लोगों की राय

शिक्षाशास्त्र >> ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण

ईजी नोट्स-2019 बी.एड. - I प्रश्नपत्र-4 वैकल्पिक पदार्थ विज्ञान शिक्षण

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2271
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

बी.एड.-I प्रश्नपत्र-4 (वैकल्पिक) पदार्थ विज्ञान शिक्षण के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।

प्रश्न 10. परीक्षण निर्माण के पदों का उल्लेख कीजिए।

अथवा
एक अच्छे निष्पत्ति परीक्षण के निर्माण के पद लिखिए।

उत्तर -परीक्षण निर्माण के पद

भौतिकी में परीक्षण के निर्माण के निम्नलिखित पद हैं -

(1) परीक्षण डिजाइन - इस सोपान में शिक्षक परीक्षण के निर्धारित कुल अंकों का विभाजन करता है। यह अंक विभाजन भारांकन कहलाता है। इसमें विषय-वस्तु के भागों, उद्देश्यों एवं पद प्रकार के अंक का विभाजन किया जाता है।

(2) ब्ल्यू प्रिन्ट-डिजाइन तैयार करने के बाद ब्ल्यू प्रिन्ट तालिका की रिक्तियों को आवश्यकतानुसार डिजाइन में आवंटन के अनुरूप पूरा किया जाता है।

(3) परीक्षण पद बनाना- ब्ल्यू प्रिन्ट के अनुसार, सर्वप्रथम उद्देश्यपरक पद निर्मित किये जाते हैं। इसके उपरान्त लघुत्तरात्मक और निबन्धात्मक पद लिखे जाते हैं। जब सभी पद सही ढंग से तैयार कर दिये जाये तो पहले उद्देश्यपरक पदों को उनकी अनुमानित कठिनाई स्तर के अनुसार सरलं से कठिन अनुक्रम में रखते हैं।

(4) पद विश्लेषण तालिका - प्रत्येक परीक्षण पद के सम्बन्ध में आवश्यक सूचनायें जिस सारणी में दी जाती हैं उसे पद विश्लेषण तालिका कहते हैं।

(5) अंक कुंजी बनाना- अब विद्यार्थियों के उत्तरों को जाँचने के लिये प्रत्येक प्रश्न के उत्तर को अंक प्रदान करने हेतु जांचकर्ता की सहायता के लिए उत्तर कुंजी तैयार की जाती है। इसमें प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिये सही अथवा वैकल्पिक दिये जाते हैं।

(6) प्राप्तांकों का विश्लेषण – प्राप्तांकों का वर्गीकरण करने के बाद उनका सारणीयन किया जाता है इसके उपरान्त उनका सांख्यकीय तकनीकों की सहायता से विश्लेषण किया जाता है।

(7) परीक्षण मूल्यांकन - अब छात्रों द्वारा दिये गये उत्तरों का अंक कुंजी के निर्देशों के अनुसार आंकलन किया जाता है।

(8) निष्कर्ष एवं प्रतिपुष्टि- विश्लेषण के परिणामों से छात्र अधिगम के विषय में वांछित निष्कर्ष प्राप्त किये जाते हैं। इसकी सहायता से आवश्यकतानुसार विषय-वस्तु, उद्देश्यों, अनुदेशन आदि में आवश्यक संशोधन किये जाते हैं।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book