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बी ए - एम ए >> चित्रलेखा

चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- माण्टेसरी तथा किण्डरगार्टन पद्धति की तुलना कीजिए।
उत्तर- माण्टेसरी तथा किण्डरगार्टन पद्धति की तुलना
इन पद्धतियों के मध्य तुलना करने के लिए दोनों में समानताओं व असमानताओं का अध्ययन किया जायेगा।
(A) समानतायें इन दोनों ही पद्धतियों की समानतायें निम्नलिखित हैं-
(1) दोनों ही पद्धतियों में इन्द्रियों के प्रशिक्षण पर बल देते हैं।
(2) दोनों ही पद्धतियाँ बालक के लिए उपयुक्त हैं। इनमें प्रायः 3 - 7 वर्ष तक के बालकों की शिक्षा का आयोजन होता है।
(3) दोनों ही पद्धतियाँ स्वतन्त्र चातावरण में खेल तथा क्रियात्मक पद्धति का समर्थन करती हैं। (4) दोनों ही पद्धतियों में बालक को सभ्य तथा शिष्ट नागरिक बनाने का प्रयास किया जाता है।
(5) दोनों ही पद्धतियों में बालक की अन्तः शक्तियों के विकास का ध्यान रखा जाता है।
(6) दोनों पद्धतियों में शिक्षक का स्थान निर्देशक और पथ-प्रदर्शक का होता है।
(7) दोनों पद्धतियों में बालक को स्वतन्त्र वातावरण प्रदान किया जाता है।
दोनों पद्धतियों में शिक्षा यन्त्रों का उपयोग किया जाता है। किण्डरगार्टेन में फ्रोबेल ने बच्चों को अनेक उपहार देकर उन्हीं ने माध्यम से शिक्षा देने की व्यवस्था की है। इसी प्रकार से माण्टेसरी में भी विभिन्न प्रकार के उपकरणों के माध्यम से शिक्षा दी जाती है।
(B) असमानतायें - इन दोनों ही पद्धतियों में निम्नलिखित असमानतायें हैं जो कि इस प्रकार हैं- (1) माण्टेसरी पद्धति मे जो भी सिखाया जाता है वह बोधगम्य है, जबकि किण्डरगार्टेन में बहुत सी बातें तो शिक्षकों की समझ में नहीं होती हैं।
(2) माण्टेसरी पद्धति वैयक्तिक है जबकि किण्डरगार्टन पद्धति सामाजिक है।
(3) माण्टेसरी पद्धति में पहले लिखना सिखाया जाता है परन्तु किण्डरगार्टेन पद्धति में पहले पढ़ना सिखाया जाता है।
(4) किण्डरगार्टेन में खेल, गति तथा संगीत के विकास के अधिक अवसर हैं किन्तु माण्टेसरी पद्धति में नहीं।
(5) फ्रोबेल के उपहार सरलता से मिल जाते है जबकि माण्टेसरी के यंत्रों को कठिनाई से प्राप्त किया जाता है।

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