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बी ए - एम ए >> चित्रलेखा

चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान पर टिपणी लिखिये।
अथवा
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान (NUEPA) के क्या कार्य हैं?
अथवा
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (ढपडतक) को संक्षेप में समझाइये।
उत्तर- देश में उपलब्ध साधनों, सुविधाओं तथा सामग्री के आधार पर शैक्षिक योजनाओं के निर्माण किये जाने से ही शिक्षा में प्रगति संभव है। इसी लक्ष्य की प्राति हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान का विकास किया गया है। इस संस्थान का कार्य वैश्विक परिदृश्य में फैले कर्मचारियों में कुशल शिक्षा का संचार करना। इन्हीं सन्दर्भों में यह संस्थान योजना एवं प्रबन्धन का कार्य करता है।
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान, शिक्षा क्षेत्र में वृहद स्तर का विकास करना इस संस्थान की महत्त्वपूर्ण भूमिका है साथ ही शिक्षा क्षेत्र में क्षमता निर्माण करना, प्रशिक्षण कराना, रिसर्च क्रिया तथा सूचना संचार में योगदान करना है।
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना तथा प्रशासन संस्थान के निम्नलिखित उद्देश्य है
1. विदेश में (नाइजीरिया) प्रबंधकों और योजनाकारों के लिए विशेष प्रशिक्षण तथा मह[वपूर्ण योजना कौशल का उपबंध करना जिससे शिक्षा के विकास में मुख्य भूमिका निभायी जा सके तथा शिक्षा का वर्तमान स्थिति के अनुरूप बनाया जा सके।
2. इस संस्थान का उद्देश्य यह भी है कि शैक्षिक योजना में शैक्षिक प्रबंधन और विकसित कार्यशीलता जैसे- प्रशिक्षण, सुझाव सेवा (कंसल्ट सर्विस) प्रदान करना, रिसर्च कार्य और विकास का उपबंध करना जिससे शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाया जा सके जिससे वैश्विक परिदृश्य से तालमेल बैठाया जा सके।
3. कार्यकारी या कर्मचारियों को शिक्षा क्षेत्र मे सशक्त करना तथा सही कौशल एवं तकनीकी का विकास करना जिससे कर्मचारी उत्पादन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका का निवर्हन कर सके।
3. राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षण व्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम का निर्धारण करना तथा क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप पर्यवेक्षण करना।
5. शैक्षिक योजना और प्रशासन में प्रतियोगी सेवा अधिकारियों को बढ़ाना और साधनों में प्रत्यक्ष प्रशिक्षण विकास को बढावा देना।
6. शैक्षिक व्यवस्था के द्वारा सुझाव का संगठन और प्रबंधन कार्यक्रम तय करना।

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