भूगोल >> ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्रईजी नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
* संतुलन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अमेरिका के प्रसिद्ध भूगर्भवेत्ता डटन
महोदय ने 1889 ई0 में किया।
* डटन महोदय का मुख्य उद्देश्य भूतल के असमतल भागों अर्थात् धरातल ऊँचे उठे
भागों तथा नीचे धंसे हुए भागों में स्थिरता अथवा संतुलन (balanced) स्थापित
करना था।
* किस भाग के घनत्व तथा ऊंचाई में उल्टा अनुपात होता है। अर्थात् ऊंचे भाग का
घनत्व कम होगा तथा निचले भाग का घनत्व अधिक होगा।
* प्रत्येक भाग (Copumn) क्षतिपूर्ति तल (Level of Compensation) पर बराबर
भार रखता है।
* पृथ्वी का प्रत्येक भाग नियमानुसार एक स्थिर अवस्था में स्थित है। इस दशा
को संतुलन की दशा कहा गया है।
* पृथ्वी के धराल पर जहाँ कहीं भी संतुलन होता है, वहाँ पर बराबर धरातलीय
क्षेत्र के नीचे पदार्थ का बराबर द्रव्यमान (mass) होता है।
* भू-सन्तुलन की समस्या का सर्वप्रथम लेखा-जोखा प्राट महोदय ने सन् 1858 से
1859 के मध्य हिमालय के प्रभाव को समझाते हुए दिया।
* एयरी का मत है कि पृथ्वी की 'क्रस्ट' अधिक घनत्व वाले अधःस्तर (Substratum)
में तैर रही है। अर्थात् सियाल (Sial) सीमा (Sims) पर तैर रहा है।
* एयरी के अनुसार जिस प्रकार एक नाव पानी में तैरती है तथा उसका अधिकांश भाग
जल में डूबा रहात है। उसी प्रकार हिमालय भी अधिक घनत्व वाले मैग्मा में तैर
रहा है तथा उसका अधिकांश भाग नीचे काफी गहराई तक व्याप्त है।
* एयरी ने यह बताया कि जो भाग अधिक ऊंचा होगा उसका अधिक भाग सबस्ट्रेटम में
डूबा होगा तथा जो भाग कम ऊँचा होगा उसका कम भाग डूबा रहेगा।
* एयरी ने पुनः बताया कि 'विभिन्न स्तम्भों (Columms) का घनत्व बराबर होता है
तथा उनकी गहराई में परिवर्तन होता है।
* प्राट के अनुसार पहाड़ों का घनत्व पठारों से कम, पठारों का मैदानों से कम
तथा मैदानों का घनत्व समुद्र तली से कम होता है।
* प्राट का मानना है कि क्षतिपूर्ति तल के ऊपर घनत्व में अन्तर पाया जाता है,
तथा नीचे समान घनत्व होता है।
* प्राट के अनुसार एक स्तम्भ में घनत्व नहीं बदलता है, परन्तु एक स्तम्भ से
दूसरे स्तम्भ में घनत्व में अन्तर पाया जाता है।
* प्राट द्वारा प्रतिपादित प्रमुख मत “Uniform depth with varying density"
है।
* प्राट के अनुसार घनत्व में अन्तर केवल स्थलमण्डल में होता है। प्रात के
अनुसार-ऊंचा स्तम्भ, कम घनत्व, नीचा स्तम्भ अधिक घनत्व (bigger the column
lesser the density smaller the column, greater the density)
* बोवी ने 'एयरी' तथा 'प्राट' के मतों में प्रमुख अन्तर इस रूप में व्यक्त
किया है— 'एयरी ने बताया कि विभिन्न स्तम्भों का घनत्व बराबर होता है, केवल
उसकी गहराई में अन्तर होता है जबकि प्राट ने बताया कि एक समान गहराई में
घनत्व में अन्तर होता है।'
* हीस्कैनन के अनुसार भूस्तम्भ के विभिन्न भागों तथा विभिन्न भूस्तम्भों के
घनत्व में अन्तर होता है।
* कम ऊंचे भूस्तम्भ का घनत्व अधिक तथा अधिक ऊँचे भूस्तम्भ का घनत्व कम होता
है।
* एक ही भूस्तम्भ के ऊपरी भागों में कम घनत्व तथा सबसे निचले भाग में अधिक
घनत्व होता है।
* हेफोर्ड के अनुसार भूपृष्ठ के नीचे अलग-अलग घनत्व के भाग विद्यमान हैं।
परन्तु धरालल के नीचे की तरफ कुछ गहराई में एक ऐसा तल है जिसके ऊपर घनत्व में
अन्तर होता है तथा नीचे की तरफ घनत्व समान होता है।
* जिस तल के सहारे घनत्व समान होता है उसे हेफोर्ड ने 'समतोल तल' (Level of
Compensation) नाम दिया है।
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