शिक्षाशास्त्र >> ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षणईजी नोट्स
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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
प्रश्न 5. आगमनात्मक विधि से आप क्या समझते हैं? आगमनात्मक विधि के गुण
एवं दोष बताइये।
उत्तर-आगमनात्मक विधि (Inductive Method)
आगमनात्मक विधि भौतिक विज्ञानों के शिक्षण में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख विधि
है। इस विधि का प्रयोग भौतिकी एवं रसायन विज्ञान में विशेष रूप से होता है।
शिक्षा-शब्दकोश के अनुसार, “आगमनात्मक विधि एक सिद्धान्त के अन्तर्गत आने वाले
निश्चित नियम एवं तथ्य पर पहुँचने में उसे समर्थ बनाने हेतु विशिष्ट उदाहरणों
की पर्याप्त मात्रा में छात्र हेतु प्रस्तुतीकरण पर आधारित शिक्षण की एक विधि
है।
लेण्डन के अनुसार - जब कभी हम बालकों के समक्ष बहुत से तथ्य उदाहरण अथवा
वस्तुएँ प्रस्तुत करते हैं और फिर उनसे अपने स्वयं के निष्कर्ष निकलवाने का
प्रयत्न करते हैं, तब हम शिक्षण की आगमन विधि का प्रयोग करते हैं।"
आगमनात्मक विधि के गुण (Merits of Inductive Method) - आगमनात्मक विधि के गुण
निम्नलिखित हैं-
1. यह विधि भौगोलिक समस्याओं की जटिलता पर ध्यान देती है।
2. यह एक मनोवैज्ञानिक विधि है।
3. आगमन विधि 'स्थूल से सूक्ष्म की ओर बढ़ने के कारण सरल एवं रोचक है।
4. यह विधि प्रत्यक्ष तथ्यों पर आधारित होने के कारण वैज्ञानिक विधि भी है।
5. यह पद्धति छात्रों को गतिशील दृष्टिकोण प्रदान करती है।
आगमनात्मक विधि के दोष (Demerits of Deductive Method) - इस विधि के दोष
निम्नलिखित हैं-
1. इस विधि में विद्यार्थी बहुत धीमी गति से सीखते हैं, जिससे समय का ज्यादा
खर्च होता है।
2. इसमें विद्यार्थियों द्वारा प्रतिपादित नियम, सिद्धान्त या परिभाषा में
त्रुटि की सम्भावना बनी रहती है।
3. भौतिक विज्ञानों के शिक्षण में इस विधि का प्रयोग केवल अनुभवी शिक्षकों
द्वारा ही किया जा सकता है।
4. यह सदृश विभिन्न प्रकरण को प्रस्तुत करने में शिक्षकों को भी कठिनाई अनुभव
होती है।
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