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चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशेषतायें
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित हैं-
(1) शैक्षिक स्तर को उच्च बनाना इस शिक्षा नीति के पाठ्यक्रम के अन्तर्गत ऐसे विषयों को समाविष्ट किया जाता है जिसका स्तर उच्च का हो जैसे कि गणित, विज्ञान आदि विषय न केवल हमारे देश में वरन विदेशों में भी इसे पढाया जाता है। इस प्रकार हमारे देश का शिक्षार्थी विदेश में जाकर भी इस स्तर को प्राप्त कर सकेगा।
(2) शैक्षिक स्तर तथा पाठ्यक्रम में समानता राज्य के शैक्षिक स्तर एवं पाठ्यक्रम में जो भी असमानतायें हैं वो इस शिक्षा पद्धति के द्वारा ही हैं। अगर वो समाप्त हो जायेंगी तथा समस्त राज्यों में एक समान पाठ्यक्रम बनाया जाएगा जिससे पश्चिम में जो रहने वाला छात्र होगा वो पूरब में भी अपनी शिक्षा को प्राप्त कर सकेगा तथा प्रत्येक छात्र चाहे वह किसी भी प्रान्त का हो प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षा पास कर सकेगा।
(3) मूल्यांकन की नवीन व्यवस्था - नवीन शिक्षा पद्धति के द्वारा मूल्यांकन के लिए नई मूल्यांकन प्रणाली का निर्माण किया गया है। शिक्षार्थियों को परीक्षा परिणाम श्रेणियों एवं ग्रेडों के आधार प्रदान किए जाते हैं। ये ग्रेड मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते हैं
(i) विशिष्ट योग्यता, (ii) उत्तम, (iii) अच्छा, (iv) सन्तोषजनक, (v) निम्न।
नवीन शिक्षा प्रणाली के द्वारा किसी भी छात्र को अनुत्तीर्ण नहीं किया जायेगा।
(4) शिक्षा संरचना में समरूपता - इस नवीन शिक्षा पद्धति के द्वारा सम्पूर्ण देश की शिक्षा पद्धति में समरूपता को देखा जा सकेगा। यह समरूपता शिक्षार्थियों में राष्ट्रीय एकता की भावना को जागृत करेगी तथा राष्ट्रीय एकता के द्वारा बुद्धिजीवी वर्ग एक-दूसरे के प्रान्तों के व्यक्तियों से विचारों का आदान- प्रदान कर सकेगे।
(5) विश्वविद्यालय में बढ़ती हुई शिक्षार्थियों की भीड़ को रोकना - यह पद्धति विश्वविद्यालयों में शिक्षार्थियों की भीड़ रोकने में सफल रहेगी। शिक्षार्थी व्यावसायिक शिक्षा को प्राप्त करके रोजगार को प्राप्त कर सकेगा और कार्यरत व्यक्ति यदि शिक्षा को प्राप्त करना चाहते हैं तो वे पत्राचार के माध्यम से शिक्षा को ग्रहण कर सकेंगे।
(6) व्यावसायिक शिक्षा प्रधानता - शिक्षा पद्धति के अन्तर्गत व्यावसायिक शिक्षा को प्रमुखता दी गई है जिसे प्राप्त कर छात्र में स्वावलम्बन की भावना विकसित होगी और श्रम के प्रति निष्ठा की भावना पैदा होगी। छात्र अपनी रुचि के अनुसार व्यवसाय को आरम्भ कर सकेगा जिससे कि बेरोजगारी की समस्या का समाधान किया जा सकेगा।
(7) स्वास्थ्य में सुधार - इस शिक्षा पद्धति के अन्तर्गत शारीरिक शिक्षा को महत्व प्रदान किया गया है जिससे कि छात्र के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ में सुधार किया जा सकेगा।
नई शिक्षा नीति राष्ट्र के विकास में सहायक रूप से सिद्ध होगी जिसकी कुछ विशेषतायें जैसे कि शिक्षा में समानता, व्यावसायिक शिक्षा प्रधानता आदि को आँखों से कतई ओझल नहीं किया जा सकता।
किसी भी देश की प्रगति और उसकी शिक्षा व्यवस्था उस देश की शिक्षा प्रणाली पर आधारित होती है। जिसके आधार पर सम्पूर्ण देश की शिक्षा व्यवस्था में समानता, गत्यात्मकता एवं प्रगतिशीलता देखने को मिलती है।

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