बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
अध्याय - 6
अशाब्दिक सम्प्रेषण : दैहिक भाषा, शारीरिक हावभाव
सामीप्य भाषा तथा पार्श्व भाषा
(Non-verbal Communication: Body Language
Kinesics, Proxemics and Para Language)
प्रश्न- शारीरिक भाषा से आप क्या समझते हैं? इसके विभिन्न पक्षों का सविस्तार वर्णन कीजिए।
अथवा
शारीरिक भाषा को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भाष्येत्तर सम्प्रेषण क्या है? शारीरिक भाषा बताइये।
अथवा
"शारीरिक भाषा किसी भी सम्प्रेषण प्रक्रिया को 50% प्रभावित करती है"। समझाइये।
अथवा
"होंठों की आवाज की तुलना में मुस्कराहट अधिक प्रभावी है। दैहिक भाषा सम्प्रेषण के सन्दर्भ में इसे स्पष्ट कीजिए।
इस प्रश्न का उत्तर आगे दिये गये सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तरों को मिलाने से पूरा होता है।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न- भाष्येत्तर सम्प्रेषण क्या है?
अथवा
भाष्येत्तर संचार क्या है?
उत्तर -
(Non-Verbal Communication)
व्यक्ति शब्दों से लिखकर बोलकर व सुनकर यहाँ तक कि शब्दों का प्रयोग किये बिना भी सम्प्रेषण करता है। भाष्येत्तर सम्प्रेषण अत्यन्त ही निर्देशात्मक होता है। यह सम्पूर्ण सम्प्रेषण का एक बड़ा हिस्सा होता है।
भाष्येत्तर सम्प्रेषण न तो लिखी हुई और न ही बोली गयी भाषा को समाहित करता है वरन् सम्प्रेषण के ऐसे सभी प्रारूपों को शामिल करता है जो शब्दों का उपयोग किये बिना होते हैं। यह संदेश या विचारों को मौखिक या लिखित भाषा का प्रयोग किये बिना सम्प्रेषण करने की प्रक्रिया होती है। इसमें चेहरे के हावभाव एवं दैहिक भाषा का उपयोग किया जाता है। इससे शाब्दिक सम्प्रेषण और अधिक प्रभावी हो जाता है। जब व्यक्ति आमने-सामने सम्प्रेषण करता है तो वे हावभाव से भी संदेश देते हैं। आँखें, भौंहें, चेहरे की अभिव्यक्ति, हाथों की स्थितियाँ, शारीरिक क्रिया से संदेश में स्पष्टता लाई जाती है। भाष्येत्तर सम्प्रेषण के मुख्य अंगों में चिन्ह भाषा, शारीरिक भाषा आदि हैं।
सम्प्रेषण के विभिन्न पक्ष इस प्रकार हैं :
1. भाष्येत्तर सम्प्रेषण ( 97% ) :
(i) स्वर बोलकर 38%,
(ii) शारीरिक गति व भाव-भंगिमा 55%।
2. भाषित सम्प्रेषण: 7% - चूँकि अभाषित सम्प्रेषण अधिक किया जाता है, इसलिए इस पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जाना आवश्यक है। यह शब्दों का प्रयोग किये बिना होता है।
मुख्य बातें (Main Things) :
(i) बहुतायत में प्रयोग अर्थात् 97%
(ii) गहन विचार आवश्यक;
(iii) लिखित एवं मौखिक न 'होना;
(iv) शारीरिक गतिविधि, अन्तर, समय, रूपरेखा डिजाइन दृश्य व श्रव्य चिह्नों का प्रयोग।
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