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बी ए - एम ए >> चित्रलेखा

चित्रलेखा

भगवती चरण वर्मा

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 19
आईएसबीएन :978812671766

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बी.ए.-II, हिन्दी साहित्य प्रश्नपत्र-II के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार पाठ्य-पुस्तक

प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

ज्ञान का विकास

वैदिककालीन शिक्षा का सर्वप्रमुख उद्देश्य ज्ञान का विकास था। उस समय ज्ञान का मनुष्य को तीसरा नेत्र माना जाता था (ज्ञानं मनुजस्य तृतीय नेत्रं) और यह माना जाता था कि ये दो नेत्र तो केवल भौतिक जगत अर्थात् दृश्य जगत का ज्ञान भर कराते हैं जबकि यह तीसरा ज्ञान रूपी नेत्र भौतिक तथा आध्यात्मिक अर्थात् स्थूल एवं सूक्ष्म या दृश्य या अदृश्य दोनों जगत का ज्ञान कराता है। ज्ञान का नेत्र सत्य-असत्य, भले-बुरे तथा करणीय एवं अकरणीय का भेद स्पष्ट करता है तथा भौतिक एवं आध्यात्मिक उपलब्धियों को प्राप्त करने का मार्ग स्पष्ट करता है।
आध्यात्मिक उन्नति- वैदिककालीन शिक्षा का अन्तिम तथा अति महत्त्वपूर्ण उद्देश्य मनुष्य का आध्यात्मिक उन्नति करना था तथा उसके बाह्य एवं आन्तरिक दोनों पक्षों को पवित्र बनाकर उन्हें परम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति की ओर अग्रसर करना था। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु छात्रों को भाषा साहित्य धर्म और नीतिशास्त्र का ज्ञान कराया जाता था। छात्रों में धार्मिक भावना और ईश्वर भक्ति की भावना का विकास कराया जाता था। इन्द्रिय निग्रह, ब्रह्मचर्य व्रत का पालन, धर्मानुकूल आचरण इत्यादि क्रियाओं का प्रशिक्षण भी कराया जाता था।

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