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ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2271
आईएसबीएन :0

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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।

प्रश्न 6. ब्लूम के मन-चालित पक्ष का वर्णन कीजिए।

उत्तर-मन-चालित या क्रियात्मक पक्ष
(Conative or Psychomotor Domain)

इस पक्ष के अन्तर्गत हमारे व्यवहार का क्रियात्मक पक्ष गतिवाही कौशल तथा ऐसी क्रियाओं में प्रकट होता है जिनके लिये हमारी मांसपेशीय एवं आंगिक गतियों की आवश्यकता होती है।

क्रियात्मक पक्ष के स्तर निम्नलिखित हैं -

1. उत्तेजना (Impulsion)-क्रियात्मक पक्ष के प्रथम स्तर में घटनाओं, वस्तुओं तथा कार्य के प्रति उत्तेजना लायी जाती है जिससे कि विद्यार्थी किसी क्रिया का अनुकरण कर सके। इस प्रकार के व्यवहार के लिए रुचि का होना आवश्यक है।

2. कार्यवाही (Manipulation) - इसमें विद्यार्थी द्वारा उत्तेजना के आधार पर गत्यात्मक क्रिया सम्पादित की जाती है। यहाँ वह विभिन्न माँसपेशीय गतियों में विभेदन करता है। साथ-साथ अपने लिए उपयुक्त क्रियाओं का चुनाव भी करता है।

3. नियन्त्रण (Control)- इसके द्वारा विद्यार्थी अपनी क्रियाओं को साधता है। अपने द्वारा कार्य को दुबारा करने में उस कार्य की शुद्धता, अनुपात तथा सही होने का ध्यान रखता है।

4. समायोजन (Co-ordination)- इसमें कई क्रियाओं पर नियन्त्रण के आधार पर उनके मध्य समायोजन लाया जाता है। अनेक क्रियाओं पर नियन्त्रण करने के बाद विद्यार्थी विभिन्न गतीय क्रियाओं के मध्य सामंजस्य, क्रम तथा एकरूपता बनाये रखता है।

5. स्वाभावीकरण (Naturalization)- इसके अन्तर्गत कार्य करने की एक शैली बन जाती है तथा कार्य एक विशेष गति एवं ढंग से सम्पादित होता है। इसमें कम समय एवं कम शक्ति का व्यय करने से ही कठिन कार्य सम्पन्न हो जाता है।

6. आदत-निर्माण (Habit-Formation)- इस स्तर पर पहुँचने पर विद्यार्थी में जटिल कार्यों को भी स्वाभाविक ढंग से कार्य करने की आदत बन जाती है जिससे उसे भविष्य में प्रगति करने के अवसर प्राप्त होते हैं।

क्रियात्मक पक्ष का विवरण निम्नलिखित हैं -

1. प्रत्यक्षीकरण (Perception)-
(i) निर्मित करना,
(ii) रेखाचित्र खींचना

2. व्यवस्था (Set)-
(i) प्रारूप बनाना,
(ii) बनाना

3. निर्देशित अनुक्रिया (Guided Response)-
(i) पहचानना,
(ii) स्थापित करना

4. कार्यप्रणाली (Mechanism) -
(i) मरम्मत करना,
(ii) अभ्यास करना

5. जटिल प्रत्यक्ष अनुक्रिया (Complex Overt Response) -
(i) जोड़ना,
(ii) सृजन,
(iii) परिवर्तित करना।

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