है। मेरीगंज अन्य किसी भारतीय गाँव की तरह विभिन्न जातियों में बँटा है और विभिन्न जातियों के मुहल्लों के रूप में बसा हुआ है। 'मैला आँचल' से पूर्व किसी अन्य उपन्यास में किसी अंचल विशेष क इतना विशद् व्यापक चित्रण हुआ ही नहीं, अतः मैला आँचल में मौलिकता का गुण स्वतः ही विद्यमान है। इस उपन्यास में स्वाभाविकता व रोचकता का गुण भी पर्याप्त मात्रा में विद्यमान है। रूढिप्रियता, पाखण्ड, अन्धविश्वास और अफवाहें आदि भारतवर्ष के किसी गाँव में दृष्टिगोचर हो सकती हैं।
इस प्रकार 'मैला आँचल' उपन्यास की विशेषताओं में स्वाभाविकता व रोचकता का गुण भी पर्याप्त मात्रा में विद्यमान है। रूढिप्रियता, पाखण्ड, अन्धविश्वास और अफवाहें आदि भारतवर्ष के किसी भी गाँव में दृष्टिगोचर हो सकती है। लोकथाओं और लोकगीतों के माध्यम से कथावस्तु को अग्रसर किया गया है। कथा की प्रस्तुति हेतु लेखक ने अनेक पात्रों का सहारा लिया है।
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- प्रश्न- गोदान में उल्लिखित समस्याओं का विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'गोदान' के नामकरण के औचित्य पर विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- प्रेमचन्द का आदर्शोन्मुख यथार्थवाद क्या है? गोदान में उसका किस रूप में निर्वाह हुआ है?
- प्रश्न- 'मेहता प्रेमचन्द के आदर्शों के प्रतिनिधि हैं।' इस कथन की सार्थकता पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- "गोदान और कृषक जीवन का जो चित्र अंकित है वह आज भी हमारी समाज-व्यवस्था की एक दारुण सच्चाई है।' प्रमाणित कीजिए।
- प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यास-साहित्य का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- उपन्यास के तत्वों की दृष्टि से 'गोदान' की संक्षिप्त समालोचना कीजिए।
- प्रश्न- 'गोदान' महाकाव्यात्मक उपन्यास है। कथन की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- गोदान उपन्यास में निहित प्रेमचन्द के उद्देश्य और सन्देश को प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- गोदान की औपन्यासिक विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यासों की संक्षेप में विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यासों की कथावस्तु का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- 'गोदान' की भाषा-शैली के विषय में अपने संक्षिप्त विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- हिन्दी के यथार्थवादी उपन्यासों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- 'गोदान' में प्रेमचन्द ने मेहनत और मुनाफे की दुनिया के बीच की गहराती खाई को बड़ी बारीकी से चित्रित किया है। प्रमाणित कीजिए।
- प्रश्न- क्या प्रेमचन्द आदर्शवादी उपन्यासकार थे? संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
- प्रश्न- 'गोदान' के माध्यम से ग्रामीण कथा एवं शहरी कथा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- होरी की चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- धनिया यथार्थवादी पात्र है या आदर्शवादी? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यास 'गोदान' के निम्न गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- 'मैला आँचल एक सफल आँचलिक उपन्यास है' इस उक्ति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उपन्यास में समस्या चित्रण का महत्व बताते हुये 'मैला आँचल' की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- आजादी के फलस्वरूप गाँवों में आये आन्तरिक और परिवेशगत परिवर्तनों का 'मैला आँचल' उपन्यास में सूक्ष्म वर्णन हुआ है, सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- 'मैला आँचल' की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणुजी ने 'मैला आँचल' उपन्यास में किन-किन समस्याओं का अंकन किया है और उनको कहाँ तक सफलता मिली है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "परम्परागत रूप में आँचलिक उपन्यास में कोई नायक नहीं होता।' इस कथन के आधार पर मैला आँचल के नामक का निर्धारण कीजिए।
- प्रश्न- नामकरण की सार्थकता की दृष्टि से 'मैला आँचल' उपन्यास की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'मैला आँचल' में ग्राम्य जीवन में चित्रित सामाजिक सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास को आँचलिक उपन्यास की कसौटी पर कसकर सिद्ध कीजिए कि क्या मैला आँचल एक आँचलिक उपन्यास है?
