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ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2009
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

* पृथ्वी के चारों ओर हजारों किमी0 की ऊंचाई तक फैले हुए गैसीय आवरण को वायुमंडल कहा जाता है। [कानपुर 2019]
* वायु में भार होता है एवं धरातल पर इसका जो दबाव पड़ता है उसे वायुदाब कहा जाता है। समुद्र तल पर वायुदाब 1034 ग्राम प्रति वर्ग सेमी0 (14.7 पौंड प्रति वर्ग इंच) होता है।
* गैलीलियों के शिष्य टोरीसीली (Torricelli) ने वायुदाब मापी का आविष्कार किया एवं सिद्ध किया कि वायु में भार होता है।
* ऑक्सीजन गैस प्रज्वलन के लिए अनिवार्य है।
* नाइट्रोजन गैस ऑक्सीजन को तनु (Dilute) करके ...को नियंत्रित करने का कार्य करती है। कार्बन डाई ऑक्साइड गैस पृथ्वी से होने वाले दीर्घ तरंग विकिरण को आंशिक रूप से सोखकर उसे गर्म करती है।
* ओजोन गैस पराबैंगनी किरणों (ultraviolet Rays) से जीवों की रक्षा करती है।
* वायुमंडल का 50 प्रतिशत भाग 5.6 किमी0 की ऊंचाई तक सीमित है।
* वायुमंडल के निचले स्तर में भारी गैस (कार्बन डाई ऑक्साइड 20 किमी0 तक, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन 100 किमी0 तक) पायी जाती है। जबकि अधिक ऊंचाई पर हीलियम, नियान, क्रिप्टन एवं जेनेन जैसी हल्की गैसें पाई जाती हैं।
* गैसों के अलावा वायुमंडल में जलवाष्प, धुंआ के कण, नमक के कण, धुल-कण भी विभिन्न अनुपात में पाये जाते हैं।
* वायुमंडल में जलवाष्प की मात्रा इसके कुल आयतन का 4-5 प्रतिशत है ध्रुवीय क्षेत्रों में शुष्क वायुमंडल में जलवाष्प की मात्रा काफी कम (1%) होती है जबकि उष्ण-आर्द्र प्रदेशों में इसकी मात्रा अधिक (4%) होती है।
* ऊँचाई में वृद्धि के साथ-साथ जलवाष्प की मात्रा में कमी आती जाती है। वायुमंडल के सम्पूर्ण जलवाष्प का 90 प्रतिशत भाग 8 किमी0 की ऊँचाई तक सीमित है।
* वायुमण्डलीय जलवाष्प से ही विभिन्न प्रकार के तूफानों एवं तड़ित झंझाओं (Thunder Storms) को शक्ति प्राप्त होती है।
* जलवाष्प सूर्य से आनेवाली सूर्याताप के कुछ अंश को अवशोषित कर लेता है। यह पृथ्वी द्वारा विकरित उष्मा को भी संजोये रखता है। इस प्रकार यह एक कम्बल (Blanket) की तरह कार्य करता है।
* धूल के कण मुख्यतः वायुमण्डल के निचले भाग में पाये जाते हैं।
* ध्रुवीय तथा विषुवतीय प्रदेशों की अपेक्षा उपोष्ण एवं शीतोष्ण क्षेत्रों में धूल के कणों की मात्रा अधिक होती है।
* धूल, धुआं एवं नमक के कण जलवाष्प को आकृष्ट करने के कारण आर्द्रताग्राही नाभिक (Hygroscopic nuclei) का कार्य करते हैं जिनके चारों तरफ संघनन के कारण जल बूंदों का निर्माण होता है।
* धूल के कण सूर्य से आने वाली किरणों के प्रकीर्णन (Scattring) का भी कार्य करते हैं, जिसके कारण आकाश का रंग नीला दिखाई देता है।
* क्षोभ मंडल (Troposphere) वायुमंडल की सबसे निचली एवं सघन परत है, जिसमें वायु के संपूर्ण भार का 75 प्रतिशत भाग पाया जाता है।
* धरातल से क्षोभ मंडल की औसत ऊंचाई लगभग 14 किमी0 मानी जाती है। यह परत भूमध्य + रेखा से ध्रुवों की ओर पतली होती जाती है।
* भूमध्य रेखा पर संवहन धारा के कारण क्षोभ मंडल की ऊँचाई 18 किमी0 एवं ध्रुवों पर 8-10 किमी0 होती है।
* जलवाष्प एवं धूल कणों के क्षोभ मंडल में संकन्द्रित होने के कारण बादलों का निर्माण, तूफान चक्रवात आदि की उत्पत्ति जैसी मौसम संबंधी घटनाएं इसी मंडल में होती है।
* क्षोभमंडल को संवहन मंडल भी कहा जाता है, क्योंकि संवहन धाराएं इस मण्डल के बाह्य सीमा तक ही सीमित होती हैं।
* ग्रीष्म ऋतु में क्षोभ मंडल की ऊंचाई में वृद्धि एवं शीत ऋतु में कमी पायी जाती है।
* क्षोभमंडल में ऊंचाई के साथ तापमान में कमी आती है। तापमान में यह गिरावट की दर 1°c प्रति 165 मीटर या 3.6°F/1000 फीट की है। इसे सामान्य ह्रास दर (Normal Lapse Rate) कहा जाता है।
* क्षोभ मंडल में बादल, तूफान आदि के उपस्थिति कारण यह मंडल वायुयानों के उड़ने के लिए उपयुक्त नहीं होता है।
* क्षोभमंडल की ऊपरी सीमा पर विषुवत रेखा पर तापमान -80°c हो जाता है, जबकि ध्रुवों के ऊपर यह –45°c ही रहता है।
* क्षोभ मंडल तथा समताप मंडल के बीच स्थित संक्रमण स्तर को क्षोभ सीमा (Trapopause) कहा जाता है।
* क्षोभ सीमा के ऊपर समताप मंडल स्थित है। इसकी ऊँचाई धरातल से 50 किमी0 तक है।
* समताप मंडल के निचले भाग में अर्थात् 20 किमी0 की ऊँचाई तक तापमान लगभग स्थिर रहता है, परन्तु ऊपरी भाग में 50 किमी की ऊंचाई तक तापमान क्रमशः बढ़ता है। इसका कारण यह है कि यहां सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करने वाली ओजोन गैस मौजूद होती है।
* ओजोन परत की सघनता के कारण समताप मंडल को ओजोन मंडल भी कहा जाता है।
* समताप मंडल में बादलों का अभाव होता है तथा धूल के कण एवं जलवाष्प की मात्रा भी कम होती है।
* समताप मंडल में वायु की गति क्षैतिज होती है।
* समताप मंडल के ऊपरी सीमा (50 किमी0 की ऊंचाई पर) पर तापमान बढ़कर 0°c हो जाता है।
* ओजोन परत के नुकसान के फलस्वरूप पराबैंगनी किरणों के पृथ्वी के धरातल पर आने से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि एवं कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
* समताप मंडल की ऊपरी सीमा पर समताप मंडल सीमा (Stratopause) की संक्रमण पेटी स्थित है।
* मध्य मंडल (Mesosphere), समताप मंडल के ऊपर स्थित है एवं 50 किमी0 से 80 किमी0 की ऊँचाई के बीच फैला हुआ है।
* मध्य मंडल में ऊँचाई के साथ तापमान में ह्रास होता है एवं 80 किमी0 की ऊँचाई पर तापमान 100°C होता है।

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