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भूगोल >> ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्रईजी नोट्स
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बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।
स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
* पृथ्वी पर प्रथम पादप उद्भव से लेकर वर्तमान समय तक विभिन्न वनस्पति समुदाय
के ऐतिहासिक विकास का अध्ययन अवसादी शैलों में स्थित वनस्पति के अवशेषों के
विश्लेषण तथा उनकी व्याख्या के आधार पर किया जाता है। * वनस्पतियों के उद्भव
एव विकास से सम्बंधित अध्ययन को पुरावनस्पतिशास्त्र (Palaeobotary) कहते हैं।
* शैलों में जीवों के अवशेषों के आधार पर जीवों के विकसीय परिवर्तनों की
व्याख्या करने वाले पुराप्राणिशास्त्रियों (Palaeontologists) को निम्न दो
स्कूलों में विभाजित किया जाता हैसंघीय अनुक्रमवाद तथा सविराम समस्थिति।
* संघीय अनुक्रमवाद (Phyletic Gradualism) के अनुसार समस्त प्राणियों एवं
पादपों की सभी
शाखाओं का उद्भव तथा विकास साथ-साथ क्रमशः मन्द गति से दीर्घकाल में होता है।
* सविराम समस्थिति (Punctuated Equilibria) के मतानुसार जीव जगत समस्थिति में
होता है परन्तु समय-समय मतानुसार जीव जगत समस्थिति में होता है। परन्तु
समय-समय पर इस सम स्थिति में व्यवधान हो जाते हैं।
* भूतल पर जीवों का ऐतिहासिक विकास पूर्वकैम्ब्रियन युग से प्रारम्भ होता है।
* सर्वप्रथम जलीय भागों में एक कोशिका वाले सूक्ष्मस्तरीय जीवों (आधुनिक
cocoid तथा Spheroid Bacteria) का विकास हुआ। ये आक्सीजन का न उपयोग करने
वाले परपोषी जीव थे।
* सर्वप्रथम स्थलीय भागों पर हरे पौधों का विकास तथा उनका औपनिवेशीकरण अन्तिम
शिल्यूरियन तथा डिवोनियम युग में प्रारम्भ हुआ।
* डिवोनियन युग के अन्तिम चरण में वृक्ष के समान प्रथम पौधों का विकास हुआ। *
कार्बोनिफरस युग तक वर्तमान सारे महाद्वीप एक स्थल भाग के रूप में संलग्न थे
जिसे पैंजिया (Pangea) कहा गया।
* यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका के अधिकांश कोयले का निर्माण कार्बनिफरस युग में
हुआ। * कार्बनिफरस युग के प्रारम्भ में गोण्डवानालैण्ड पर भी अंगारालैण्ड के
समान ही वनस्पति का विकास हुआ था परन्तु कार्बानिफरस युग के अन्तिम चरण में
वृहद्स्तरीय जलवायु परिवर्तन के कारण इस भाग का हिमानीकरण हो गया। बाद में
हिम के पिघलने के पश्चात् शीत तथा शीतोष्ण आर्द्र जलवायु का सूत्रपात हुआ था।
* क्रीटैसियस युग में स्थलीय वनस्पतियों में पहली बार पुष्पी पौधों
(Angiaspesms) का उद्भव हुआ था।
* अधिकांश लोगों का मानना है कि पुष्पी पौधों का मूल उद्भव स्थान
गोण्डवानालैण्ड का पश्चिमी भाग है।
* भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक तथा सागर तल से उच्च पर्वतों तक पादपों के वितरण
में कटिबन्धीय या मण्डलीय प्रारूप (Zonal Pattrn) पाया जाता है।
