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ईजी नोट्स-2019 बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र

ईजी नोट्स

प्रकाशक : एपसाइलन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :136
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2009
आईएसबीएन :0

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बी. ए. प्रथम वर्ष भूगोल प्रथम प्रश्नपत्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-पुस्तक।


स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

* सामान्यतः महासागरीय जल का तापमान -5°c से 33°c तक होता है। * महासागरीय जल की सतह का औसत दैनिक तापांतर नगण्य (लगभग 1°c) होता है। उत्तरी गोलार्द्ध में सागरीय जल का उच्चतम वार्षिक तापमान अगस्त में तथा न्यूनतम फरवरी के महीने में अंकित किया जाता है।
* सामान्यतः औसत वार्षिक तापांतर 10°F तक होता है।
* स्थल से घिरे हए सागरों में वार्षिक तापांतर अधिक होता है जैसे भूमध्य सागर में 20 F एवं बाल्टिक सागर में 40°F होता है।
* आकार में छोटा होने के कारण अटलांटिक महासागर में प्रशांत महासागर की अपेक्षा अधिक तापांतर पाया जाता है।
* विषुवत रेखा से दूर जाने पर तापमान कम होता जाता है।
* 20° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों के बीच तथा 50° दक्षिणी अक्षांश वृत्त से दक्षिण में तापांतर लगभग 5.5°c होता है।
* तापांतर की सर्वाधिक मात्रा उत्तर-पश्चिमी अटलांटिक में न्यू फाउंडलैंड के समीप तथा उत्तर पश्चिमी प्रशान्त महासागर में ब्लाडीवोस्टक के समीप होती है।
* सर्वाधिक तापमान घिरे हुए उष्ण कटिबंधीय सागरों में होता है। जैसे-लाल सागर में जल का अधिकतम तापमान 38°c तक अंकित किया जाता है।
* उष्ण कटिबंध में व्यापारिक पवनों के प्रभाव के कारण महासागरों के पश्चिमी भाग पूर्वी भाग की अपेक्षा अधिक गर्म रहते हैं। समशीतोष्ण कटिबंधों में पछुवा पवन के कारण पूर्वी भाग पश्चिमी भाग की अपेक्षा अधिक गर्म रहता है।
* स्थल खंड की प्रधानता के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में अधिक तापमान पाया जाता है।
* उत्तरी गोलार्द्ध का औसत वार्षिक तापमान 67°F तथा दक्षिणी गोलार्द्ध का 61°F होता है।
* सामान्यतः महासागरों में गहराइ बढ़ने के साथ-साथ तापमान घटता जाता है। परंतु ध्रुवीय भाग में तापमान का व्युत्क्रमण (Inversion) होता है, परन्तु 400 मीटर से नीचे जाने पर तापमान पुनः गिरने लगता है।
* 100 मीटर की गहराई तक तापमान धीरे-धीरे गिरता है परन्तु इसके पश्चात् ताप के गिरने की गति काफी तीव्र हो जाती है। 1800 मीटर की गहराई पर तापमान लगभग 15°C से घटकर 2°c रह जाता है।
* महासागरीय सतह का तापमान भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर कम होता जाता है, परन्तु सागर नितल का तापमान भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक एक समान रहता है।
* भूमध्य रेखा पर गहराई के साथ तापमान में गिरावट तीव्र गति से होती है, जबकि ध्रुवों की ओर घटने की दर कम होती जाती है।
* सागरीय जल के तापमान का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्रोत सूर्य है।
* सूर्य के लघु तरंग के रूप में महासागरों को प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सूर्यातप (insolation) कहते है।
* महासागरों की ऊपरी सतह पर प्रापत होने वाली सूर्यातप की मात्रा पर सूर्य की किरणों का सापेक्ष तिरछापन, दिन की अवधि, सूर्य से पृथ्वी की दूरी, वायुमण्डल का स्वभाव आदि का प्रभाव अधिक होता है।
* स्थलीय भाग के समान सागरीय भाग में भी उष्मा संतुलन (heat balance) की स्थिति पायी जाती है।
* चौबीस घण्टे के अन्दर उच्चतम एवं न्यूनतम तापमान का अन्तर ही दैनिक तापान्तर होता है।
* महासागरीय सतह के जल का उच्चतम तापमान 2 बजे सायंकाल तथा न्यूनतम तापमान 5 बजे प्रातः अंकित किया जाता है।
* भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण अर्थात् ध्रुवों की ओर जाने पर सतहीय जल (surface water) का तापक्रम घटता जाता है।
* सागर की स्थिति तथा आकार का सागरीय तापक्रम के वितरण में अधिक महत्व होता है।
* निम्न अक्षांशों में स्थित सागरों का तापक्रम उच्च अक्षांशों में स्थित सागरों की अपेक्षा अधिक होता है।

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