बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
प्रश्न- सम्प्रेषण की सांस्कृतिक बाधाओं पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर -
(Cultural Barriers to Communication)
सम्प्रेषण की सार्थकता तभी है जब सन्देश प्राप्तकर्ता न केवल सन्देश को प्रेषक के अर्थों में समझे बल्कि प्रेषककर्ता की राष्ट्रीयता एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को भी समझ ले। फ्रॉड लुथन्स के अनुसार, " सम्प्रेषण एक समझ है जोकि दिखाई देने के कारण नहीं बल्कि अदृश्य एवं निहित के कारण है। निहित एवं प्रतीकात्मक तत्व ही संस्कृति का दिखाई देने वाले सम्प्रेषण प्रक्रिया में बोध कराते हैं।'
आज जब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक राष्ट्र उदार, बाजारोन्मुखी एवं स्वतन्त्र आर्थिक नीतियों से वैश्वीकरण के लिए अपने कदम बढ़ा रहा है, तो सम्प्रेषण में संस्कृति के निहित भाव का महत्व बढ़ जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रसार के इस आधुनिक समय में राष्ट्रों के लोग, जिनकी राष्ट्रीय सांस्कृतिक पृष्ठभूमि अलग-अलग है, विविध उद्देश्यों के साझे मंच पर सम्प्रेषण कर रहे हैं। अतः आवश्यकता यह है कि अलग-अलग राष्ट्रीय संस्कृति के मध्य सम्प्रेषण को किस प्रकार औचित्यपूर्ण एवं प्रभावी बनाया जाए जिससे सम्प्रेषण विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की आशाओं एवं आवश्यकताओं के अनुरूप हो सके। अलग-अलग देशों एवं क्षेत्रों की संस्कृति भिन्न-भिन्न होती है। कुछ बातों में भिन्न-भिन्न देशों की संस्कृति समान हो सकती है एवं कुछ बातों में असमान भी।
सांस्कृतिक असमानताएँ सम्प्रेषण में सांस्कृतिक बाधाएँ उत्पन्न करती हैं।
1. धर्म (Religion) - धर्म व्यावसायिक संचार को प्रभावित करता है। कुछ देश जैसे भारत धार्मिक भिन्नताओं का आदर करते हैं जबकि कुछ देश अपने धर्म के प्रति कट्टर होते हैं। संचार के लिये संदेश प्राप्तकर्ता की राष्ट्रीय धार्मिक छवि को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।
2. सामाजिक आचरण (Social Conduct ) - सामाजिक मूल्य, आचरण व परम्परा भी व्यावसायिक सम्प्रेषण पर प्रभाव डालते हैं। संदेश प्राप्तकर्ता को सामाजिक व्यवस्था व आचरण की जानकारी रखनी चाहिये।
3. भाषा (Language) - भाषा व्यापारिक सम्बन्धों को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व होती है। जब तक प्रेषक व प्राप्तकर्ता सम्प्रेषण में दोनों की परीचित भाषा का प्रयोग नहीं करते तब तक सम्प्रेषण सफल नहीं हो पायेगा।
4. शिक्षा (Education) - भिन्न-भिन्न देशों का शैक्षिक स्तर भिन्न होता है। संदेश प्रेषित करने से पूर्व प्राप्तकर्ता के शैक्षिक स्तर की जानकारी करना आवश्यक है।
5. कानून (Law) - प्रत्येक देश की अपनी अलग कानून व्यवस्था होती है जो संचार पर प्रभाव डालती है। अतः संचार से पूर्व सम्बन्धित देश की कानून व्यवस्था की जानकारी आवश्यक है।
6. अर्थव्यवस्था (Economy ) - आर्थिक कारक जैसे राष्ट्रीय आय प्रति व्यक्ति आय आधारभूत सुविधा आदि कारक भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न होते, हैं। अतः इनकी जानकारी करना अत्यन्त आवश्यक है।
7. राजनीतिक (Politics) - सरकारी नीतियाँ, राजनैतिक स्थायित्व, राजनैतिक वातावरण इत्यादि व्यापारिक सम्बन्धों को प्रभावित करते हैं। राजनैतिक अस्थायित्व से अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध एवं व्यावसायिक संचार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
8. परिधान (Press) - अन्तर्राष्ट्रीय व्यावसायिक मीटिंग के लिये परिधान का चयन उस देश के निवासियों का वस्त्रों के प्रति दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया जाता है।
9. आचरण (Conduct ) - अन्तर्राष्ट्रीय संचार के लिये मेजबान देश के निवासियों के आचरण को समझने का प्रयास करना होता है।
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