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चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक


19
राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020
(National Education Policy - 2020)

प्रश्न- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधारभूत तत्व क्या हैं? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के आधारभूत तत्व निम्नलिखित हैं जो कि इस प्रकार हैं -
(1) संस्कृति का विकास।
(2) संस्कृति की निरन्तरता को बनाए रखना।
(3) व्यक्तित्व के विकास में योगदान।
(4) संस्कृति का परिष्करण।
(5) संस्कृति का संरक्षण एवं हस्तान्तरण करना।
प्रत्येक राष्ट्र एवं समाज की संस्कृति में दो प्रकार के तत्व पाये जाते हैं
(1) शाश्वत तत्व - ये तत्व देश व समाज की परिस्थितियों से अप्रभावित होते हैं। (2) वैकल्पिक तत्व - यह तत्व देश, काल एवं समाज की परिस्थितियों पर गहन प्रभाव डालते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के विकास में उपयुक्त दो तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा नागरिकों में राष्ट्र की संस्कृति के प्रति प्रेम उत्पन्न करती है। उनमें राष्ट्रीयता की भावना विकसित करती है। अतः राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का निर्माण इस प्रकार से किया जाना चाहिए जिसमें कि देशवासियों में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्नता में एकता-विकसित की जा सके। जिससे राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली को सांस्कृतिक आधार प्राप्त होता है।
(2) राष्ट्रीयता की भावना - राष्ट्र व्यक्ति को एक सूत्र में पिरोता है और राष्ट्रीयता ब्रूबेकर के अनुसार राष्ट्रीयता में देश प्रेम से कई गुनी अधिक देशभक्ति की मात्रा होती है। किसी भी राष्ट्र की शिक्षा प्रणाली तभी तक सम्भव है जब तक कि उस राष्ट्र के नागरिकों में राष्ट्रीय एकता की भावना हो, भारत एक धर्मनिरपेक्ष एवं बहुभाषी राष्ट्र है। इसके उपरान्त भी हमारे देश में यही प्रयास हो रहा है कि सभी नागरिकों में अपने देश के प्रति आस्था बनी रहे। इसी के कारण हमारे देश में शिक्षा की प्रणाली का निर्धारण किया गया जिससे कि बालकों में राष्ट्रीय एकता की भावना निरन्तर विकसित रहे। अतः राष्ट्र की रक्षा एवं उसकी प्रगति के लिए राष्ट्रीयता की भावना का विकास राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का एकमात्र आधार है।
(3) अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग - आज का युग अन्तर्राष्ट्रीयता का युग है। आज कोई भी देश ऐसा नहीं है जो कि पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो, आज आर्थिक दृष्टि से पिछड़े राष्ट्र आर्थिक दृष्टि से समृद्ध देशों की सहायता प्राप्त करने के सदा इच्छुक रहते हैं। तकनीकी एवं विज्ञान के क्षेत्र में आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग किया जा रहा है। इसलिए प्रत्येक देश की राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय परस्पर निर्भरता तथा विश्वबन्धुत्व के महत्व से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाता है। इस प्रकार से अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग का राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के विकास में योगदान किया जा रहा है।
(4) राष्ट्रीय भाषा - राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का एक अन्य महत्वपूर्ण आधार राष्ट्रीय भाषा है, जिसका राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में अपना महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की भाषायें बोली जाती हैं परन्तु देश के सभी नागरिकों हेतु वांछनीय हिन्दी या फिर क्षेत्रीय भाषा- मानी जाती है। इसलिए देश के नागरिकों में राष्ट्रीय एकता एवं सांस्कृतिक चेतना का विकास हो इसलिए राष्ट्रभाषा को शिक्षा प्रणाली में स्थान दिया जाता है अथवा राष्ट्रीय भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाया जाना चाहिए।
(5) राष्ट्रीय चरित्र - प्रत्येक राष्ट्र की शिक्षा प्रणाली राष्ट्रीय चरित्र से जुड़ी रहती है इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास राष्ट्रीय चरित्र के अनुसार ही होता है। राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली एवं राष्ट्रीय चरित्र के मध्य गहन सम्बन्ध है। इसलिए दोनों ही समान रूप से एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं, यही कारण है कि राष्ट्रीय चरित्र को राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण आधार माना गया है।
(6) आर्थिक क्षमता- देश की शिक्षा प्रणाली का आधार देश की आर्थिक क्षमता होती है। देश की आर्थिक निर्भरता में शिक्षा प्रणाली का अपना एक महत्वपूर्ण योगदान होता है परन्तु ऐसा तभी सम्भव है जब शिक्षा के उद्देश्य, पाठ्यक्रम, शिक्षण पद्धति आदि का देश की आर्थिक स्थिति तथा आवश्यकता को ध्यान में रखकर निर्धारण किया जाता है। आज हमारे देश में इस क्षेत्र में जो भी प्रयास किए जा रहे हैं वे आर्थिक क्षमताओं तथा आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नहीं किए जा रहे हैं, इसीलिए आज हमें इस बात की आवश्यकता है कि देश की आर्थिक क्षमता को ध्यान में रखकर ही राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास किया जाए।
(7) राजनैतिक आधार देश की शिक्षा प्रणाली पर राजनीतिक स्थिति एवं राजनैतिक परिवर्तनों का गहरा प्रभाव पड़ता है। जिसके दो प्रमुख आधार हैं- (i) जनभावना, (ii) शासन प्रणाली।
(i) जनभावना देश की शिक्षा प्रणाली के विकास में जनभावना का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
(ii) शासन प्रणाली- देश की शिक्षा प्रणाली पर राजनैतिक विचारधारा का प्रभाव पड़ता है जैसे देश की शिक्षा प्रणाली का प्रमुख उद्देश्य प्रजातन्त्र के प्रति विद्यार्थियों में आस्था पैदा करना है क्योंकि देश की शिक्षा प्रणाली प्रजातन्त्रीय सिद्धान्तों पर आधारित है।

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