शिक्षाशास्त्र >> ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षणईजी नोट्स
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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
प्रश्न 3. ओवरहेड प्रोजेक्टर को बनाने की संरचना एवं उपयोगों को बताइये।
उत्तर-ओवरहेड प्रोजेक्टर
(Overhead Projector)
कक्षा में जब अध्यापक श्यामपट पर लिखते हैं अथवा शिक्षण को समय श्यामपट पर आरेख
या डायग्राम बनाते हैं तो उनकी पीठ कक्षा की तरफ हो जाती है। इस कारण शिक्षक
छात्र सम्प्रेषण की प्रभावशीलता कम हो जाती है। परिणामस्वरूप कई बार कक्षा में
अनुशासनहीनता की समस्या उत्पन्न हो जाती है, इस समस्या का निवारण ओवरहेड
प्रोजेक्टर की सहायता से सहज ही हो जाता है।
ओवरहेड प्रोजेक्टर अध्यापक की मेज पर रखा होता है तथा श्यामपट पर प्रदर्शित की
जाने वाली सामग्री इस प्रोजेक्टर की सहायता से अध्यापक अथवा सम्प्रेषणकर्ता के
पीछे करके ऊपर लगी स्क्रीन पर स्पष्ट दिखाई देती है।
संरचना
ओवरहेड प्रोजेक्टर की संरचना का मूलभूत सिद्धान्त किसी भी पारदर्शी सामग्री को
प्रकाश के संचरण द्वारा प्रदर्शित करना है। इसके द्वारा किसी भी ट्रांसपेरेंसी
पर बनाई गई रंगीन अथवा रंगहीन आकृति, लेखीय सामग्री, मैप, चार्ट अथवा छपी
सामग्री को स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है। इसके प्रमुख भाग निम्नलिखित
हैं-
(1) केबिनेट (Cabinet)- यह प्लास्टिक या स्टील का एक डिब्बा होता है जिसका आकार
प्रोजेक्टर की क्षमता पर निर्भर करता है। प्राय: 39 सेमी. x 32.5 सेमी. तथा
26-5 सेमी. आकार की केबीनेट सामान्य शिक्षण हेतु उपयोगी है। इस केबिनेट पर नीचे
के हिस्से में अन्दर एक पंखा, प्रोजेक्शन लैम्प तथा पावर एसेम्बली होती है।
(2) प्रोजेक्शन लेम्प (Projection Lamp) - प्रोजेक्शन बल्ब तथा बल्ब होल्डर को
मिलाकर प्राय: प्रोजेक्शन लेम्प कहते हैं। प्राय: 600 वाट 240 वोल्ड के हेलोजन
बल्ब को प्रकाश के लिए प्रयुक्त करते हैं। इस बल्ब के प्रकाश से 150 सेमी. x
150 सेमी. की आकृति संप्रेषणकर्ता के पीछे स्पष्ट दिखायी देती है।
(3) ठण्डा करने की व्यवस्था (Cooling System)- केबिनेट के ही हैलोजन लेम्प से
उत्पन्न ऊर्जा से बल्ब तथा केबिनेट पर ऊपरी लगी शीशे की प्लेट को टूटने से
बचाने के लिए ठण्डा करने के लिए एक पंखा लगा होता है जो बल्ब को ठण्डा रखता है
तथा अतिरिक्त ऊर्जा को शीघ्र ही बाहर फेंक देता है। कई बार थर्मोस्टेट भी लगा
होता है जो केबिनेट के अन्दर 35°C से अधिक ताप होने पर बल्ब को स्वतःजलने से
बन्द कर देता है।
(4) फोकस व्यवस्था (Focus Mechanism)- केबिनेट की शीशी की प्लेट से निकलने वाले
प्रकाश को स्क्रीन पर केन्द्रित (Focus) करने के लिए विशेष प्रकाश के लैंस को
प्रयुक्त करते हैं जो एक फ्रेम में स्टैण्ड पर लगा होता है। यह स्टैण्ड केबिनेट
पर एक कोने पर लगा होता है। इस फोकस व्यवस्था को एक नियन्त्रण नॉब (Controlling
knob) द्वारा ऊपर-नीचे कर आवश्यकतानुसार समंजित करते हैं।
ओवरहेड प्रोजेक्टर का उपयोग
इस प्रोजेक्टर को उपयोग के लिए सोफ्ट वेयर पतली ट्राई एसीडेट शीट पर तैयार किया
जाता है जिन्हें ट्रांसपेरेंसी भी कहते हैं। प्रदर्शित की जाने वाली सामग्री को
प्रोजेक्टर की शीशे की शीट पर रखकर प्रकाश व्यवस्था को चालू कर देते हैं तथा
स्क्रीन पर बनी प्रतिकृति को फोकस व्यवस्था द्वारा समायोजित कर लेते हैं।
ट्रासपेरेंसी बनी-बनाई अथवा छपी हुई मोहक रंगों में मुख्य विषयों;
जैसे—शरीर-रचना, विज्ञान, जीव-विज्ञान आदि के क्षेत्र में बहुलता से उपलब्ध है।
आवश्यकता पड़ने पर ट्राई एसीडेट या सेलूलाइड शीट पर चाइबाग्राफ पैंसिल अथवा
वैक्स पेंसिल से लेखन सामग्री, डायग्राम आदि प्रदर्शित करने पर स्वयं शिक्षण
करते समय कक्षा में ही अध्यापक या सम्प्रेषणकर्ता बना लेता है।
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