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चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- AICTE की क्या भूमिका है?
उत्तर-
AICTE जिसका पूर्ण रूप है अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद जो कि एक वैधानिक निकाय है और उच्च शिक्षा विभाग के तहत तकनीकी शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की परिषद है। इसकी स्थापना नवम्बर 1945 में एक सलाहकार निकाय के रूप में हुई थी जिसे बाद में 1987 में संसद के एक अधिनियम द्वारा वैधानिक दर्जा दिया गया।
AICTE भारत में तकनीकी शिक्षा और प्रबन्धन शिक्षा प्रणाली के समुचित नियोजन और समन्वित विकास के लिए जिम्मेदार है। हम यह भी कह सकते हैं कि तकनीकी शिक्षा एक राष्ट्र के समग्र विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभाती है। भारत में तकनीकी शिक्षा विभिन्न स्तरों पर प्रदान की जाती है जैसे कि - प्रमाण पत्र, डिलोमा, डिग्री, स्नातकोत्तर डिलोमा, स्नातकोत्तर डिग्री, शोध, पोस्ट डाक्टरेट व अनुसंधान आदि।
भारत की बात करें तो तकनीकी शिक्षा 19वीं सदी के मध्य में शुरू हुई। इतना ही नहीं बल्कि स्वतन्त्रता पूर्व युग में प्रमुख नीतिगत निर्णय इसके अन्तर्गत शामिल हैं
भारत विश्वविद्यालय आयोग नियुक्ति - 1902
भारतीय शिक्षा नीति का मुद्रा 1904
गवर्नर जनरल पॉलिसी स्टेटमेन्ट - 1913
अन्य - केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड ऑफ एजुकेशन का गठन - 1943
सार्जेंट रिपोर्ट तैयार करना - 1944
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की स्थापना - 1945
शिक्षा की राष्ट्रीय नीति (1986) एआईसीटीई को मानदण्डों और मानकों की योजना निर्माण और रख-रखाव के लिए वैधानिक प्राधिकरण को परिभाषित किया जा सकता है। भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तकनीकी साधनों के प्रसार, मानकों के रख-रखाव तथा इसी के साथ ही अन्य सम्बन्धित मामलों में एआईसीटीई की जिम्मेदारी की जाँच के लिए एक राष्ट्रीय समूह का गठन किया है।
आल इण्डिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन विभिन्न स्तरों पर इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, मैनेजमेन्ट, फार्मेसी, आर्ट एण्ड क्राफ्टस, होटल मैनेजमेन्ट एण्ड कैटरिंग टेक्नोलॉजी आदि में प्रशिक्षण और शोध शामिल हैं।

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