शिक्षाशास्त्र >> ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षणईजी नोट्स
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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
प्रश्न 4. भौतिक विज्ञान पाठ्यक्रम में स्थानीय आवश्यकताओं का महत्त्व का
वर्णन कीजिए।
उत्तर - भौतिक विज्ञान पाठ्यक्रम में स्थानीय आवश्यकताओं का महत्त्व
(Importance of Local Needs in Physical Science Curriculum)
विज्ञान शिक्षण को रुचिपूर्ण तथा तर्कसंगत बनाने हेतु यह आवश्यक है कि उसको
दैनिक जीवन से प्रत्यक्ष रूप से सम्बन्धित किया जाये तभी विज्ञान का पाठ्यक्रम
सजीव, उपयोगी व अर्थपूर्ण हो सकता है। इसलिये आस-पास के वातावरण में उपलब्ध
साधनों का उपयोग विज्ञान में प्रत्यक्ष अनुभवों की प्राप्ति के लिये किया जाना
चाहिए।
वास्तव में स्थानीय साधनों के प्रयोग से छात्रों को अपने समीप के वातावरण से
परिचित होने की उत्सुकता अधिक आसानी से बढ़ेगी जो उनके भावी जीवन में बहुत
उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
कुछ सामान्य रूप से उपलब्ध हो सकने वाले स्थानीय साधनों के वैज्ञानिक महत्त्व
का विवरण निम्नलिखित है-
(1) विद्यालयों के निकट बन रहा भवन–इसके माध्यम से विद्युत के तार कैसे लगाये
जाते हैं, नालियों को किस प्रकार बनाया जाता है, पानी के नल को किस प्रकार
स्थापित किया जाता है, ईंट, सीमेंट और भवन से सम्बन्धी अन्य वस्तुओं को कैसे
प्रयोग लाया जाता है।
(2) विद्यालय के निकट लकड़ी चीरने की फैक्ट्री-इसके माध्यम से लकड़ी की
उपयोगिता व उसके गुणों व उपयोगों की जानकारी दी जा सकती है। किस प्रकार की
लकड़ी अधिक मूल्यवान होती है तथा लकड़ी काटने की विभिन्न मशीनों की जानकारी दी
जा सकती है।
(3) विद्यालय के निकट तालाब–इसका विज्ञान शिक्षण में अनेक प्रकार से लाभ उठाया
जा सकता है जैसे—पौधे के विभिन्न प्रकारों का अध्ययन, जड़, तना व पत्ती आदि। जल
तथा जल के निकट रहने वाले जन्तुओं, ऋतु परिवर्तन का जन्तुओं व पौधों पर प्रभाव
आदि का अध्ययन किया जा सकता है।
(4) संग्रहालय नगर में स्थित संग्रहालय का उपयोग विज्ञान शिक्षण के लिये भी
किया जा सकता है।
(5) विद्यालय के निकट वन–पशुओं एवं पक्षियों की जीवनचर्या प्राकृतिक रूप से
अध्ययन करने, ऋतु परिवर्तन के फलस्वरूप उसका अनुकूलन, विभिन्न प्रकार की
वनस्पतियों का अध्ययन आदि।
(6) समुदाय के सदस्य प्रत्येक नगर के समुदाय में विभिन्न कौशलों में कुशल
व्यक्ति जो अत्यधिक भ्रमण किये हुये हो, जैसे—मछुआरे, धातुकर्मी, बिजली कर्मी
आदि को विद्यालय में बुलाकर उनके व्यावहारिक अनुभवों से छात्रों को लाभान्वित
किया जा सकता है।
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