बी ए - एम ए >> चित्रलेखा चित्रलेखाभगवती चरण वर्मा
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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के विकास में आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
अथवा
अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के विकास के लिए शिक्षा की आवश्यकता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के लिए शिक्षा की आवश्यकता का महत्व
1. सामूहिक विकास का भाव जाग्रत करने के लिए - आज के युग में किसी एक देश का विकास कोई अर्थ नहीं रखता यदि विश्व के अन्य देश पिछडे हो। शिक्षा द्वारा विकसित देशों में यह भाव जागृत करने की आवश्यकता है कि एकाकी विकास उपयोगी नहीं है बल्कि विश्व के देशों के सामूहिक विकास की आवश्यकता है।
2. संकीर्ण राष्ट्रीयता के भाव की समाप्ति के लिए - विश्व में संघर्ष सदैव संकीर्ण राष्ट्रीयता के कारण हुए हैं। दोनों विश्वयुद्ध संकीर्ण तथा उग्र राष्ट्रीयता के परिणाम थे। शिक्षा द्वारा इस संकीर्ण भावना को समाप्त किया जा सकता है और आपसी सदभाव का विकास किया जा सकता है।
3. अन्तर्राष्ट्रीय न्याय की प्राप्ति के लिए शिक्षा के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय न्याय की प्राप्ति के लिए वातावरण बनाया जा सकता है। अनेक देश दूसरे निर्धन तथा कमजोर देशों का शोषण करते हैं। इनके विरुद्ध न्याय की भावना का जागरण शिक्षा द्वारा ही किया जा सकता है।
4. मनुष्य में मनुष्यत्व जागृत करने के लिए - शिक्षा द्वारा विश्व के मनुष्यों में यह भाव जाग्रत किया जा सकता है कि मानव मात्र समान है। व्यक्ति-व्यक्ति में कोई अन्तर नहीं होता है, अतः सभी प्रकार भेद-भाव, जातिगत, धर्मगत तथा देशगत को भुलाकर केवल मानवीय भाव जाग्रत करना चाहिए, इसके लिए उचित दृष्टिकोण की शिक्षा परम आवश्यक है।
5. विश्व नागरिकता की भावना विकसित करने के लिए आज प्रत्येक देश की शिक्षा राष्ट्रीय भावना के जागरण का कार्य कर रही है परन्तु आवश्यकता है कि देश की नागरिकता के भाव की जागृति के साथ-साथ शिक्षा विश्व नागरिकता की भावना का जागरण भी करे।
6. युद्ध के परिणामों से बचाने के लिए आज नैतिक देश में आपसी वैमनस्य की स्थिति पैदा होती है। एक-दूसरे देश से संघर्ष पर उतारू दिखाई देता है। ऐसे समय इस प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता है जो मैत्री भाव विकसित कर सके तथा युद्ध के भयावह परिणामों से सचेत कर सकें।
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