बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- प्राथमिक शिक्षा की अनिवार्यता के प्रयासों पर टिप्पणी कीजिये।
उत्तर-
प्राथमिक शिक्षा के अनिवार्यता के प्रयासों को अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से दो भागों में बाँट सकते हैं-
(1) स्वतन्त्रता से पूर्व प्रयास प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने के उद्देश्य से विलियम एडम, कप्तान विनगेट व सर टी.सी. होप ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी परन्तु सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। शिक्षा के लिए आन्दोलन तथा श्रेय सर इब्राहिम रहीमतुल्ला एवं सर चिमनलाल सौतलवाद के प्रयासों से आरम्भ हुआ।
(i) बड़ौदा नरेश के प्रयास- बड़ौदा नरेश सीयांजी राय गायकवाड़ ने सन् 1893 में अपने इलाके के 52 गाँवों में प्राथमिक शिक्षा का अभियान चलाया। 1906 में राज्य की ओर से अधिनियम बना कि 67 से 12 वर्ष तक के बालकों तथा 7 से 10 वर्ष की बालिकाओं के लिए प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य बना दी गई।
(ii) गोखले का प्रयास-गोखले ने बड़ौदा राज्य की अनिवार्य शिक्षा नीति से प्रभावित होकर धारा सभा में प्रस्ताव रखा कि भारत में प्राथमिक शिक्षा को निःशुल्क व अनिवार्य कर दिया जाये। इस प्रस्ताव पर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो एक वर्ष के पश्चात् गोखले ने इस प्रस्ताव को विधेयक के रूप में पुनः धारा सभा में रखा। इसके अनुसार स्थानीय परिषदें अपने-अपने क्षेत्रों में 6 से 10 वर्ष तक के बालकों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करें। यह विधेयक उन्हीं स्थानीय परिषदों पर लागू होना था जहाँ उपर्युक्त उम्र के बालकों की निश्चित संख्या थी लेकिन मतदान में यह विधेयक पारित न हो सका।
(iii) विटठल भाई पटेल का प्रयास - मुम्बई की व्यवस्थापिका सभा के सदस्य पटेल ने मुम्बई व्यवस्थापिका सभा में एकं विधेयक प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने के दृष्टिकोण से रखा तथा 1918 में यह अधिनियम बन गया। इस अधिनियम का ये प्रभाव हुआ कि प्राथमिक शिक्षा केवल मुम्बई में ही नहीं अपितु समस्त भारत में अनिवार्य घोषित कर दी गई। इस अधिनियम के अनुसार प्राथमिक शिक्षा का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व स्थानीय परिषदों पर आ गया।
(iv) अनिवार्य शिक्षा की प्रगति-अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम बन जाने से इस क्षेत्र में तीव्र प्रगति हुई।
(i) शासन ने इस क्षेत्र में रुचि दिखलाना प्रारम्भ किया।
(ii) 1927 में "अखिल भारतीय स्त्री सम्मेलन" में स्त्रियों ने भी पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त करने के समान अधिकार की घोषणा करी।
(iii) महात्मा गाँधी व डॉ. अम्बेडकर के प्रयासों से हरिजनों में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता आई।
(iv) प्रान्तीय सरकारों ने अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम बनाया।
(2) स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद अनिवार्य शिक्षा का प्रयास - स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् संविधान की 45वीं धारा के अनुसार अनिवार्य शिक्षा लागू की गई। केन्द्र द्वारा राज्यों को इस शिक्षा के व्यय का 30 प्रतिशत धन दिया जाने लगा। 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बालकों को प्राथमिक शिक्षा निःशुल्क व अनिवार्य रूप से प्रदान की जाने लगी। 6 से 11 वर्ष के बालकों के लिए 60 प्रतिशत तथा 11 से 14 वर्ष तक के बालकों के 19 प्रतिशत को आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में शिक्षा की सुविधायें दी गई।
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