बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषणसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक सम्प्रेषण
प्रश्न- एक प्रभावशाली व्याख्यान कैसे दिया जाय?
उत्तर -
(Making an Effective Speech)
बोला गया प्रत्येक शब्द बन्दूक से निकली गोली के समान होता है जो कि कभी वापस नहीं आता। इसलिए, वक्ता को व्याख्यान देते समय बहुत अधिक सावधान रहना चाहिए। व्याख्यान को प्रभावी बनाने के लिए विशिष्ट होने, प्रभावित करने एवं जीतने की इच्छा होनी चाहिए। व्याख्यान ऐसा हो जो दूसरों पर प्रभाव डाल सकता हो। वक्ता को व्याख्यान तैयार करने शुरू करने, प्रस्तुत करने एवं समाप्त करने पर ध्यान देना चाहिए। प्रभावशाली व्याख्यान देने के लिए नीचे दी गयी बातों पर ध्यान देना चाहिए-
(I) तैयारी सम्बन्धी चरण (Preparatory Steps) - व्याख्यान को तैयार करने में सुसंगत विचारों को शामिल करना चाहिए व्याख्यान में जिन बिन्दुओं पर ध्यान देना हो उन्हें तार्किक क्रम में व्यवस्थित करना चाहिए। उसे भाषा के बारे में निर्णय लेना चाहिए। पूरा व्याख्यान पहले से तैयार कर लेना चाहिए। भाषण के प्रकरण को व्याख्यान की तिथि से पूर्व तय कर लेना चाहिए। वक्ता को प्रस्तुत किए जाने वाले तथ्यों का संकलन, संगठन व विश्लेषण करना चाहिए। व्याख्यान श्रोताओं के दिल में उचित अपील करने में सक्षम होना चाहिए। इस चरण पर निम्नलिखित बाते तय की जानी चाहिए-
1. व्याख्यान तैयार करते समय वक्ता को क्या, क्यों, कहाँ, कब, कैसे एवं कौन बातों को तय कर लेना चाहिए। यदि वक्ता उपरोक्त प्रश्नों को गम्भीरता से लेता है तो भाषण स्पष्ट एवं प्रभावशाली होगा।
2. प्रकरण के सम्बन्ध में अपने मित्रों से विचार-विमर्श करना चाहिए।
3. व्याख्यान को आसान होना चाहिए तथा इसे जटिल बातों को सरल शब्दों मे व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए।
4. व्याख्यान को उचित एवं वास्तविक अनुभव पर आधारित होना चाहिए।
(II) आकर्षित करने वाले कंदम (Arresting Attention Steps) - इस अवस्था में निम्नलिखित कार्य करने चाहिए -
1. यदि वक्ता कुछ मिनट तक शान्त बैठता है, तो यह उसके लिए मददगार होगा।
2. वृत्तान्त के साथ श्रोता को आकर्षित करना चाहिए।
3. वक्ता को उत्सुकता उत्पन्न करनी चाहिए।
4. वक्ता को प्रकरण की जानकारी देनी चाहिए।
5. उसे सामान्य उदाहरण उपयोग करने चाहिए।
6. वक्ता को बातचीत पूर्ण तरीके से बोलना चाहिए तथा महत्वपूर्ण शब्दों पर जोर देना चाहिए।
7. भौतिक व्यवस्था जैसे उचित प्रकाश, रोशनदान आदि की जाँच करनी चाहिए।
(III) शुरूआत करने के कदम (Opening Steps ) - व्याख्यान की शुरूआत महत्वपूर्ण होती है। व्याख्यान को आकर्षक उद्धरण अथवा प्रभावशाली प्रश्न से शुरू करना चाहिए। यदि व्याख्यान लम्बा हो तो इससे श्रोता ऊब जायेंगे।
1. व्याख्यान देते समय वक्ता का ध्यान श्रोताओं पर होना चाहिए।
2. व्याख्यान को आसान मुस्कराहट के साथ देना चाहिए।
3. भौतिक बाधाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
4. शुरूआत कभी भी क्षमा याचना के साथ नहीं करनी चाहिए।
5. चुनौती नहीं देनी चाहिए और न ही श्रोताओं से हाँ में प्रत्युत्तर प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
यदि कार्य औपचारिक हो तो अपना व्याख्यान देते समय वक्ता को अनौपचारिक होने का प्रयास करना चाहिए। उसे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए।
(IV) समापन चरण (Close Step) - भाषण का समापन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वक्ता द्वारा कहे गयें अन्तिम शब्दों को श्रोताओं द्वारा लम्बे समय तक याद रखा जाता है व्याख्यान के समापन को व्याख्यान का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग माना जाता है। अतः इसे सावधानी से तैयार किया जाना चाहिए। कार्यवाही हेतु बातें एवं अपील की समीक्षा प्रस्तुत करनी चाहिए तथा मुख्य बिन्दुओं की रूपरेखा देनी चाहिए। व्याख्यान का समापन उपयुक्त पद्य पंक्तियों, किसी ग्रन्थ के उद्धरण या सुसंगत चुटकुला के साथ की जा सकती है।
व्याख्यान को प्रभावशाली बनाने हेतु कुछ अन्य सुझाव निम्नलिखित है -
1, गुस्सा न करें। यदि वक्ता गुस्सा होता है तो उसे इसे प्रदर्शित करने से बचना चाहिए।
2. खाना खाने के ठीक बाद बातचीत करने से बचना चाहिए।
3. व्याख्यान के अन्त में पूरे भाषण की समीक्षा नहीं करनी चाहिए।'
|