बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
प्रश्न- लिखित सम्प्रेषण से आप क्या समझते हैं? इसके गुण व दोष बताइये।
उत्तर -
(Written Communication)
यदि संदेश का आदान-प्रदान लिखित रूप में हो तो इसे लिखित सम्प्रेषण कहा जाता है। यदि सन्देशों को एक साथ विभिन्न स्थानों पर अनेक व्यक्तियों को सम्प्रेषित करना हो तो लिखित सम्प्रेषण अधिक उपयोगी होता है। संदेश को निश्चित अर्थ प्रदान करने के लिए लिखित सम्प्रेषण ही अपनाना चाहिए। व्यवसाय में लिखित सम्प्रेषण अत्यन्त आवश्यक होता है। इसमें लिखित रूप में सूचनाओं को प्रेषक से प्रेषिती के पास सम्प्रेषित किया जाता है। इसके अन्तर्गत संदेश निम्नांकित रूप में सम्प्रेषित किया जा सकता है -
1. निर्देश व आदेश
2. गश्ती पत्र, मेमो व अन्य पत्र
3. समाचारों के बुलेटिन बोर्ड्स
4. अनुवेदन
5. पोस्टर्स
6. सूचनात्मक रैक
7. संघों के प्रकाशन
8. नीतिगत विवरणपत्र
9. फार्म व प्रश्नावलियाँ
10. मैन्यूअल
11. तार या टेलीग्राम
12. संक्षेप आदि।
(Advantages or Merits of Written Communication).
1. व्यापक पहुँच (Wide Access) लिखित सम्प्रेषण का क्षेत्र अधिक व्यापक होता है। दूरस्थ क्षेत्रों में लिखित सम्प्रेषण आसानी से पहुँच जाता है।
2. स्थायी एवं वैधानिक रिकार्ड (Permanent and Legal Record) लिखित सम्प्रेषण का रिकार्ड कार्यालयों में स्थायी रूप से रखा जाता है। लिखित सम्प्रेषण का साक्ष्य वैधानिक रूप से स्वीकृत होता है।
3. उत्तरदायित्व निर्धारण में सहायक (Helpful in Fixation of Responsibility) लिखित सम्प्रेषण उत्तरदायित्व निर्धारण में सहायक होता है। लिखित सम्प्रेषण होने से उत्तरदायी व्यक्तित्व की पहचान आसानी से की जा सकती है।
4. निश्चित एवं सही (Precise and Accurate) लिखित सम्प्रेषण में संदेश पूर्ण रूप से स्पष्ट निश्चित एवं सही होता है। इसमें संदेश को आसानी से समझा जा सकता है।
5. अन्य लाभ (Other Advantages) - लिखित सम्प्रेषण के अन्य लाभ निम्नलिखित हैं.
(i) भविष्य में संदर्भ दिये जाने हेतु उपयुक्त होना;
(ii) खोने की कम संभावना होना;
(iii) आसानी से जाँच करना संभव होना;
(iv) क्रियान्वयन में सुविधा होना;
(v) एकरूपता होना आदि।
लिखित सम्प्रेषण के दोष
(Disadvantages of Written Communication)
लिखित सम्प्रेषण के दोष निम्नलिखित होते हैं -
1. महंगी प्रक्रिया (Costly Process) - लिखित सम्प्रेषण खर्चीला होता है। संदेश को लिखने, टाइप करने, पत्र को भेजने में कई लोगों का श्रम एवं समय लगता है तथा आर्थिक व्यय भी आता है। भविष्य हेतु रिकार्ड रखने पर भी व्यय आता है।
2. समय लगाने वाली प्रक्रिया (Time Consuming Process) - लिखित सम्प्रेषण में कई औपचारिकताएँ होने के कारण उन्हें पूरा करने में समय लगता है। संदेश प्रापक को भी उत्तर देने में समय लगता है।
3. गोपनीयता का अभाव (Not Confidential) - लिखित सम्प्रेषण में कई व्यक्तियों का सहयोग होने के कारण गोपनीयता का अभाव होता है। गोपनीयता न होने से प्रतिस्पर्द्धात्मक क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
4. अन्य दोष (Other Disadvantages) - लिखित सम्प्रेषण के उपरोक्त दोषों के अतिरिक्त कुछ अन्य दोष निम्नलिखित हैं -
(i) संदेह व गलती की संभावना होना;
(ii) कम प्रभावशीलता होना;
(iii) शीघ्र स्पष्टीकरण का सम्भव न होना;
(iv) अभिव्यक्त करने में कठिनता होना;
(v) कागजी कार्यवाही का बढ़ना आदि।
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