* पादपों का विसरण उनके बीजों द्वारा तीव्र गति से होता है।
* प्लीस्टोसीन हिमानीकरण के बाद मानव के कौशल तथा तकनीकी प्रगति के फलस्वरूप
पर्यावरण में सबसे सशक्त एवं प्रभावी परिवर्तन के कारण 'जैविक उत्थान
(Organic Upheaval)' के नये काल का आरम्भ हुआ।
* मनुष्य ने अपने हितों में स्थानीय भौतिक पर्यावरण में परिवर्तन करके नये
आवासों का निर्माण किया है जिसे संकर आवास (Hybrid Habitats) कहते हैं।
* सी0 ओ0 स्वेयर (C. O. Savar) ने आरम्भिक काल में द0पू0 एशिया तथा उ0 प्र0
दक्षिण अमेरिका को रोपण घर (Planting Heart) बताया है जहाँ पर सर्वप्रथम फसली
पौधों का मानव द्वारा पालन प्रारम्भ हुआ है।
* भारत में उत्तरी अमेरिका से आयातित बेहया या बेशर्म (Ipomoea Cornea) की
वृद्धि इतनी तीव्र गति से हुई है कि अब इसके उन्मूलन के लिए अभियान की
आवश्यकता पड़ रही है।
* द0 अमेरिका तथा पश्चिमी अफ्रीका (गोण्डवानालैण्ड) के नाभिक केन्द्र
(Nuclens) से पुष्पी पौधों का विसरण उत्तर की ओर 30 अफ्रीका तथा यूरेशिया में
हुआ।
* एककोशकीय सूक्ष्म जीव (Phylum Protozoa) के अन्तर्गत एक कोशिका वाले
सूक्ष्मदर्शी जीवों को सम्मिलित करते हैं। जिनकी वर्तमान समय में 30,000
ज्ञात प्रजातियाँ हैं।
* बिना उदर वाले जीव (Phylum Coelenterata) को प्रजातियाँ 9, 600 हैं तथा
मुख्य रूप से खारे जल वाले आवास में रहते हैं।
* चपटे कृमि या कीट (Phylum Platyhelmin thes) के अन्तर्गत कृमि (Wolms),
चपटे कृमि (Flato-worm) फीताकृमि (tape worms), जिगर कृमि (Liver Fluks) को
शामिल करते हैं।
* संधिपाद जन्तु (Phylum Arthropoda) खंडित तथा छल्लेदार शरीर वाले होते हैं
परन्तु इनमें जोड़ वाले पैर भी होते हैं तथा इनके शरीर में बाहरी अस्थिपंजर
(Skeleton) भी होता है।
* वल्कमय जलचर (Crustacea) में पाँच या उससे अधिक पैरों के जोड़े होते हैं।
ज्यादातर ये जलीय आवास में रहते हैं।
* कीट (Insecta) में तीन जोड़े पैर होते हैं। कई प्रकार के कीटों में उड़ने
के लिए पंख भी होते हैं। शल्पचर्म जीव (Phylum Echinodermeta) रीढ़ वाले
चमड़ीदार जीव होते हैं। इस वर्ग के सभी जीव सागरीय आवास में रहते हैं।
* स्तनधारी जीव (Mammadia) गर्म रक्त वाले, वायु में सांस लेने वाले रीढ़दार
जानवर होते हैं। इनका शरीर रोयें तथा बाल से ढंका रहता है। इनके स्थान स्तन
होते हैं।
* प्राचीनतम जीवों के अवशेष (अन्तिम पूर्व कैम्ब्रियन युग के) जो लगभग 1,000
मिलियन वर्ष प्राचीन बताये गये हैं, अफ्रीका के जाम्बिया में पाये गये हैं।
* आर्द्र जलवायु में कारण जुरैसिक युग में कोणहारी, फर्न तथा सायनाड (Cynad)
वनों का विकास हुआ तथा कुछ में पुष्पी पौधों जैसी संरचना का विकास होने की जह
से कीटों के जीवन रूप में विविधता का सूत्रपात हुआ।
* मायोसीन युग में शीतल जलवायु का विकास होने लगा घास क्षेत्रों में वृद्धि
तथा वन क्षेत्रों में ह्रास होने लगा।
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