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ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2011
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष प्राचीन इतिहास प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


प्रश्न 2 - उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर -उदयिन या उदयभद्र (लगभग 460-444 ई. पू.)

उदयिन अथवा उदयभद्र अजातशत्रु का पुत्र था जो अपने पिता की मृत्यु के बाद मगध का राजा हुआ। वह अपने पिता के शासन के समय चम्पा का उपराजा (वायसराय) था। पिता की मृत्यु से उसे बहुत दुःख हुआ तथा उसे कुलीनों और आमात्यों ने राजा बनाया। उदयिन के शासनकाल की सबसे प्रमुख घटना गंगा और सोन नदियों के संगम पर पाटलिपुत्र नामक नगर की स्थापना की है। उसने राजगृह के इसी स्थान पर अपनी राजधानी स्थानान्तरित की। चूँकि अपने पिता की विजयों के फलस्वरूप मगध साम्राज्य की उत्तरी सीमा हिमालय की तलहटी तक पहुँच गयी थी, अतः पाटलिपुत्र राजगृह से अपेक्षा अधिक उपयुक्त राजधानी थी। यहाँ से वज्जियों के ऊपर भी दृष्टि रखी जा सकती थी तथा व्यापारिक दृष्टि से भी यह नगर गंगा और सोन नदियों के संगम पर स्थित होने के कारण अत्यधिक महत्वपूर्ण था। बिम्बिसार के ही समय से अवन्ति का राज्य मगध का प्रतिद्वन्द्वी था। परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि उदयिन के समय में भी मगध एवं अवन्ति के बीच निर्णायक युद्ध नहीं हो सका।

परिशिष्टपर्वन् के अनुसार उदयिन पितृभक्त था। वह जैन मतानुयायी था जिसके कारण जैन ग्रन्थ उसकी अत्यधिक प्रशंसा करते हैं। आवश्यकसूत्र से पता चलता है कि अपनी राजधानी के मध्य में उसने एक जैन चैत्यगृह का निर्माण करवाया था। वह नियमित रूप से व्रत करता था और आचार्यों के उपदेश सुनता था। एक दिन जब वह उपदेश सुन रहा था, तब अवन्ति नरेश द्वारा भेजे गये गुप्तचर ने छुरा भोंककर उसकी हत्या कर दी।

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