- प्रश्न- मैला आँचल में वर्णित पर्व-त्योहारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मैला आँचल की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास के कथा विकास में प्रयुक्त वर्णनात्मक पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कथावस्तु के गुणों की दृष्टि से मैला आँचल उपन्यास की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'मैला आँचल' उपन्यास का नायक डॉ. प्रशांत है या मेरीगंज का आँचल? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास की संवाद योजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मैला आँचल)
- प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी 'उसने कहा था' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कहानी के तत्त्वों के आधार पर 'उसने कहा था' कहानी की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- प्रेम और त्याग के आदर्श के रूप में 'उसने कहा था' कहानी के नायक लहनासिंह की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सूबेदारनी की चारित्रिक विशेषताओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अमृतसर के बम्बूकार्ट वालों की बातों और अन्य शहरों के इक्के वालों की बातों में लेखक ने क्या अन्तर बताया है?
- प्रश्न- मरते समय लहनासिंह को कौन सी बात याद आई?
- प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'उसने कहा था' नामक कहानी के आधार पर लहना सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (उसने कहा था)
- प्रश्न- प्रेमचन्द की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कफन कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- कफन कहानी के उद्देश्य की विश्लेषणात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'कफन' कहानी के आधार पर घीसू का चरित्र चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं, इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं। इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- घीसू और माधव की प्रवृत्ति के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- घीसू ने जमींदार साहब के घर जाकर क्या कहा?
- प्रश्न- बुधिया के जीवन के मार्मिक पक्ष को उद्घाटित कीजिए।
- प्रश्न- कफन लेने के बजाय घीसू और माधव ने उन पाँच रुपयों का क्या किया?
- प्रश्न- शराब के नशे में चूर घीसू और माधव बुधिया के बैकुण्ठ जाने के बारे में क्या कहते हैं?
- प्रश्न- आलू खाते समय घीसू और माधव की आँखों से आँसू क्यों निकल आये?
- प्रश्न- 'कफन' की बुधिया किसकी पत्नी है?
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (कफन)
- प्रश्न- कहानी कला के तत्वों के आधार पर प्रसाद की कहांनी मधुआ की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'मधुआ' कहानी के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- 'मधुआ' कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मधुआ)
- प्रश्न- अमरकांत की कहानी कला एवं विशेषता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अमरकान्त का जीवन परिचय संक्षेप में लिखिये।
- प्रश्न- अमरकान्त जी के कहानी संग्रह तथा उपन्यास एवं बाल साहित्य का नाम बताइये।
- प्रश्न- अमरकान्त का समकालीन हिन्दी कहानी पर क्या प्रभाव पडा?
- प्रश्न- 'अमरकान्त निम्न मध्यमवर्गीय जीवन के चितेरे हैं। सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (जिन्दगी और जोंक)
- प्रश्न- मन्नू भण्डारी की कहानी कला पर समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से मन्नू भण्डारी रचित कहानी 'यही सच है' का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- 'यही सच है' कहानी के उद्देश्य और नामकरण पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'यही सच है' कहानी की प्रमुख विशेषताओं का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- कुबरा मौलबी दुलारी को कहाँ ले जाना चाहता था?
- प्रश्न- 'निशीथ' किस कहानी का पात्र है?
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (यही सच है)
- प्रश्न- कहानी के तत्वों के आधार पर चीफ की दावत कहानी की समीक्षा प्रस्तुत कीजिये।
- प्रश्न- 'चीफ की दावत' कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीफ की दावत की केन्द्रीय समस्या क्या है?
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (चीफ की दावत)
- प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी कला की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रेणु की 'तीसरी कसम' कहानी के विशेष अपने मन्तव्य प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- हीरामन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हीराबाई का चरित्र-चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- 'तीसरी कसम' कहानी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'तीसरी कसम उर्फ मारे गये गुलफाम कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु का संक्षिप्त जीवन-परिचय लिखिए।
- प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु जी के रचनाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्या फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियों का मूल स्वर मानवतावाद है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हीराबाई को हीरामन का कौन-सा गीत सबसे अच्छा लगता है?
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (तीसरी कसम)
- प्रश्न- 'परिन्दे' कहानी संग्रह और निर्मल वर्मा का परिचय देते हुए, 'परिन्दे' कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से 'परिन्दे' कहानी की समीक्षा अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- निर्मल वर्मा के व्यक्तित्व और उनके साहित्य एवं भाषा-शैली का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (परिन्दे)
- प्रश्न- ऊषा प्रियंवदा के कृतित्व का सामान्य परिचय देते हुए कथा-साहित्य में उनके योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कहानी कला के तत्त्वों के आधार पर ऊषा प्रियंवदा की 'वापसी' कहानी की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (वापसी)
- प्रश्न- कहानीकार ज्ञान रंजन की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कहानी 'पिता' पारिवारिक समस्या प्रधान कहानी है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कहानी 'पिता' में लेखक वातावरण की सृष्टि कैसे करता है?
- प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (पिता)