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ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2011
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1- हीनयान तथा महायान में अन्तर बताइए।
उत्तर -

हीनयान तथा महायान में अन्तर
(Difference between Hinyan and Mahayan)

हीनयान तथा महायान सम्प्रदायों में निम्नलिखित अन्तर हैं -

1. हीनयान केवल महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर अवलम्बित था, महायान ने महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं के अतिरिक्त प्रत्येक बुद्ध और बोधिसत्व की शिक्षाओं का पालन किया।
2. हीनयान की इकाई व्यक्ति है परन्तु महायान अधिक विस्तृत और उदार है, इसकी इकाई समस्त विश्व है।
3. हीनयान प्रमुखतया दर्शन है और महायान प्रमुखतया धर्म है।
4. हीनयान में महात्मा बुद्ध एक महापुरुष है परन्तु महायान में धर्म शक्तिमान देव है।
5. हीनयान के सिद्धान्त अधिक कठोर है वह अष्टांग मार्ग के द्वारा मोक्ष प्राप्त करने को बताता है। जबकि महायान अधिक सुगम है, इसका साधन भक्ति तथा प्रेम है।
6. हीनयानियों के अनुसार बुद्ध ने अपने अनुयायियों को एक ही प्रकार के उपदेश दिए थे परन्तु महायानियों का मत है कि महात्मा बुद्ध ने अपने शिष्यों को योग्यता की दृष्टि में रखकर दो प्रकार के उपदेश दिए थे -

(i) प्रकट उपदेश - साधारण शिष्यों के लिए,
(ii) गुह्य उपदेश - केवल अधिक उपयुक्त शिष्यों के लिए।
7. हीनयान का लक्ष्य अर्हत् पद की प्राप्ति का था, महायानियों के अनुसार अर्हत् का रूप स्वार्थपूर्ण है तथा अर्हत के स्थान पर बोधिसत्व को अपना आदर्श माना। परोपकार के लिए वह स्वार्थ को भूल जाता है और मोक्ष का अधिकारी होते हुए भी वह मोक्ष को स्वीकार नहीं करता।
8. हीनयान ने प्रज्ञा (ज्ञान) को प्रमुख स्थान दिया है, इनके अनुसार व्यक्ति अपने प्रधान (प्रयत्न) से प्रज्ञा प्राप्त करता है। महायान प्रज्ञा की उपेक्षा करता हुआ करुणा को स्थान देता है।
9. कुछ विद्वानों का मत है कि हीनयान ने संन्यासी जीवन को अधिक महत्व दिया और महायान ने गृहस्थ जीवन को।

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