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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2669
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण

अध्याय - 2

सम्प्रेषण के प्रकार (शाब्दिक एवं अशाब्दिक तथा रूप)

[Types (Verbal and Non-verbal)
and Forms of Communication]

 

प्रश्न- भाषिक (या शाब्दिक ) सम्प्रेषण को समझाइये। इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।

अथवा
मौखिक एवं लिखित संचार से आपका क्या आशय है? इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
अथवा
मौखिक व लिखित सम्प्रेषण क्या है? इसके गुण व दोषों का विस्तार से वर्णन कीजिए
अथवा
शाब्दिक सम्प्रेषण के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
मौखिक एवं लिखित सम्प्रेषण से आपका क्या आशय है?

इस प्रश्न का उत्तर आगे दिये गये सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तरों को मिलाने से पूरा होता है।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न- भाषिक ( या शाब्दिक) सम्प्रेषण को समझाइए।

उत्तर -

शाब्दिक संचार
(Verbal Communication)

मानव प्राणी की शाब्दिक भाषा को उसकी प्रमुख विशेषता माना जाता है। शायद यही वह कारण है जो मानव को अन्य प्राणियों से श्रेष्ठतम स्थान प्रदान करता है। मनुष्य ही अकेला वह प्राणी है जिसे भाषा का ज्ञान होता है तथा भाषा का प्रयोग बोलने में किया जाता है। लेखन कार्य बाद में आता है। प्रत्येक संगठन में मौखिक सम्प्रेषण की अपेक्षा लिखित सम्प्रेषण अधिक होता है। शाब्दिक माध्यम से अभिव्यक्ति आसान, सुगम व बोधगम्य हो जाती है। शाब्दिक सम्प्रेषण वह सम्प्रेषण होता है जिसके अन्तर्गत किसी भी भाषा के माध्यम से सम्प्रेषण होता है। शाब्दिक सम्प्रेषण को भाषिक सम्प्रेषण भी कहते हैं। भाषा से आशय भाषा के उस मौलिक रूप से लगाया जाता है जिसके द्वारा सम्प्रेषणकर्त्ता के विचारों अथवा भावों को सम्प्रेषणग्रहीता तक पहुँचाना होता है। भाषा का प्रयोग समाज में होता है तथा इसमें एक व्यवस्था विद्यमान होती है। शाब्दिक संचार निम्नलिखित प्रकार का होता है।

(1) मौखिक संचार, तथा
(2) लिखित संचार।

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