बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक साधनों में कौन अधिक महत्वपूर्ण है?
उत्तर-
शिक्षा के औपचारिक तथा अनौपचारिक साधनों का अध्ययन किए जाने के उपरान्त यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि इन दोनों साधनों में से किस साधन को महत्वपूर्ण माना जाए क्योंकि ये दोनों ही साधन की अपनी-अपनी विशेषतायें और परिसीमायें हैं। दोनों ही प्रकार की शिक्षा का प्रयोग विश्व के सभी समाजों द्वारा अतीत के मूल्यों को बनाये रखने तथा उन्नति के पथ पर अग्रसर होने के लिए किया जाता है।
औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता समाज की जटिलता के साथ बढ़ती जाती है। आधुनिक समय में ज्ञान, विज्ञान एवं तकनीकी कुशलता में आशातीत वृद्धि हुई है जिसके परिणामस्वरूप औपचारिक शिक्षा का काफी हद तक विस्तार हुआ है। इस विस्तार के साथ ही प्रत्यक्ष सम्पर्क और विद्यालयी अनुभवों में अवांछनीय अन्तर होने का डर भी है। इसका कारण यह है कि शिक्षा के दोनों साधनों के बीच उचित सन्तुलन नहीं रखा जा सका गया। किसी एक साधन को ही अनावश्यक रूप से महत्व दिया गया जबकि दूसरे साधन की उपेक्षा की गयी। वास्तव में औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों ही साधनों को बराबर मूल्य एवं महत्व प्रदान किया जाए।
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