बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
प्रश्न- विक्रय प्रस्तुतीकरण क्या है?
उत्तर -
(Sales Presentation )
प्रारम्भिक तैयारियों को पूर्ण करके संगठन के विक्रयकर्ता द्वारा सम्भावित ग्राहक के साथ साक्षात्कार आयोजित किया जाता है। फुटकर व्यापार की दशा में दुकान पर विक्रय कार्य में संलग्न विक्रेता ही विक्रय प्रस्तुतीकरण का भी कार्य करता है तथा वही ग्राहक से वार्तालाप भी करता है। विक्रेता द्वारा विक्रय वार्तालाप करके ग्राहक को प्रभावित करके विक्रय समाप्ति तक वार्तालाप चलता रहता है।
रसल एवं बीच के अनुसार, "एक अच्छा विक्रयकर्ता अपनी वस्तु को बेचने से पूर्व स्वयं का विक्रय करता है।' चार्ल्स किर्कपेट्रिक लिखते हैं, "विक्रेता सम्प्रेषणकर्ता होता है तथा वैयक्तिक विक्रय एक सम्प्रेषण है।' इस प्रकार विक्रय मार्ग में विक्रय प्रस्तुतीकरण महत्वपूर्ण कार्य करता है।
विक्रय प्रस्तुतीकरण के निम्नलिखित चरण होते हैं -
1. ग्राहक का ध्यान आकृष्ट करना (Attracting Attention of Customers ) - यह विक्रय प्रस्तुतीकरण का प्रथम चरण है। इस चरण में ग्राहक की मानसिक उपस्थिति को अपनी ओर आकृष्ट किया जाता है। यह कार्य शोरूम की सजावट तथा ग्राहक की रुचि को प्रभावित करके किया जाता है। एलेन रीड (Allan Reid ) के अनुसार, "इस अवस्था में विक्रय से पूर्व बिक्री का कार्य शामिल होता है।'
2. रुचि सृजित करना (Creating Interest ) - इस चरण में ग्राहक की वस्तुओं के प्रति रुचि जागृत की जाती है। ग्राहक में रुचि जागृत करने का कार्य क्रय के लाभों की जानकारी देकर, तथ्य विधि द्वारा प्रीमियम विधि द्वारा, भय विधि द्वारा कौतूहल विधि आदि द्वारा कराया जा सकता है।
3. विश्वास दिलाना (Securing Convictions ) - यह विक्रय प्रस्तुतीकरण का तृतीय चरण होता है। इस चरण में ग्राहक की इच्छा को प्रेरित किया जाता है तथा उसकी रुचि को इच्छा में परिवर्तित किया जाता है। उसे वस्तु के बारे में विश्वास दिलाया जाता है। एचएएमए गोल्डमेन के अनुसार, "जब आप अपने ग्राहक की क्रय इच्छा को प्रेरणा देना चाहते हों, तो आपको अत्यन्त कुशलता के साथ उस सन्तोष, उन लाभों एवं उस आनन्द को स्पष्ट करना चाहिए जिन्हें आपकी वस्तु द्वारा ग्राहकों को प्रदान किया जायेगा।' ग्राहकों की इच्छा तथा विश्वास को बढ़ाने हेतु विक्रेता वस्तु का प्रदर्शन कर सकता है।
4. विक्रय वार्ता को कार्यरूप देना (Converting Sales Talk into Action) - ग्राहक एवं विक्रेता के बीच होने वाली विक्रय वार्ता को कार्यरूप में तभी बदला जा सकता है जब विक्रेता द्वारा ग्राहकों की आपत्तियों तथा बाधाओं को समाप्त किया जाये। ग्राहक द्वारा वस्तु के सम्बन्ध में जो आपत्तियाँ जतायी जाती हैं उनके सन्तुष्ट होने पर ही ग्राहक वस्तु को क्रय करता है। यदि ग्राहक कोई आपत्ति न कर रहा हो तो इससे यह स्पष्ट होता है कि क्रय में उसकी कोई रुचि नहीं है।
विक्रेता को विक्रय वार्ता के दौरान ग्राहक की प्रतिक्रियात्मक बातों का विश्लेषण करके अनुकूल प्रतिक्रिया होने पर विक्रयं समाप्त करने एवं आदेश प्राप्त करने का प्रयत्न करना चाहिए। विक्रय समाप्ति हेतु ग्राहक को दबावमुक्त एवं स्वतन्त्र छोड़ देना चाहिए तथा ग्राहक को ऐसा पर्यावरण प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वह 'हाँ' कह सके।
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