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ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2011
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत पर प्रथम विदेशी आक्रमण का वर्णन कीजिए।

उत्तर -भारत पर प्रथम विदेशी आक्रमण

भारत की उन्नति वैदिक काल से लेकर उपनिषदों के युग तक विभिन्न क्षेत्रों में होती रही। देश में धन-धान्य प्रचुर मात्रा में भरा था। यही कारण था कि भारत उस समय 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था। अतः सभी पड़ोसी राज्य इससे ईष्या करते थे। उन्हीं में से एक पड़ोसी देश ईरान भी था जिसमें हखामनी का साम्राज्य स्थापित था। इस वंश का प्रतापशाली राजा साईरस 558 ई. पू. में सिंहासनारूढ़ हुआ। उसने शीघ्र ही अपने को पश्चिमी एशिया का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक बना लिया। उसके साम्राज्य की पूर्वी सीमा भारत को स्पर्श करने लगी। इस समय पश्चिम भारत की राजनीतिक स्थिति खराब थी। सिन्ध तथा पंजाब का प्रदेश इस समय छोटी-छोटी राजनीतिक टुकड़ियों में बंटा हुआ था। ये राजनीतिक इकाइयाँ राजलिप्सा की भावना के कारण परस्पर एक-दूसरे से लड़ती रहती थीं। ऐसी उपयुक्त परिस्थिति को देखकर साईरस भारतीय अभियान के लिए प्रस्तुत हुआ। उसने निश्चित रूप से भारत के किन प्रदेशों पर आक्रमण किया, इसके ठोस प्रमाण नहीं मिलते हैं। उसने अल्प समय में एक विशाल साम्राज्य स्थापित कर सर्वप्रथम पश्चिम के पड़ोसी प्रदेशों पर आक्रमण करके अपना अधिकार स्थापित कर लिया। बैक्ट्रिया, मीडिया, बाबुलोनिया, आसुरिया आदि के विभिन्न प्रदेश भी इसने जीते । इसी तरह भारत के मध्यवर्ती प्रदेशों को भी उसने जीत लिया।

इसी क्रम में साइरस की मृत्यु के बाद दारा प्रथम ने पारसीक शासन सम्भाला। ऐसा अनुमान है कि उसने सिन्धु घाटी प्रदेश को 518 ई. पू. के आस-पास जीत लिया था। हेरोडोट्स के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि दारा के साम्राज्य में सम्पूर्ण सिन्धु घाटी का प्रदेश सम्मिलित हो गया तथा पूर्व की ओर इसका विस्तार राजपूताना के रेगिस्तान तक था।

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