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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2669
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण

प्रश्न- मौखिक सम्प्रेषण से आप क्या समझते हैं? मौखिक सम्प्रेषण के लाभों व दोषों का वर्णन कीजिए।

अथवा
मौखिक सम्प्रेषण के बारे में आप क्या जानते हैं।

उत्तर -

मौखिक सम्प्रेषण
(Oral Communication)

इसके अन्तर्गत 'बोले' या 'कहे गये' शब्दों के माध्यम से होने वाले संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है। यह औपचारिक या अनौपचारिक हो सकता है। यह निम्नवत् रूप में किया जा सकता है -

1. आमने-सामने सम्पर्क,
2. दूरभाष पर बातचीत,
3. रेडियो पर प्रसारण,
4. साक्षात्कार,
5. अधिवेशन,
6. सभाएं व सेमिनार ( Seminar)
7. जन-सामान्य के मध्य घोषणाएं
8. भाषण
9. समूह विचार-विमर्श आदि।

अतएव यदि कोई संवाद या सूचना मौखिक उच्चारण कर प्रेषित की जाय तो इसे मौखिक सम्प्रेषण कहते हैं। इसमें प्रेषक तथा संदेश प्राप्तकर्ता दो पक्ष होते हैं। भाषा प्राथमिक रूप से मौखिक होती है। यह सम्प्रेषण मानवीय सम्बन्धों की स्थापना करने में सहायक होता है। घर संगठन एवं सार्वजनिक स्थल में मौखिक सम्प्रेषण ही व्यक्तियों को आपस में एक सूत्र में पिरोता हैं।

मौखिक सम्प्रेषण के लाभ या गुण
(Advantages or Merits of Oral Communication)

मौखिक सम्प्रेषण के लाभों या गुणों को निम्नलिखित रूप में स्पष्ट किया जा सकता है

1. शीघ्र व सरल सम्प्रेषण (Immediate and Easy Communication) मौखिक सम्प्रेषण में सूचना का शीघ्र व आसानी से संवहन होता है। यह सम्प्रेषण का शीघ्रतम माध्यम होता है।

2. शीघ्र प्रतिपुष्टि होना (Immediate Feedback ) मौखिक सम्प्रेषण में संदेश प्रेषक तत्काल इस बात की पुष्टि कर सकता है कि प्राप्तकर्ता ने सन्देश का वास्तविक अर्थ समझ लिया है तथा संदेश प्रापक की प्रतिक्रिया क्या है।

3. आपातकाल में अधिक उपयोगी (More Useful during Emergency ) आपातकालीन स्थिति में मौखिक सम्प्रेषण अधिक उपयोगी होता है क्योंकि ऐसी दशा में संदेश की शुद्धता एवं समय अधिक महत्वपूर्ण होता है। कर्मचारियों के मनोबल को ऊँचा उठाने में मौखिक सम्प्रेषण अधिक उपयोगी होता है।

4. अधिक प्रभावी (More Effective) - मौखिक सम्प्रेषण अधिक प्रभावी होता है। उच्चारण के ढंग, भाव-भंगिमा व हाव-भाव द्वारा संदेशों को प्रभावी तरीके से रखा जा सकता है।

5. अन्य लाभ (Other Advantages) उपरोक्त लाभों के अतिरिक्त इसके कुछ अन्य लाभ निम्नलिखित हैं-

(i) समय व धन की बचत होना,
(ii) संदेहों का उसी स्थान पर शीघ्र निराकरण सम्भव होना,
(iii) आग्रह व नियंत्रण का प्रभावशाली साधन होना,
(iv) भाईचारे को बढ़ावा देना,
(v) समूह के साथ सम्प्रेषण करने में लाभप्रद होना,
(vi) सम्पूर्ण व्यवसाय से व्यक्तिगत सम्पर्क होना आदि।

मौखिक सम्प्रेषण के दोष
(Disadvantages of Oral Communication)

मौखिक सम्प्रेषण के दोष या सीमाएँ निम्नलिखित हैं-

1. वैधानिक मान्यता नहीं (No Legal Validity) मौखिक सम्प्रेषण को भविष्य में विवाद होने पर उसके निर्णय के समय प्रमाण के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। इसमें स्थायी महत्त्व का अभाव होता है।
2. सीमित क्षेत्र (Limited Scope ) - यदि सम्प्रेषक तथा सम्प्रेषिती के बीच प्रत्यक्ष सम्पर्क नहीं है तो मौखिक सम्प्रेषण अनुपयुक्त होता है। अतएव इसका क्षेत्र काफी सीमित होता है।
3. विस्तृत संदेशों की दशा में उपयुक्त न होना (Unsuitable for Lengthy Message) - यदि मौखिक संदेश विस्तृत एवं लम्बा है तो संदेश का आशय समझना कठिन होता है।
4. अन्य दोष (Other Disadvantages) मौखिक सम्प्रेषण के कुछ अन्य दोष निम्नलिखित हैं-
(i) भूल जाने की संभावना,
(ii) गलत समझने की संभावना,
(iii) कभी-कभी धन व समय की बचत न होना,
(iv) उत्तरदायित्व निर्धारित करने एवं सौंपने में कठिनता होना।

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