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ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2011
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. शकों के विषय में आप क्या जानते हैं ?

उत्तर - शकों के प्रारम्भिक इतिहास की जानकारी मुख्यतः उनके लेखों, सिक्कों तथा चीनी स्रोतों से होती है। इनके अनुसार, शक मूल रूप से सीरदरया (Jaxartes) के उत्तर में निवास करने वाली एक खानाबदोश तथा बर्बर जाति थी। चीनी ग्रन्थों से ज्ञात होता है कि 165 ई.पू. के आसपास यू-ची नामक एक अन्य बर्बर जाति ने शकों को परास्त कर वहाँ से खदेड़ दिया। शकों ने सीरदरया पार कर बैक्ट्रिया पर अधिकार कर लिया और वहाँ के यवनों को परास्त कर भगा दिया। परन्तु यू-ची जाति ने वहाँ भी उनका पीछा किया और शकों को एक बार पुनः परास्त होना पड़ा।

पराजित शक जाति अब दो शाखाओं में विभक्त हो गई। उनकी एक शाखा ने दक्षिण की ओर जाकर कपिशा पर अधिकार कर लिया। दूसरी शाखा पश्चिम में ईरान की ओर गई जहाँ उसे पार्थियन सम्राटों से युद्ध करना पड़ा। यद्यपि शकों ने ईरान तथा एरियाना के प्रदेशों पर अपना अधिकार कर लिया, परन्तु पार्थियन सम्राट मिथ्रदात द्वितीय ने शकों को बुरी तरह परास्त कर ईरान के पूर्वी प्रदेशों पर पुनः अधिकार कर लिया। यहाँ से भागकर शक हेलमंड घाटी (दक्षिणी अफगानिस्तान) पहुँचे और वहीं बस गये। इस स्थान को शक-स्थान (सीस्तान) कहा गया। यहाँ से वे बोलन दर्रा होते हुए सिन्धु नदी घाटी में जा पहुँचे जिसके कारण इस स्थान को 'शक-द्वीप' कहा गया।

शकों ने पश्चिमोत्तर प्रदेशों से यवन सत्ता को समाप्त कर उत्तरापथ एवं पश्चिमी भारत के एक बड़े भू-भाग पर अपना अधिकार कर लिया। तक्षशिला, मथुरा, महाराष्ट्र, उज्जयिनी आदि स्थानों में शकों की भिन्न-भिन्न शाखाएँ स्थापित हुईं। भारतीय प्रदेशों के शक शासकों को क्षत्रप कहा जाता था।

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