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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2669
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण

प्रश्न- सम्प्रेषण की व्यक्तिगत बाधाएँ समझाइये।

उत्तर -

सम्प्रेषण की व्यक्तिगत बाधाएँ
(Personal Barriers of Communication)

चूँकि सम्प्रेषण को अन्तः वैयक्तिक सम्बन्धों की प्रक्रिया भी माना जाता है इसलिए अन्तः वैयक्तिक सम्बन्धों से सम्बन्धित बातें जैसे पद एवं स्थिति, संघर्ष, अधिकार व सम्बन्ध की असंगतता, विरोधी व्यक्तिगत मूल्य व हित, निजी टकराव आदि सम्प्रेषण को प्रभावित करते हैं। संगठन संरचना के अन्तर्गत निम्नलिखित व्यक्तिगत बाधाएँ होती हैं :

(a) उच्च अधिकारियों की बाधाएँ (Barriers in Superiors) - संगठन संरचना में शीर्ष पर होने के कारण संगठन में सम्प्रेषण करने में उच्च अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी मुख्य बाधाएँ निम्नलिखित होती हैं :

1. समय की कमी (Lack of Time ) उच्च अधिकारी वर्ग द्वारा समय की कमी का अनुभव किया जाता है। वे अधिक कार्य बोझ एवं समय की की कमी के कारण कम सम्प्रेषण करने पाते हैं।

2. विश्वास का अभाव (Lack of Confidence) उच्च अधिकारी यह मानते हैं कि अधीनस्थ कर्मचारी कम कुशल होते हैं। ये उच्च अधिकारियों को वांछनीय जानकारी या उपयुक्त सुझाव नहीं दे सकते हैं।

3. सम्प्रेषण से बचना (Ignoring Communication) - उच्च अधिकारी अपनी उच्च स्थिति को दिखाने के कारण जानबूझकर संदेश को छिपाते हैं। पद के गौरव के कारण वे अधीनस्थों से खुले मन से बात नहीं करते। उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थों के प्रति आक्रामक शैली को अपनाते हैं।

4. उचित माध्यम से सम्प्रेषण स्वीकार करना (Acceptance of Communication by Proper Channel) - प्रायः उच्च अधिकारी उचित माध्यम से ही संदेश को स्वीकार करते हैं। ऐसा होने से सम्प्रेषण में देरी होती है।

(b) अधीनस्थों की बाधाएं (Barriers of Subordinates ) - प्रभावी सम्प्रेषण प्रक्रिया के लिए आवश्यक है कि अधीनस्थों को भी सम्प्रेषण में सहभागी बनाया जाय। सम्प्रेषण प्रक्रिया में अधीनस्थों की बाधाएं निम्नलिखित हैं :

1. सम्प्रेषण में रुचि न लेना (No Interest in Communication) संगठन में कार्यरत अधीनस्थों में सम्प्रेषण के प्रति जागरूकता नहीं होती है। वे भय एवं लापरवाही के कारण भी सम्प्रेषण नहीं करते हैं। प्राय: अधीनस्थों में हीन भावना व भय व्याप्त रहता है जिससे वे अपने विचारों को अपने वरिष्ठों से नहीं कह पाते हैं।

2. बचावकारी सम्प्रेषण (Defensive Communication ) - अधीनस्थों द्वारा सुरक्षात्मक रूप में सम्प्रेषण किया जाता है।

3. प्रेरणा की कमी (Lack of Incentive ) - प्रेरणा न होने के कारण अधीनस्थ सम्प्रेषण के प्रति कम ध्यान देते हैं। वे जानते हैं कि उनके सुझाव व शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जायेगा।

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