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चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।

उत्तर-

वैदिक कालीन शिक्षा

प्राचीन भारत में शिक्षा के एक सुसंगठित एवं सुनियोजित स्वरूप का विकास हुआ जिसे वैदिक शिक्षा प्रणाली कहते हैं, जिसके आधारभूत स्तम्भ चार वेद से - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद। वर्तमान समय में इस शिक्षा के स्वरूप दर्शन भी इन्हीं वेदों के आधार पर किया जाता है, अतः इसे वैदिक शिक्षा के नाम से जाना जाता है। कुछ प्रमुख भारतीय विद्वानों ने वैदिक काल को अनेक काल खण्डों में विभाजित किया। जैसे कि उत्तर वैदिक काल, ब्राह्मण काल उपनिषद काल, सूत्रकाल तथा स्मृतिकाल आदि। इन विभाजित काल खण्डों में शिक्षा के स्वरूप में न्यूनाधिक परिवर्तन होते रहे परन्तु शिक्षा का मूल आधार वेद ही बने रहे। इसीलिए इस सम्पूर्णकाल खण्ड को 'वैदिक काल के अन्तर्गत अध्ययन करना अधिक उपयुक्त प्रतीत होता है।

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