शिक्षाशास्त्र >> ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षणईजी नोट्स
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बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
प्रश्न 9. प्रश्नपत्र के निर्माण से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-प्रश्न-पत्र का निर्माण
इसमें प्रश्न-पत्रों को इस प्रकार से निर्माण किया जाता है जिससे वह उद्देश्यों
तथा पाठ्य-वस्तु से सीधे सम्बन्धित हों। प्रश्नों की भाषा सरल तथा स्पष्ट होनी
चाहिए और प्रश्नों का स्तर सभी छात्रों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर होना
चाहिए। उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए निम्न तालिका के अनुसार नियोजन किया जा
सकता है -
(3) परीक्षा का विश्लेषण (Analysis of Test)- परीक्षा के प्रश्न निश्चित करने
के पश्चात् इस चरण में सम्पूर्ण परीक्षा प्रणाली का विश्लेषण किया जाता है।
विद्यार्थी को निर्देश दिये जाते हैं कि किस खण्ड से कितने प्रश्न हल करने हैं?
विषय के किस भाग से कितने प्रश्न पूछे जाने हैं? प्रत्येक प्रश्न के लिए कितने
अंक निर्धारित करने हैं? इसके बाद परीक्षा की वैधता और विश्वसनीयता की जाँच की
जाती है।
(4) मूल्यांकन (Evaluation) - इस परीक्षा का अन्तिम सोपान है इसमें परीक्षा
निर्माणकर्ता विश्वसनीयता गुणांक (Reliability Coefficient) और वैधता गुणांक
(Validity Cofficient) की गणना करके मानक को निश्चित करता है। अन्त में
सम्पूर्ण प्रणाली को एक पुस्तिका के रूप में संगठित कर दिया जाता है।
कठिनाई स्तर की जाँच करना
(Test of Difficulty Level)
कठिनाई स्तर को जाँचने के लिए प्रत्येक प्रश्न-पत्र के उत्तीर्ण तथा अनुत्तीर्ण
छात्रों का प्रतिशत ज्ञात कर लेते हैं। यदि छात्रों की संख्या 374 या इससे अधिक
हो तो एडविन बी हमफर द्वारा प्रतिपादित चार्ट का प्रयोग किया जाता है।
Percentage of Pass Students Difficulty Level
Below
20%
More difficult
21 to
79%
General
Above
80%
Easy
अच्छी परीक्षा का निर्माण करने के लिए उसमें 66 प्रतिशत प्रश्न सामान्य स्तर
के, 17 प्रतिशत सरल तथा 17 प्रतिशत कठिन प्रश्नों का समावेश होना चाहिए।
विश्वसनीयता परीक्षण (Reliability Test) विश्वसनीयता परीक्षण जाँचने के लिए
शुद्ध उत्तरों को दो समान भागों में विभाजित किया जाता है, तत्पश्चात् विभेद
गुणांक सहसम्बन्ध Rank Difference Cofficient of Correlation ज्ञात कर लिया
जाता है। परीक्षण की विश्वसनीयता के लिए गुणांक का मान + 5 से अधिक होना चाहिए।
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