बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
प्रश्न- सम्प्रेषण की बाधाओं को दूर करने के लिए सुझाव दीजिए।
उत्तर -
(Suggestions to remove Barriers of Communication)
संदेशवाहन की बाधाओं को दूर करने के उपाय निम्नवत् हैं -
1. संदेशवाहन प्रत्यक्ष रूप से होना चाहिए। इससे संदेश सही रूप में पहुँचेगा।
2. संदेश में साधारण एवं समझने योग्य भाषा का प्रयोग करना चाहिए न कि स्वयं के स्तर एवं ज्ञान के अनुसार। तकनीकी शब्दों का प्रयोग कम से कम किया जाना चाहिए।
3. संदेशवाहन शीघ्रतापूर्वक एवं वास्तविक रूप में पहुँचाने के लिये संगठन स्तरों में कमी करनी चाहिए।
4. जिन व्यक्तियों के बीच संदशों का आदान-प्रदान बहुत अधिक करना पड़ता है उनकी अलग- अलग इकाइयाँ बनाई जा सकती हैं। ऐसा करने से उनमें निकट सम्पर्क बढ़ जावेगा।
5. जब संगठन में अनेक स्तर हों और संदेशों के उचित प्रकार से आदान-प्रदान में कठिनाई हो तो संदेशवाहन के लिए अनेक मार्ग निश्चित करने चाहिए।
6. प्रबन्धकों को चाहिए कि अच्छी अवस्था का निर्माण करें। इसके लिए अच्छी तरह सुनना एवं सूचना भेजना आवश्यक है।
7. कुशल श्रोता चेतना का विकास कर लेता है, जो उस व्यक्तिगत अचेतना की बाधा को दूर करने तथा दूसरे के अनुभवों एवं भावनाओं का लाभ उठाने में सहायता प्रदान करती है। प्रबंधन को सुनने की कला में कुशलता प्राप्त कर लेनी चाहिए।
8. उच्चाधिकारियों को अधीनस्थों की शिकायतों एवं सुझावों को सुनने के लिये तत्पर रहना चाहिए तथा अधीनस्थों को भी अपने अधिकारियों के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए।
9. प्रत्येक व्यक्ति में आपसी सहयोग होने से वे एक-दूसरे के द्वारा दिये गये संदशों का उचित अर्थ लगायेंगे।
10. संदेश प्राप्त करने तथा भेजने वाले को पूर्वाग्रह से बचना चाहिए।
11. संदेशवाहन व्यवस्थित हो। संदेशवाहन का समय, स्थान, उद्देश्य, विषय-वस्तु सभी पूर्व निश्चित हों।
12. अन्य सुझाव (Other Suggestion) -
(i) संदश को संक्षिप्त रखना
(ii) सामान्य रुचि की बातों को खोजना;
(iii) स्टीरियो टाइपिंग से बचना;
(iv) जानने की इच्छा तथा जानने की आवश्यकता में अन्तर करना;
(v) ललचाने वाली इच्छाओं से बचाव करना;
(vi) पर्याप्त बात करें:
(vii) भाषा व निर्देशों पर ध्यान देना;
(viii) अनावश्यक मतभेदों से बचाव करना
(ix) तथ्यों व परिणाम में अन्तर करना;
(x) प्रतिपुष्टि का ध्यान रखना;
(xi) सभी संदेहों का समाधान करना;
(xii) स्पष्ट अभिव्यक्ति होना;
(xiii) शारीरिक भाषा पर ध्यान देना आदि।
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